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संजय राठोड चैप्टर अब बंद करें, राज्य में और भी प्रश्न है

भाजपा महिला प्रदेशाध्यक्ष वाघ भडकी

* कोर्ट में लड रही हूं, अब तक एफआईआर भी नहीं
* क्लीनचिट मविआ ने दी, उद्धव और वलसे पाटील जिम्मेदार
अमरावती/दि.10 – भाजपा महिला प्रदेशाध्यक्ष चित्राताई वाघ ने आज यहां रहस्योद्धाटन किया कि, पूजा चव्हाण मृत्यु प्रकरण में आज तक साधी प्राथमिक रिपोर्ट भी दर्ज नहीं है. इसके लिए वे कोर्ट में गई है. उन्होंने अर्जी लगाई है. केस सुनवाई बोर्ड पर शीघ्र आने की उम्मीद है. इस मामले में वे कदापि पीछे नहीं हटेंगी. जहां तक संजय राठोड को क्लीनचिट देने का मामला है, चित्राताई ने दावा किया कि, पिछली मविआ सरकार के गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटील से पूछा जाना चाहिए. वे तो एक युवती की मृत्यु से आहत है और इस मामले में राठोड के विरुद्ध लड रही है. उनकी भूमिका में तनिक भी बदलाव नहीं है. भले ही राठोड आज भाजपा-शिंदे गुट की सरकार में मंत्री है. इतना जरुर है कि, राज्य में और भी अनेक समस्याएं है. महिलाओं पर अत्याचार के मामले लगातार जारी है. इसलिए उन पर ध्यान देना चाहिए. संजय राठोड चैप्टर अब बंद कर दें, तो बेहतर होगा.
* न्याय व्यवस्था पर भरोसा
चित्राताई वाघ आज दोपहर श्रमिक पत्रकार भवन में पत्रकार परिषद को संबोधित कर रही थी. जब उनसे महिला की मृत्यु के लिए कथित रुप से जवाबदार संजय राठोड को शिंदे सरकार में मंत्री बनाये जाने पर प्रश्न किये गये, तो उन्होंने उपरोक्त उत्तर दिया. इस समय श्रीमती वाघ के साथ भाजपा की जिलाध्यक्ष निवेदिता चौधरी, शहर अध्यक्ष किरण पातुरकर, सुरेखा लुंगारे, राधा कुरील, मीना पाठक, लता देशमुख, संगीता शिंदे, प्रियंका मालठाणे, रश्मी नावंदर, राजेश आखेगावकर, दीपक पोहेकर आदि भी उपस्थित थे. वाघ ने कहा कि, न्याय व्यवस्था पर उन्हें भरोसा है, इसलिए वे राठोड के प्रकरण में भी कोर्ट के पास गई.
* सभी महिलाओं का हो सम्मान
चित्राताई ने कृषि मंत्री अब्दूल सत्तार के सांसद सुप्रिया सुले के बारे में कहे अनर्गल बयान का बिल्कुल समर्थन नहीं किया. मगर यह जरुर कहा कि, महिला महिला होती है. किसी बडे व्यक्ति की बेटी का सम्मान अधिक और सामान्य घर की बेटी का सम्मान कम, ऐसा नहीं चलेगा. हालांकि चित्राताई ने पूरी सावधानी से एक बार भी सुप्रिया सुले अथवा शरद पवार का नाम नहीं लिया. किंतु वे बडे तैश में आ गई थी. पत्रकारों के कडे रुख पश्चात वे थोडी नरम पडी.
* राणावत, पाटकर और चितले के लिए लडी
चित्राताई ने प्रश्नों के बेबाक उत्तर दिये. उन्होंने कहा कि, मविआ सरकार के दौर में उन्होंने सामान्य से लेकर सभी महिलाओं के मान -सम्मान के लिए संघर्ष किया. फिर वह फिल्म अभिनेत्री कंगना राणावत हो या सामान्य घर की सपना पाटकर अथवा केतकी चितले. राणावत को संजय राउत ने काफी भद्दा कहा. उनका घर तोड दिया. दर्पोक्ति की. चित्राताई ने उपहासात्मक लहजें में संजय राउत को ‘सर्वज्ञानी’ बताया. उन्होंने कहा कि, एक पोस्ट फारवर्ड करने के लिए चितले को महीने भर जेल में डाल दिया गया था. सपना पाटकर को सरेआम मविआ नेता ने गालियां बकी. उनका अपमान किया.
* सिलेक्टीव आउटरेज नहीं चलेगा
चित्राताई ने कहा कि, यह भी बेटीयां महाराष्ट्र की है. पाकिस्तान की नहीं. इनके अपमान पर क्यों नहीं कांग्रेस, राकांपा अथवा शिवसेना के नेताओं ने आज जितना बखेडा किया? भाजपा नेत्री ने कहा कि, सिलेक्टीव आउटरेज नहीं चलेगा. उन्होंने कहा कि, भाजपा की सरकार आते ही महिला अत्याचार बंद हो जाएंगे, ऐसा वे नहीं सोचती मगर कुछ तो कार्रवाई होनी चाहिए. मुंबई के साकीनाका में महिला के साथ अत्यंत बर्बर प्रकार हुआ था. कोरोना काल में अस्पताल में महिला मरीजों पर बलात्कार और विनयभंग के केसेस हुए. माय-बाप सरकार से विशेष अधिवेशन बुलाने की मांग अनसुनी की गई थी. उसी प्रकार महिलाओं के जख्मों पर नमक रगडा गया था.
* महिलाओं को परिधान का स्वातंत्र्य
एक प्रश्न के उत्तर में चित्राताई ने कहा कि, महिलाओं को वे क्यों पहने और क्या नहीं, इस बात का पूर्ण स्वातंत्र्य है. आज भारत की महिलाएं फौज में भी पुरुषों के कंधे से कंधा लगाकर काम कर रही है. पायलट बन हवाई जहाज उडा रही है. उन्हें दिये गये प्रत्येक क्षेत्र में महिला ने अपने काम की छाप छोडी है.

* महिलाओं को अधिक टिकट
चित्राताई ने बताया कि, भाजपा ने प्रत्येक बूथ पर 25 महिला कार्यकर्ताओं को तैनात करने का प्लान बनाया है. इसलिए उनसे पूछा गया कि, महिलाओं को विधानसभा व लोकसभा में कितनी टिकट भाजपा देगी, तो उनका जवाब रहा कि, आज भी 26 में से सर्वाधिक विधायक भाजपा की है. आगामी चुनाव में भी भाजपा अधिक संख्या में महिलाओं को उम्मीदवारी देगी. आंकडा नहीं बताया. चित्राताई ने पुनरुच्चार किया कि, महाराष्ट्र से लोकसभा की 45 और विधानसभा की 200 से अधिक सीटें जीतने पर पार्टी का जोर है और वैसी रणनीति बनाई जा रही है.

* निरीक्षक, कॉन्स्टेबल सस्पैंड
चित्राताई ने दावा किया कि, महिलाओं के अत्याचार के विषय में तुरंत कार्रवाई करने में शिंदे-फडणवीस सरकार पिछली मविआ के मुकाबले तेज और संवेदनशील है. उन्होंने बताया कि, महिला अत्याचार की घटनाओं में तत्काल एक्शन लेते हुए नई सरकार ने एक जांच अधिकारी, एक पुलिस निरीक्षक और कॉन्स्टेबल को बिना समय गवाएं बर्खास्त किया. सरकार का काम निश्चित ही बढा है और जनअपेक्षा भी.

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