अमरावती

विवादित बयान करनेवाले संभाजी भिडे को नजरकैद में रखा जाए

पूर्व सांसद अनंत गुढे ने राज्य सरकार से की मांग

अमरावती/दि.2-विदर्भ के कई जिले में विगत सप्ताह में संभाजी भिडे ने सभा में महापुरूषों, और संतों के बारे में विवादित बयान किया. महापुरुषों के प्रति ऐसे विवादित करने वाले संभाजी भिडे को राज्य सरकार ने नजरकैद में रखने की मांग शिवसेना के पूर्व सांसद अनंतराव गुढे ने की है.
संभाजी भिडे के बयान का सभी राजनीतिक दल, सामाजिक संगठनों ने निषेध किया है. मुख्यमंत्री व कई मंत्रियों ने भी उनके विवादित बयान का तीव्र शब्दों में निषेध व्यक्त किया. कई स्थानों पर पुलिस ने मामला दर्ज किया है, फिरभी संभाजी भिडे खुलेआम घूम रहे है, उन्हें गिरफ्तार क्यों नहीं किया जा रहा? यह सवा अनंतराव गुढे ने राज्य सरकार से किया है. महाराष्ट्र में कई संत, महात्मा होकर गए है. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, क्रांतिसूर्य महात्मा ज्योतिराव फुले, विश्वरत्न डॉ.बाबासाहेब आंबेडकर जैेसे महापुरूष रहे है. संभाजी भिडे की जातपात का कोई पता नहीं और किस भरोसे पर इन महान विभुतियों की निंदा कर रहे है. शांतिपूर्ण समाज में जहर घोलने का काम करने वाले संभाजी भिडे को सरकार ने गिरफ्तार कर महाराष्ट्र में घूमने पर पाबंदी लगाना चाहिए, ऐसा पूर्व सांसद गुढे ने कहा. संभाजी भिडे विकृत मनुष्य है. उनका असली नाम मनोहर भिडे है. वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक थे. उन्होंने अपना नाम संभाजी भिडे करवाया. मणिपुर में फैली हिंसा का असर पूरे विश्व में पड रहा है. इस विषय को मोडने के लिए संभाजी भिडे का इस्तेमाल किया जा रहा है. मुख्यमंत्री, दोनो उपमुख्यमंत्री ने उनपर कार्रवाई होगी, ऐसा कहने पर भी अमरावती में राज्यसभा सांसद संभाजी भिडे का समर्थन कर रहे है. उनके दल का एकभी पदाधिकारी उनके साथ नहीं रहने पर वे संभाजी भिडे के लिए पुलिस थाना में जाते है, इस बात देखकर अचरज होता है, ऐसा गुढे ने कहा. कहीं इनको महाराष्ट्र का मणिपुर तो बनाना है क्या? शांत, संयमी महाराष्ट्र उन्हें खल रहा है क्या? राजनीतिक दृष्टि से भविष्य में सफल होने के लिए जो कई फंडे इस्तेमाल किए जा रहे है, उनमें से ही संभाजी भिडे विषय पर क्या राजनीति की जा रही है, ऐसा सवाल पूर्व सांसद अनंतराव गुढे ने किया है. राज्य सरकार ने संभाजी भिडे को गिरफ्तार करें, महाराष्ट्र में घूमने पाबंद लगाएं, सरकार की देखरेख में नजरकैद में रखें यह मांग अनंतराव गुढे ने मुख्यमंत्री से पत्र द्वारा की है.

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