भटक्या विमुक्त आदिवासी समाज की संवाद यात्रा पहुंची अमरावती
नेहरु मैदान से मोर्चे के रुप में निकली संवाद यात्रा पहुंची कलेक्ट्रेट
* जिलाधिकारी को विविध मांगो का ज्ञापन सौंपा
अमरावती /दि. 14- 72 वे विमुक्त दिन निमित्त भटक्या निमुक्त, आदिवासी संयोजन समिति महाराष्ट्र राज्य की तरफ से भटक्या विमुक्त आदिवासियों के हक के लिए राज्यव्यापी संवाद यात्रा गत 28 अगस्त को पुणे से शुरु की गई है. यह संवाद यात्रा आज शनिवार 14 सितंबर को अमरावती पहुंची. पश्चात नेहरु मैदान से सुबह 11 बजे इस संवाद यात्रा की मोर्चे के रुप में शहर में शुरुआत हुई. प्रमुख मार्गो से होते हुए यह संवाद यात्रा जिलाधिकारी कार्यालय पहुंची. जहां जिलाधिकारी को विविध मांगो का ज्ञापन सौंपा गया.
भटक्या विमुक्त आदिवासी समाज यह काफी पिछडा और वंचित है. महाराष्ट्र के मूल भटक्या-विमुक्त जनजाति यह रोटी, कपडा और मकान तथा शिक्षा के साथ ही संविधान के अनेक अधिकारों से वंचित है. उन्हें जीवन में हर बार भेदभाव का कलंक सहन करना पडता है. इसमें सबसे पिछडे और अनदेखे घटको में महिला-पुरुष, युवक-युवती सभी घटक सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक, शैक्षणिक और स्वास्थ की समस्या से जूझते रहते है. इस समुदाय की विविध समस्याओं को शासन व प्रशासन तक पहुंचाने के मकसद से इस संवाद यात्रा का आयोजन किया गया है. 28 अगस्त को पुणे से शुरु हुई यह संवाद यात्रा शनिवार 14 सितंबर को अमरावती पहुंची. संवाद यात्रा अमरावती पहुंचने के बाद सुबह 11 बजे नेहरु मैदान से राजकमल चौक, जयस्तंभ चौक, मालवीय चौक, इर्विन चौक होते हुए जिलाधिकारी कार्यालय ले जाई गई. जहां अपनी विविध मांगो का ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा गया. इस संवाद यात्रा में बाबुसिंह पवार, नरेश पवार, नीलेश पवार, धनराज चोके, आदिवासी फासेपारधी समाज संगठन के सदस्य, सामाजिक कार्यकर्ता गजानन पवार, नितिन पवार, राजेंद्र भोसले, अनुष्का बैलोरकर, पिंकी भोसले, पप्पू मडावी, फिरोज मडावी, मनोज सोलंके, रजनी वानखडे, संतोष चव्हाण, तुलसीदास भोसले, दिनू पवार, सागर पवार, विजय पवार, उमा जाधव, डॉ. अरुण जाधव, मुमताज शेख, आप्पाराव राठोड, यशवंत फडतरे, मुनीर शिकलगार, उषा वखाडे, शैला यादव, विमल सावंत, संतोष जाधव, रामेश्वर गंगावने, बिसमिल्ला सैयद, देवीदास हादवे, आकाश बर्रेवार, विजय पाचरे, शंकर युवनाते, भावना वाघमारे, शरद बराथे सहित सैकडों लोगों का समावेश था. ज्ञापन में महाराष्ट्र के मंत्रिमंडल में भटक्या विमुक्त के लिए स्वतंत्र मंत्रालय व भटक्या विमुक्त जनजाति के ही मंत्री की नियुक्ति करने, पारंपारिक व्यवसाय कटलरी बिक्री, कबाड इकठ्ठा करना आदि काम के लिए उन्हें लाईसेंस व पहचान पत्र शासकीय स्तर पर मिलने, नागरिकता सूबत मिलने के लिए एक खिडकी प्रणाली हो, अध्यासन व संशोधन केंद्र स्थापित किया जाए, सामुदाय के युवक-युवतियों को छात्रवृत्ति देकर उच्च शिक्षा के लिए प्रोत्साहित किया जाए, समूह के विद्यार्थियों का स्वतंत्र छात्रावास रहे और बच्चों के मातृभाषा का इस्तेमाल कर शिक्षा दी जाए, 31 अगस्त विमुक्त दिन के रुप में घोषित किया जाए, धनगर-रामोशी व वडार इस स्वतंत्र जनजाति के लिए रहनेवाले महामंडल का लाभ सभी भटक्या विमुक्त जनजाति को देने आदि सहित विविध मांगो का सौंपे गए ज्ञापन में समावेश है.