अमरावती

नियमों का पालन कर चल रहा सलून व्यवसाय

मास्क व एप्रन पहनकर की जा रही है कटींग-दाढी

अमरावती प्रतिनिधि/दि.२३ – कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए लॉकडाउन काल के दौरान सभी सलून पूरी तरह से बंद थे. चूंकि सलून व्यवसाय में ग्राहकों व दूकानदारों के बीच फिजिकल डिस्टन्सिंग का पालन नहीं हो सकता अत: अनलॉक की प्रक्रिया शुरु होेने के बाद भी लंबे समय तक सलून व्यवसायों को खुलने की अनुमति नहीं दी गई. ऐसे में सलून व्यवसायियों को लॉकडाउन काल के दौरान करोडों रुपयों का नुकसान सहन करना पडा. वहीं अब कई नियमों व शर्तों के अधिन रहते हुए प्रशासन ने सलून व्यवसायियों को अपना कामकाज शुरु करने की अनुमति प्रदान की है. ऐसे में शहर के १,२०० से अधिक सलून व्यवसायियों ने अपने सलून शुरु किये है. जहां इस समय सभी सलून व्यवसायी मास्क व एप्रन पहनकर अपने ग्राहकों की कटींग व दाढी बना रहे है. साथ ही हर कटींग-दाढी के बाद ग्राहकों के बैठने हेतु रखी गई कुर्सी सहित कंघी-कैची को भी सैनिटाइज किया जा रहा है. इन दिनों कोरोना काल के बाद सलून व्यवसायियों द्बारा कटींग व दाढी की नयी दरें अमल में लायी है. जिसके तहत साधे व सामान्य सलून में कटींग की दरें ८० से १०० रुपए और दाढी की दरें ५० रुपए तय की गई है. वहीं वातानुकूलित दूकानों में कटींग की दरें १२० रुपए व सेqवग की दरें ७० रुपए रखी गई है. हालांकि अब भी प्रशासन द्बारा सलून व्यावसायियों को ग्राहकों की शेविंग करने की अनुमति प्रदान नहीं की गई लेकिन कई सलून व्यवसायियों ने अपने ग्राहकों की मांग व आग्रह को देखते हुए सेqवग करने का काम भी शुरु किया गया है.

  • सर्दी-खासी व बूखार जैसी बीमारियां रहने वाले अथवा होम क्वारंटाइन किये गये लोग सलून में आना टाले. इसके अलावा जितने भी लोग सलून में आ रहे है, वे मास्क पहनकर ही आये और कम से कम बात करें. साथ ही सभी ग्राहक अपने साथ अपना खुद का टॉवेल लेकर आये तथा सलून में आते समय सैनिटाइजर का प्रयोग जरुर करें, इस आशय का पत्र सलून व्यवसायियों के संगठन द्बारा जारी किया गया है.
  • इस समय सामान्य सलून में केवल कटींग और हेअर डाय करने की अनुमति है. हम लोग सभी नियमों का पालन करते हुए अपना व्यवसाय कर रहे है. लॉकडाउन के दौरान सलून व्यवसायियोें का काफी नुकसान हुआ है. जिसकी भरपाई नहीं हो सकती. ऐसे में सलून व्यवसायियों ने कटींग व शेविंग की नई दरें तय की है. जिसके लिए सभी ग्राहकों ने सहयोग करना चाहिए. इस आशय का आवाहन करते हुए महाराष्ट्र नाभिक महामंडल के विदर्भ अध्यक्ष विवेक राउत ने बताया कि, सभी सलून में ग्राहकों व सलून कारागीरों को मास्क लगाना अनिवार्य किया गया है और उनके हाथों को सैनिटाइज किया जाता है. साथ ही बेसिन में हाथ धोने की व्यवस्था की गई है. इसके साथ ही कटींग व हेअर डाय करते समय हर ग्राहक के लिए अलग-अलग यूज एण्ड थ्रो एप्रन का प्रयोग किया जाता है और हर ग्राहक के लिए स्वतंत्र नैपकीन का प्रयोग करने के साथ ही हर कटींग व शेविंग के बाद पूरे साजो-सामान को सैनिटाइज किया जाता है.
  • इस वजह से बढी है दरें

पहले कटींग व दाढी करते समय कई ग्राहकों के लिए एक ही एप्रन का प्रयोग किया जाता था लेकिन अब हर ग्राहक के लिए अलग-अलग यूज एण्ड थ्रो एप्रन का प्रयोग होता है. साथ ही हर ग्राहक की शेविंग स्वतंत्र नैपकिन का प्रयोग किया जाता है. इसके अलावा हर महीने करीब ५ से ७ लीटर सैनिटाइजर की जरुरत पडती है, ऐसे में अब सलून व्यवसायियों की लागत बढ गई है और हर कटींग के १०० रुपए में से ३० रुपए इन ही तमाम बातों पर खर्च होते है. पहले खर्च कम होने की वजह से फायदा अधिक होता था वहीं अब खर्च ही बढ गया है. जिसकी वजह से दरें बढानी पडी है, ऐसा सलून व्यवसायियों का कहना है.

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