अमरावतीमहाराष्ट्र

तहसील में रेत माफिया मस्त, घरकुल लाभार्थी हो रहे त्रस्त

पोकलेन से दिन-रात रेत का उत्खनन शुरु

* ग्राम पंचायत ने जिलाधिकारी से की शिकायत
धामणगांव रेलवे /दि.2– धामणगांव रेलवे तहसील में घरकुल धारकों के समक्ष बडी समस्या निर्माण हो गई है. कुछ दिन पूर्व मिलने वाली पत्थर मिश्रित रेत भी अब मिलना मुश्किल होने से घरकुल का काम अटका है. इस बीच, चूंकि धामनगांव रेलवे तहसील के वरिष्ठ राजस्व अधिकारी रेत माफियों पर कार्रवाई करने में बेहद ढिलाई बरत रहे हैं. इसलिए पोकलेन की मदद से रेत घाट से दिन-रात अवैध रूप से रेत उत्खनन जारी है. उधर, इस संदर्भ में राजस्व अधिकारियों को सूचित करने संपर्क किया जाता है तो वे फोन नहीं उठाते हैं, इसलिए कार्रवाई का सवाल ही नहीं उठता, ऐसी स्थिति तहसील में देखने मिल रही है. हाल ही में पुलगांव क्षेत्र के रेत घाट पर मशीनों की मदद से रेत खनन के मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए संबंधित माल को जब्त कर लिया गया है. वहीं अमरावती जिले के राजस्व विभाग के अधिकारियों द्वारा धामनगांव रेलवे तहसील में सरकारी रेत डिपो पर अर्थपूर्ण अनदेखी तो नहीं की जा रही? यह सवाल किया जा रहा है. इस संबंध में ग्राम पंचायत ने जिलाधिकारी से शिकायत भी की है.

तहसील में घरकुल धारकों को तहसील कार्यालय में सेतु के माध्यम से रेत के लिए आधिकारिक बुकिंग करने बाद भी भटकना पड रहा है, वहीं दूसरी ओर, जब तहसील कार्यालय में पूछा गया तो घरकुलधारकों के लिए रेत का स्टॉक खत्म होने की बात अधिकारियों द्वारा कही जा रही है, यह आरोप घरकुल धारकों ने किया है. एक ओर घरकुल धारकों के लिए रेत उपलब्ध नहीं है, ऐसा कहा जा रहा है, वहीं दूसरी ओर सरकारी रेत डिपो में स्टॉक करने के लिए पोकलेन की मदद से दिन-रात गोकुलसरा घाट से रेत भरकर भंडारण किया जा रहा है. इस बीच जब रेती डिपो में हो रहे अवैध खनन का वीडियो बनाने गए तो डिपो के मालिक ने उन्हें धमकाया, इस संबंध में की शिकायत एक माह से जिला प्रशासन के पास लंबित है. घरकुल धारकों का आरोप है कि राजस्व विभाग रेत माफियों कोे नजरअंदाज कर रहा है. रेत माफियों पर कार्रवाई न हुई तो घरकुल धारकों ने तीव्र आंदोलन करने की चेतावनी दी है.

* पोकलेन के वीडियो पर नो-रिस्पॉन्स
तहसील के रेत घाट में कोई अनुमति नहीं रहने के बाद भी पोकलेन की सहायता से शुरु उत्खनन का रंगेहाथ पर्दाफाश कर कार्रवाई होने के लिए चांदूर रेल्वे के उपविभागीय अधिकारी को रेत घाट से ही शुक्रवार 29 मार्च को दो से तीन बार कॉल किया. इसके बाद वीडियो कॉल भी किया गया. लेकिन उसके बाद नो-रिस्पॉन्स आने पर आखिरकार घटनास्थल से ही पोकलेन का वीडियो भी डाला गया, लेकिन इस घटना को तीन दिन बीतने पर भी इस प्रकरण में कोई प्रतिसाद नहीं मिलने से राजस्व अधिकारियों की रेत माफियों से मिलीभगत तो नहीं? इसको लेकर तहसील में चर्चा शुरु है.

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