अमरावती

संभाजी भिडे की सभाओं पर लगाए पाबंदी, करे गिरफ्तार

माली समाज पहुंचा राजापेठ थाना, सौंपा ज्ञापन

* महात्मा ज्योतिबा फुले के प्रति किए वक्तव्य का मामला
अमरावती/दि.31- क्रांतिसूर्य महात्मा ज्योतिबा फुले के प्रति किए गए वक्तव्य को लेकर शिव प्रतिष्ठान हिंदुस्तान संगठना के प्रमुख संभाजी भिडे उर्फ मनोहर कुलकर्णी को तत्काल गिरफ्तार करने की मांग को लेकर माली समाज के नागरिक राजापेठ पुलिस स्टेशन पहुंचे और थानेदार सीमा दातालकर को ज्ञापन सौंपा.
संभाजी भिडे ने बडनेरा रोड स्थित जय भारत मंगलम में गुुरुवार 27 जुलाई को कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए महात्मा ज्योतिबा फुले के बारे में आपत्तिजनक वक्तव्य किया था. देश में अंगे्रजो ने भारतीयोें को राज्य कैसे हासिल करना यह सिखाने के लिए देश में सुधारक नामक जाति पैदा की. चयनित समाज सुधारकों को पदवी देकर लोगों में छोडा. जिसमें उत्तर प्रदेश के भारत प्रसाद मिश्रा, बंगाल में राजा राममोहन रॉय, तमिलनाडू में रामास्वामी नायकर और महाराष्ट्र में ज्योतिबा फुले का प्रमुख रुप से समावेश था. इन सभी पर देशद्रोह के आरोप है. मेरे पास इस बाबत सभी सबूत उपलब्ध है, ऐसा दावा संभाजी भिडे ने अपने भाषण में किया था. यह खबर प्रकाशित होने के बाद माली समाज ने संभाजी भिडे के विरोध में तीव्र रोष निर्माण हुआ. माली समाज बंधुओं ने एकजुट होकर राजापेठ पुलिस स्टेशन पहुंचकर संभाजी भिडे के विरोध में जोरदार नारेबाजी की और थानेदार के पास शिकायत दर्ज की. संभाजी भिडे ने अमरावती की सभा में देश के महापुरूष महात्मा ज्योतिबा फुले, महात्मा गांधी और अन्य महापुरुषों के खिलाफ अशोभनिय वक्तव्य किया. महापुरुषों का चरित्र हनन किया. संभाजी भिडे बार-बार इस तरह के वक्तव्य कर देश के महापुरुषों का अपमान कर रहे हैं. जिससे समाज की भावना आहत हो रही है. देश में जातिय तनाव निर्माण होने की भी संभावना शिकायत में दर्ज करते हुए संभाजी भिडे के खिलाफ तत्काल मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार करने, उनकी सभा पर पाबंदी लगाने की मांग माली समाज बंधुओ ने अपनी शिकायत में की है. इस समय पूर्व उपमहापौर गणेश खारकर, एड. नंदेश अंबाडकर, राजेंद्र हाडोले, श्रीकृष्ण बनसोड, एड. आशीष लांडे, वासुदेव चौधरी, मनोज हेले, अशोक दहिकर, अरविंद अकोलकर, गजानन लोखंडे, संजय नागोने, प्रफुल भोजने, नंदकिशोर वाट, राजेंद्र जटाले, संजय थावडे, रुपेश फसाटे, यशवंत कांडलकर, श्रीकांत नागरिकर, श्रीधर देशमुख, नानाभाउ आमले, बबनराव शिंगणे, राजकुमार खैरे, अनिल कलमकर, बंडू कथिलकर, प्रा. उद्धव कविटकर, अशोक कविटकर, प्रा. हेमंत बेलोकार, प्रफुल वासनकर, विनोद बोबडे, डी. एस. पवार, प्रा. डी. एस. उमप, वैशाली ठाकुरकर, छाया कथिलकर, स्मिता घाटोल, पद्मा घाटोल, अजय राउत, श्रीधर ढाकुलकर, रुपाली ढोरे आदि उपस्थित थे.

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