अमरावती

लाखों रूपयों का वेतन, नियत हजार-दो हजार की रिश्वत में

लगातार बढ रहे है घूसखोरी के मामले

अमरावती/दि.10- भ्रष्टाचार प्रतिबंधक विभाग ने जनवरी से मई इन पांच माह के दौरान पांच यशस्वी ट्रैप किये, जिसमें सार्वजनिक निर्माण (आदिवासी) विभाग के कार्यकारी अभियंता व वरिष्ठ लिपीक, महानगर पालिका के अग्निशमन विभाग के तीन फायरमैन, ठेका नियुक्त स्वास्थ्य निरीक्षक, सफाई कामगार, महावितरण के उपकार्यकारी अभियंता तथा एक सरपंच पर कार्रवाई करते हुए इन सभी को रिश्वत की रकम स्वीकारते समय रंगेहाथ गिरफ्तार किया गया.
यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, इन दिनों सभी सरकारी महकमोें में सभी अधिकारियों व कर्मचारियों का मासिक एवं सालाना वेतन लाखों रूपयों के आसपास जा पहुंचा है. जो उन्हें आम नागरिकों से जुडे काम करने हेतु दिया जाता है. लेकिन इसके बावजूद भी आम नागरिकों के काम करने हेतु सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा रिश्वत की मांग की जाती है, ताकि कुछ उपरी कमाई हो सके. ऐसे में कहा जा सकता है कि, भले ही सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों को लाखों रूपयों का वेतन मिलता है, लेकिन उनकी नियत हजार-दो हजार रूपयों की रिश्वत में अटकी रहती है.

* रिश्वतखोरी में मनपा सबसे अव्वल
विगत पांच माह में एसीबी द्वारा पांच ट्रैप सफल किये गये. जिसमें अकेले मनपा से ही पांच लोग रिश्वत स्वीकारते हुए रंगेहाथ पकडे गये. जिसके जरिये मनपा में खुलेआम और धडल्ले से चलनेवाली रिश्वतखोरी उजागर हुई है और घुसखोरी के मामले में मनपा ने सबसे अव्वल स्थान हासिल किया है.

* किस विभाग के कितने धरे गये
एसीबी द्वारा पकडे गये रिश्वतखोरों में महानगर पालिका के 5, सार्वजनिक निर्माण (आदिवासी) विभाग के 2, महावितरण व ग्रामविकास के 1-1 कर्मचारी के अलावा 3 निजी व्यक्तियों का समावेश है.

* मार्च व अप्रैल में 2-2 ट्रैप
विगत मार्च व अप्रैल माह के दौरान एसीबी द्वारा 2-2 ऐसे कुल चार ट्रैप किये गये. वहीं मई माह के दौरान एक ट्रैप लगाया गया था.

* संपत्ति अटैच करने का कोई प्रस्ताव नहीं
जिले में किसी भी घूसखोर की संपत्ति को जप्त या अटैच करने का कोई प्रस्ताव नहीं है. वहीं अमरावती परिक्षेत्र में शामिल यवतमाल जिले में एक सहायक वन संरक्षक सहित उसकी पत्नी व बेटे के नाम रहनेवाली संपत्ति को अटैच करने का प्रस्ताव जरूर तैयार किया गया है.

* पांच ट्रैप में 12 गिरफ्तार
विगत पांच माह के दौरान की गई पांच कार्रवाईयों में कुल 12 रिश्वतखोरों को एन्टी करप्शन ब्यूरो द्वारा गिरफ्तार करते हुए उनके खिलाफ अपराध दर्ज किये गये है.

* न रिश्वत लें और न रिश्वत दे
रिश्वत लेना और देना दोनों ही कानूनन जुर्म है. अत: किसी भी सरकारी कामकाज के लिए आम नागरिकों ने रिश्वत नहीं देनी चाहिए. साथ ही अगर कोई सरकारी अधिकारी या लोकसेवक द्वारा रिश्वत मांगी जाती है, तो उसकी शिकायत भ्रष्टाचार प्रतिबंधक विभाग से करनी चाहिए.
– विशाल गायकवाड
पुलिस अधीक्षक, एसीबी

 

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