विश्वस्तरीय कंवरराम धाम को संत युधिष्ठिरलाल ने दी भेंट
संतों की मूर्तियों पर किए श्रद्धासूमन अर्पित
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उपस्थित भाविकों को दिए आर्शीवचन
अमरावती/दि.3 – शदाणी दरबार के नवम ज्योत संत साई डॉ. युधिष्ठिरलाल साहिब ने विश्वस्तरीय निर्माणाधीन संत कंवरराम धाम जरवार में भेंट देकर संत कंवरराम साहिब के पौत्र संत साई मनोहरलाल साहिब की मूर्ति कंवरधाम के चतूर्थ ज्योत साई राजेशलाल साहब को प्रदान की. शीघ्र ही पूज्य डेवरी साहिब पर स्थापित मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी. सर्वप्रथम संत साई डॉ. युधिष्ठिरलाल ने संत सतरामदास, संत कंवरराम, संत पेशुराम साहिब की मूर्तियों पर चादर रुपी पखर अर्पण किए और श्रद्धासूमन अर्पित किए.
संत कंवरधाम ट्रस्ट की ओर से साई राजेशलाल, उपाध्यक्ष सुधामचंद तलडा, कोषाध्यक्ष लीलाराम कुकरेजा, इंजी. अशोक बत्रा, कार्यालय सचिव तुलसी सेतीया ने कंवरधाम में पधारे संतों का व शदाणी दरबार अमरावती के तोताराम खत्री का स्वागत सत्कार किया. इस अवसर पर संत साई डॉ. युधिष्ठिलाल साहिब ने उपस्थितों से अपने आर्शीवचन में कहा कि, नवनिर्माण संत कंवर धाम में हम प्रसन्नता व श्रद्धापूर्वक आए है. शदाणी दरबार की पंचम पातशाही माता हासीदेवीजी कहती थी ‘थिए धर्मजी जय-जयकार, सभई वंदना रहनद्बार’ अर्थात होती रहे धर्म की जय-जयकार और फलते-फूलते रहे संतों महापुरुषों के द्बार (स्थान) संत युधिष्ठिलाल ने आगे कहा कि शदाणी दरबार व संतों के अमर शहीद संत कंवरराम के संबंध तब से है जब वे बालक थे. माता हासीदेवी के सानिध्य में संत कंवरराम में संगीत की शिक्षा हराम पिताफी दरबार के संगीतज्ञ भाई हासाराम से ली.
संत युधिष्ठिरलाल ने कंवर धाम के निर्माण कार्य को लेकर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए शुभ आशीष दिए. संत साई राजेशलाल साहिब ने शदाणी दरबार और संत कंवरराम साहिब के परिवार के संबंधों पर रोशनी डाली व संतो के प्रसंग भी बताए. कार्यक्रम का संचालन तुलसी सेतीया ने किया. इस समय सिंध पाकिस्तान से पधारे सुधामचंद, कराची से पधारे अशोक कुकरेजा, अमरेश शदाणी, बचाराम बत्रा नागपुर, बेबुराम भीमनदास आहुजा इन्दौर, पुरुषोत्तम बत्रा नागपुर, भाई धीरामल बत्रा, दिलीप ललन, बंटी फेरवानी, अजीत बत्रा, योगेश खत्री, संजय कटारिया, राजेश मंधान, कैलाश बत्रा, हरिश बजाज, सतीवान मंगलानी, रोशन तलडा आदि उपस्थित थे.