अमरावती

समीक्षा महाजन ने चमकाया अमरावती का नाम

बीडीएस में रही पूरे राज्य से टॉपर

* 8 में से 6 विषयों में हासिल की विशेष प्राविण्यता
* रोजाना करती थी 4 से 5 घंटे की नियमित पढाई
अमरावती/दि.12– स्थानीय विदर्भ युथ वेलफेयर सोसायटी व्दारा संचालित डेंटल कॉलेज की छात्रा समीक्षा महाजन ने दंत चिकित्सा पदवी (बीडीएस) की अंतिम परीक्षा में शानदार प्रदर्शन करते हुए पूरे राज्य से टॉपर रहने का बहुमान हासिल किया हैं. अपनी इस उपलब्धी के जरिए समीक्षा महाजन ने राज्य के चिकित्सा जगत में अमरावती शहर का नाम रोशन किया हैं. 8 में से 6 विषयों में विशेष प्राविण्यता हासिल करने वाली समीक्षा इससे पहले डेंंटल कॉलेज व्दारा घोषित परीक्षा परिणाम में अपने महाविद्यालय की टॉपर घोषित हुई थी. वहीं गत रोज नाशिक स्थित महाराष्ट्र स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय व्दारा राज्य की मेरिट सूची घोषित की गई. जिसमें समीक्षा महाजन का नाम सबसे अव्वल स्थान पर रहा और वह पूरे राज्य से बीडीएस की परीक्षा में टॉपर घोषित हुई.
स्थानीय गणेश कॉलोनी निवासी व ब्रीजलाल बियाणी विज्ञान महाविद्यालय के अधीक्षक मनीष महाजन तथा भाजीबाजार परिसर स्थित समीक्षा कम्प्युटर की संचालिका अरुणा महाजन की सुपुत्री समीक्षा महजान अपनी इस सफलता से बेहद अभिभूत हैं. हालांकि उसे उम्मीद नहीं थी कि, वह बीडीएस की फाइनल परीक्षा मे समुचे राज्य से टॉपर बनेगी. परंतु उसे अपने बेहतरीन प्रदर्शन व शानदार अंकों की उम्मीद जरुर थी. समीक्षा महाजन बताती है कि, वह महाविद्यालय में होने वाली पढाई के अलावा अपने घर पर रोजाना 4 से 5 घंटे की नियमित पढाई किया करती थी. जिसके दम पर उसे प्रोस्थोडोंस्टिक, आर्थोडोन्टिक्स, पेडोडोंटिक्स, ओरल मेडिसीन, रेडियोलॉजी, पिरिायोडोन्टोलॉजी व पब्लिक हेल्थ डेंस्टिस्ट्री में डिस्टेंशन यानी विशेष प्राविण्यता वाले अंक मिले हैं और अब बीडीएस की पदवी प्राप्त करने के बाद वह नीट-पीजी की परीक्षा देकर एमडीएस करना चाहती हैं. जिसमें वह किसी ब्रांच को स्पेशलाइजेशन के तौर पर चुनेंगी. साथ ही इससे पहले 1 वर्ष तक इंटरर्नशीप भी करेंगी.
* परिवार व गुरुजनों को दिया श्रेय
बीडीएस की परीक्षा में अपने कॉलेज सहित समूचे राज्य से टॉपर रहने वाली समीक्षा महाजन ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता अरुणा व मनीष महाजन, भाई अरणव महाजन, विदर्भ युथ वेलफेयर के अध्यक्ष डॉ. नितिन धांडे व सभी संचालक, डेंटल कॉलेज के डीन डॉ. राजेश गोंधलकर, डॉ. किशोर अंबाडेकर सहित सभी विभाग प्रमुखों, प्राध्यापकों एवं महाविद्यालय के संपूर्ण स्टाफ को दिया हैं. समीक्षा के मुताबिक अपनी खुद की मेहनत और सभी से मिले सहयोग के चलते आज वह इस मुकाम पर पहुंच पाई हैं. जिसके लिए वह सभी के प्रति बेहद आभारी हैं.

 

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