अमरावती

आधा शटर खोलकर कपड़ा व अन्य गैरजरूरी वस्तुओं की बिक्री

एसडीओ के आदेश का खुला उल्लंघन

परतवाड़ा/अचलपुर दि. 24  – कोविड 19 के पार्ट टू में अमरावतीं वैब्रिएन्ट की बात सामने आने के बाद भी कुछ अतिसम्पन्न ,रईस कपड़ा शोरूम संचालक अलसुबह सात बजे से ही अपनी दुकानदारी खोलकर बैठ जा रहे.इन कपड़ा व्यापरियो के बड़े बड़े शोरूम है जुड़वाशहर में.यदि लॉकडाउन दो माह ओर भी बढ़ाया गया तब भी इन कपड़ा व्यापारियों की आर्थिक सेहत पर नाममात्र भी फर्क नही पड़ना है.भगवान की कृपा से कपड़ा दुकान के अलावा खुद मालकी की खेतीबाड़ी भी है.बावजूद इसके इन्हें असीम आनंद की प्राप्ति सिर्फ और सिर्फ लॉकडाउन में सुबह 7 बजे अपनी कपड़ा दुकान खोंलने में आता है.रोजाना एक एक कपड़ा शोरूम में 40 से 45 ग्राहकों को पशुओं के समान ठूंसा जा रहा.आधे शटर के सामने किसी दलाल के समान कपड़ा शोरूम के कर्मचारी खड़े रहते.वो आते-जाते लोगो को आवाज लगाते है.क्या होना, आओ ना, अंदर सबकुछ मिलेगा ..! आपकी पसंद की देंगे..!
यह कपड़ा बिक्री का राष्ट्रद्रोह कार्य सुबह 7 बजे से शाम 8 बजे तक बेख़ौफ़ शुरू है.एक कपड़ा दुकानदार ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि ऊपर से लेकर नीचे तक हफ्ता दिया जा रहा,किसी की क्या मजाल जो दुकान बंद करा दे.इन दुकानदारों में एक राष्ट्रवादी के छुटभैये नेता का भी शोरूम है. कपड़े के साथ ही जूते-चप्पल की बिक्री भी जारी है.कुछ होटल पार्सल की बजाय गरमागरम रस्से के साथ परोसकर खिला रहे.
  कानून और व्यवस्था के रक्षकों के साथ मिलकर यह ऑफ द रिकार्ड व्यापार खुले आम चल रहा.इनकी तुलना में छोटे कपड़ा दुकानदारों की दुकान बंद नजर आती.छोटे दुकानदार को दुकान खोंलने पर दो से पांच हजार जुर्माने का भय सताते रहता.
  जो कपड़ा शोरूम विगत आठ दिनों से रोजाना आधा शटर खोल व्यापार कर रहे,दरअसल इन कथित व्यापारियों को कोरोना संक्रमण से कोई लेना-देना नही और न ही इन्हें राज्य और देश को सहयोग करने की कोई इच्छा है.एक ही मकसद है पैसा कमाना है,खूब कमाना है.ये शोरूम संचालक नही है अपितु दारिद्रय रेखा के नीचे जीवनयापन करते (बिलो पॉवर्टी लाइन )गरीब दुकानदार है.घर मे दो वक्त के खाने की सोय नही है इसलिए बेचारे अलसुबह सात बजे से शटर खोल बैठ जाते. नगर पालिका और तहसील प्रशासन भी इन गरीब कपड़ा दुकानदारों को भरपूर सहयोग दे रहा है.जिलाधीश शैलेश नवाल के आदेश का उल्लंघन कर अनावश्यक कपड़ा शोरूम रोजाना व्यापार कर रहे.अन्य पीड़ित व्यापारियों की मांग है कि या तो प्रशासन इन गरीबो की दुकानदारी बंद कराए अथवा अन्य सभी को व्यापार करने की अनुमति प्रदान करे.

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