* अधिकांश नदी-नालों को कर दिया गया है छलनी
अमरावती /दि.6- यूं कहने के लिए तो राजस्व विभाग के हिसाब से विगत 1 जून से नदी घाटों से रेत का उत्खनन बंद है. लेकिन हकीकत यह है कि, लेकिन हकीकत यह है कि, जिले के अधिकांश नदी-नालों के रेती घाटों पर रात के समय धडल्ले के साथ रेत का अवैध उत्खनन किया जा रहा है और रात के अंधेरे में रेत की तस्करी करते हुए दिन में खुलेआम रेत की विक्री हो रही है. इस समय 10 हजार रुपए के दाम पर एक ब्रास रेत की विक्री की जा रही है. इस अवैध रेत उत्खनन के चलते जिले के अधिकांश नदी-नालों के घाट और पात्र लगभग पूरी तरह से छलनी हो चुके है और वहीं दूसरी ओर जिला प्रशासन द्बारा दावा किया जा रहा है कि, जिले में विगत 1 जून से रेती घाटों पर रेत खुदाई का काम पूरी तरह से बंद है.
उल्लेखनीय है कि, सभी लोगों को सस्ती दरों पर रेत उपलब्ध हो, इस हेतु राज्य सरकार ने नई रेत नीति को अमल में लाया है. जिसके तहत रेती घाटों से रेत को रेत डिपो में लाया जाएगा और वहां से 600 रुपए ब्रास की दर पर रेत की विक्री होगी. ऐसा तय किया गया है. इस व्यवस्था के तहत रेत प्राप्त करने वाले लोगों को ऑनलाइन पंजीयन करवाना होगा. हकीकत में अमरावती जिले के 44 में से 4-5 घाटों को छोडकर शेष स्थानों के लिए निविदा प्रक्रिया को अपेक्षित प्रतिसाद नहीं मिला. इस निविदा प्रक्रिया में जो दर प्राप्त हुई है, वह सरकारी दर की तुलना में कई गुना अधिक है. जिसके चलते सभी निविदाओं को रद्द कर दिया गया है. ऐसे मेें जिले का एक भी रेत डिपो फिलहाल शुरु नहीं हो पाया है. ऐसी स्थिति में निर्माण संबंधित काम शुरु करने वाले लोगों को बाहर से महंगी दरों पर रेत खरीदनी पड रही है.
* 30 सितंबर तक रेत घाट बंद
बारिश के मौसम दौरान नदियां प्रवाहित रहती है. जिसके चलते पर्यावरण विभाग के नियमानुसार जून से सितंबर माह के दौरान रेत उत्खनन करने पर प्रतिबंध रहता है. परंतु जिले के लगभग सभी रेती घाटों पर रेत तस्करों द्बारा रात के समय चोरी-छिपे तरीके से रेत उत्खनन करते हुए रात के समय ही रेत ढुलाई भी की जाती है.
* दो माह में 12 कार्रवाईयां
रात के समय नदी पात्र से उत्खनन करते हुए रेत चुराए जाने का काम धडल्ले के साथ चल रहा है. साथ ही अन्य जिलों से भी ओवर लोडेड रेती की ढुलाई हो रही है. ऐसे मामलों के खिलाफ राजस्व विभाग द्बारा विगत 2 माह में 12 कार्रवाईयां किए जाने की जानकारी है.
* बाहर से जमकर हो रही रेत की आवक
जिले में रेत डिपो बंद रहने के चले बाहर से रेत खरीदनी पड रही है. जिसके लिए एक ट्रैक्टर हेतु कम से कम 9 से 10 हजार रुपए आ करने पडते है. वहीं कन्हान रेती का दाम 1500 से 1600 रुपए प्रति टन के आसपास चल रहा है.
* कहां से आती है रेत?
– जिले में वर्धा, पूर्णा, चंद्रभागा व पेढी नदी सहित अन्य नदियों तथा बडे नालों से रेत की चोरी की जाती है.
– इसके अलावा वरुड व तिवसा से होते हुए मध्यप्रदेश व नागपुर से होकर बहने वाली कन्हान नदी की रेत लायी जाती है.
* रेत चोरी पर उडनदस्तों की नजर
इस समय अधिकृत तौर पर रेती घाटों से रेत का उत्खनन बंद है. साथ ही आगे चलकर रेत उपलब्ध कराने हेतु आवश्यक अनुमति तथा रेत डिपो की निविदा के संदर्भ में प्रक्रिया चल रही है. ऐसी जानकारी देते हुए जिला प्रशासन द्बारा दावा किया गया है कि, रेत तस्करों पर राजस्व महकमें के उडनदस्तों की कडी नजर है और अब अमरावती जिले की सीमा पर जांच नाके भी शुरु कर दिए गए है.
* रात 12 बजे के बाद होती है रेत तस्करी
यद्यपि रेत डिपो के लिए सरकार द्बारा रेती घाटों से फिलहाल रेत उत्खनन की अनुमति नहीं दी गई है. लेकिन इसके बावजूद जिले के सभी बडे नदी व नालों के पात्रों से रात 12 बजे के बाद धडल्ले के साथ रेत का अवैध उत्खनन होता है. जिसमें से गिने-चुने मामले में ही कार्रवाईयां होती है.
* जेब ढीली करो, जितनी चाहिए रेती लो
– तिवसा
तिवसा तहसील के जावरा, चांदूर ढोरे, धारवाडी व नमस्कारी सहित अन्य रेती घाटों से हमेशा ही रेत का अवैध उत्खनन होता दिखाई देता है. लेकिन कार्रवाई केवल गिने-चुने वाहनों पर ही होती है.
– चांदूर बाजार
चांदूर बाजार तहसील के बडे नालों से रात के समय रेत उत्खनन किया जाता है. कुछ वाहनों पर तहसीलदार द्बारा कार्रवाई भी की गई है. लेकिन इसके बावजूद रेत चोरी का काम बदस्तूर जारी है.
– भातकुली
भातकुली तहसील के आसपास के क्षेत्र में रेत तस्करों द्बारा नदी-नालों के पात्र को पूरी तरह से छलनी कर दिया गया है. जिसकी ओर राजस्व एवं पुलिस प्रशासन का कोई ध्यान नहीं है. ऐसे में यहां से चुराई जाने रेत सीधे अमरावती तक लोकर बेची जाती है.