अमरावती प्रतिनिधि/दि.३० – मनपा में अस्थायी तौर पर सफाई कर्मचारी के रूप में सेवाएं देनेवाले सफाई कर्मियों को अत्यल्प मुआवजा दिया जा रहा है. बावजूद इसके सफाई कर्मियों को अत्यल्प मुआवजे के लिए भी तरसाया जा रहा है. बीते पांच माह से अस्थायी कर्मचारियों को ठेकेदार की ओर से वेतन नहीं दिये जाने से उन पर भूखमरी की नौबत आन पडी है.
भीम ब्रिगेड संगठन की ओर से मनपा प्रशासन को एक निवेदन देकर अस्थायी सफाई कर्मियों को पांच माह का वेतन देने की मांग की गई है. निवेदन में बताया गया कि, बीते बारह से पंद्रह वर्षों से मनपा अंतर्गत अस्थायी तौर पर सफाई कामगार कार्यरत है. उनको उनके काम का पांच से छह हजार रूपये मुआवजा दिया जा रहा है. इतने कम मुआवजे में घर चलाना व बच्चों की पढाई का खर्चा करना भी मुश्किल साबित हो रहा है.
इतना ही नहीं तो जो मानधन है, वह भी नियमित समय पर नहीं दिया जा रहा. सफाई कामगारों को कोई भी चोट लगने पर प्रशासन अथवा ठेकेदार की ओर से कोई भी मुआवजा नहीं दिया जा रहा है. अस्थायी सफाई कर्मियों को ईपीएफ व ईएसआईपी फंड को अमल में लाकर कामगारों को अस्पताल की सुविधा उपलब्ध कराई जाये. स्वास्थ्य बिमा और भविष्य निर्वाह निधि का लाभ भी दिया जाये. सफाई कामगारों को सरकारी नियमों के अनुसार सभी सुविधाए देने के अलावा कम से कम १२ हजार रुपए वेतन देने की मांग की गई. निवेदन सौंपते समय भीम बिग्रेड के राजेश वानखडे, अशोक नंदागवली, प्रविण मोहोड, उमेश दुर्योधन, विक्रम तसरे, ऋषिकेश उके, अविनाश जाधव, सचिन नव्हाले, शेख इरशाद, मंगेश आठवले, राजेश भट्ट आदि मौजूद थे.