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कपास बीजों की बिक्री 15 मई से

कृषी आयुक्त ने जारी किया पत्र

एक जून के बाद बुआई करने के आदेश
अमरावती/दि.7- किसानों को कपास बीज बिक्री के बारे में कृषी सेवा क्रेंद संचालकों में संभ्रम की स्थिती निर्माण हो गई थी. इस संदर्भ में कृषी आयुक्त ने संभ्रम को दूर कर राज्य में 15 मई से कपास के बीज की खुदरा बिक्री को मान्यता दी है. यह आदेश 5 मई को जारी किया गया है.
राज्य में हंगामी बीटी बीज 15 मई से उपलब्ध कर देने के बारे में आदेश निकाले गए है. 1 मई से उत्पादक कंपनी ने वितरकों को कपास के बीज की आपूर्ती की जाएगी. 10 मई से वितरक खुदरा विक्रेताओं को आपूर्ती करेगें. वही 16 मई से किसान बीज खरीदी कर सकते है. ऐसे आदेश कृषी आयुक्त व्दारा निकाले गए है. जिसके कारण कपास बीज बिक्री के बारे में उठ रहा संभ्रम दूर हो चुका है. खरीप हंगामी के लिए कपास का बीच आया है. हंगामी में गुलाबी बोंड इल्ली का प्रादुर्भाव कपास की फसलों पर न हो, इसके लिए बोंड इल्ली के जीवनचक्र खंडित करने का नियोजन किया गया है. इसके लिए 2018 से 2023 की समयावधी में चलाए जा रहे उपाययोजना के कारण बोड इल्ली का प्रादुर्भाव बहुत ही कम संख्या में मिला है. कृषी आयुक्त ने विगत वर्ष 1 जून से किसानों को कपास की बीज की बिक्री के लिए अनुमती दी है. मगर यह बिक्री योग्य न होने की बात बीज असोसिएशन ने व्यक्त करने के बाद यह परिपत्रक अब पीछे लिया गया है. अब 15 मई तक वितरक तक बीज उपलब्ध होगे. 16 मई से किसानों को कपास के बीज की बिक्री की जाएगी.

1 जून के बाद करनी पडेगी बुआई
कपास पर बोंड इल्ली का प्रादुर्भाव रोकने के लिए पूर्व हंगामी कपास की बुआई को टालना अच्छा है. इस उद्देश्य से किसानों व्दारा 1 जून के बाद बुआई करें. ऐसा नियोजन किया है. इसके पूर्व बीज बिक्री न करें . व किसान एक जून के बाद ही बुआई करे. ऐसे आदेश कृषी विभाग की ओर से भेजे गए पत्र मेें कही गई.

नकली बीजों पर लगेगा लगाम
किसानों को 1 जून के बाद बुआई करने के आदेश देने से कई किसान जिले में ही स्थित कृषी साहित्य केंद्रों से बीज आदि खरीद सकेगें. नहीं तो कई बार किसानों को हैदराबाद, मध्यप्रदेश जलगांव तथा यहां से गुजरात जाना पडता था. जिसके कारण कई बार नकली बीजो के विक्रेता किसानों को नकली बीज पकडा देते थे. मगर कृषी आयुक्त के निर्णय के बाद इन किसानों को अब जिले में ही बीज उपलब्ध कराए जाएगें. जिसके कारण जिले में बाहर गांव से आने वाले नकली बीजों पर लगाम लग सकती है.

कपास कंपनी आपूर्ती समयपत्रक
उत्पादक कंपनी से वितरण – 1 से 10 मई
वितरक से चिल्लर विक्रेता -10 मई
चिल्लर विक्रेता से किसान -15 मई
किसानों व्दारा प्रत्यक्ष बुआई- 1 जून के बाद से

किसानों को दिए जाने वाले बीजों में से पुराने दाम के हिसाब से यह बीज के पैकेट 635 से 730 रुपयों में मिलते थें. किंतु अब बीजी 2 कपास बीज 864 रुपये पाकिट में किसानों को उपलब्ध कराए जा रहे है.

सरकार का अच्छा निर्णय
सरकार की ओर से चिल्लर विक्रेताओं व्दारा किसानों को 15 मई से बीज दिए जाने का जो निर्णय लिया है वह बहुत अच्छा है. इस कारण किसानों को बाहर अन्य राज्यो में जाना नहीं पडेगा. उनका समय बचेगा. वही बीजों का संग्रहण भी अच्छा रहने से किसानो को समय पर सही आपूर्ती हो सकेगी.
मिलिंद इंगोले( अध्यक्ष अम. जिला कृषी साहित्य विक्रेता संगठन)

 

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