मनपा में ओबीसी की 26 सीटों पर ‘संक्रांत’
सुप्रीम कोर्ट के फैसले से बदल सकता है आरक्षण
अमरावती/दि.7- ओबीसी संवर्ग को राजनीतिक आरक्षण देने के संदर्भ में राज्य सरकार की ओर से जारी अध्यादेश को सर्वोच्च न्यायालय द्वारा स्थगिती दिये जाने के चलते ओबीसी संवर्ग हेतु आरक्षित सीटें अब खुले संवर्ग में चले जाने की पूरी संभावना है. अमरावती महानगरपालिका की नई सदस्य संख्या के अनुसार 98 में से 26 सीटें ओबीसी संवर्ग हेतु आरक्षित रहनेवाली थी. किंतु अब उन्हें खुले संवर्ग में ग्राह्य माना जायेगा. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट के फैसले की वजह से आरक्षण की स्थिति पूरी तरह से बदल जायेगी.
बता दें कि, अमरावती महानगरपालिका के लिए नई सदस्य संख्या 98 तय की गई है. आरक्षण की नीति के अनुसार अनुसूचित जाति हेतु 17 व अनुसूचित जमाति हेतु 2 सीटें आरक्षित है. वहीं 27 फीसद आरक्षण के अनुसार ओबीसी संवर्ग के लिए 26 सीटें आरक्षित रहनेवाली थी, किंतु सर्वोच्च न्यायालय ने ओबीसी आरक्षण को लेकर राज्य सरकार की ओर से जारी अध्यादेश को अगले आदेश तक स्थगिती दी है. जिसके चलते जहां एक ओर राज्य सरकार के लिए काफी दिक्कतें पैदा हो गई है, वहीं ओबीसी समाज के लिए आरक्षित रहनेवाली सीटें खत्म हो गई है. अत: अब ओबीसी समाज के इच्छुक प्रत्याशियों को भी खुले संवर्ग से ही चुनाव लडना होगा.
बता दें कि, आगामी फरवरी माह में अमरावती महानगरपालिका का आमचुनाव होना प्रस्तावित है. जिसके लिए प्रभाग रचना का कच्चा प्रारूप राज्य निर्वाचन आयोग को पेश किया जा चुका है. इसे मंजुरी मिलते ही आरक्षण का ड्रॉ निकाला जाना है. जिसकी ओर सभी का ध्यान लगा हुआ था. किंतु इसी बीच सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ गया. जिसके चलते ओबीसी संवर्ग से चुनाव लडने के इच्छूक प्रत्याशियों सहित सभी राजनीतिक दलों को काफी बडा धक्का लगा है. सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिये गये फैसले के बाद यदि चुनाव अपने तय समय पर ही होता है, तो ओबीसी संवर्ग के सभी प्रत्याशियों को खुले संवर्ग से ही चुनाव लडना पडेगा.
* और किस जिले में क्या होगा परिणाम
सर्वोच्च न्यायालय द्वारा ओबीसी आरक्षण के अध्यादेश पर स्थगिती दिये जाने के चलते अमरावती सहित राज्य के विभिन्न जिलों में होनेवाले स्थानीय स्वायत्त निकायों के चुनाव काफी हद तक प्रभावित होंगे. गोंदिया जिला परिषद की 53 सीटों में से 10 सीटें ओबीसी संवर्ग हेतु आरक्षित की गई थी. ऐसे में अब इन 10 सीटों पर चुनाव रद्द करते हुए शेष 43 सीटों पर ही चुनाव लिया जायेगा. वहीं आरक्षण के अध्यादेश को स्थगिती मिलने के चलते कोल्हापुर महानगर पालिका के चुनाव आगे टालने के आसार दिखाई दे रहे है. न्यायालय का अंतिम फैसला आने तक चुनाव कराये जाने को लेकर संभ्रम है और स्थगिती का निर्णय कायम रहने पर 92 में से केवल 12 सीटें अनुसूचित जाति व जमाति के लिए आरक्षित रहेगी. वहीं शेष 80 सीटों को खुले प्रवर्ग में गिना जायेगा. जिसमें से 50 फीसद यानी 40 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होगी.
उधर आगामी फरवरी माह के दौरान नासिक महानगरपालिका की कुल 133 सीटों के लिए चुनाव करवाया जाना है. जिसमें से करीब 36 सीटें ओबीसी संवर्ग के लिए आरक्षित रहनेवाली थी. किंतु अब अनुसूचित जाति व जमाति के लिए 29 सीटें आरक्षित रहेगी और 104 सीटें खुले संवर्ग में ग्राह्य मानी जायेगी. जिससे अब खुले संवर्ग में प्रतिस्पर्धा बढेगी. इसके अलावा पुणे महानगर पालिका में ओबीसी आरक्षित 46 सीटों से चुनाव लडने के इच्छुकों में सुप्रीम कोर्ट के फैसले की वजह से काफी संभ्रम देखा जा रहा है. नई प्रभाग पध्दति के चलते पुणे मनपा में भी नगरसेवकों की संख्या बढनेवाली है और प्रभाग रचना का कच्चा प्रारूप मनपा प्रशासन द्वारा निर्वाचन आयोग को भेज दिया गया है. उम्मीद थी कि, इस बार ओबीसी संवर्ग के लिए 46 सीटें आरक्षित रहेगी. किंतु सुप्रीम कोर्ट के फैसले से यह अपेक्षा धुमिल हो गई है.
इसके अलावा नागपुर महानगरपालिका में अब सदस्य संख्या 151 से बढकर 156 होने जा रही है और प्रभाग संख्या 38 से बढकर 52 हो जायेगी. ऐसे में 27 फीसद आरक्षण के तहत ओबीसी संवर्ग के हिस्से में आनेवाली सीटें भी बढने की उम्मीद थी. किंतु सुप्रीम कोर्ट द्वारा ओबीसी आरक्षण के अध्यादेश पर दी गई स्थगिती के चलते अनुसूचित जाति व जनजाति के लिए आरक्षित सीटों के अलावा अन्य सभी सीटों को फिलहाल खुले प्रवर्ग में माना जायेगा. इसके अलावा औरंगाबाद महानगरपालिका में नई रचना के अनुसार कुल 126 नगरसेवक रहेंगे. जिसमें से 23 सीटों पर एसटी व एनटी प्रवर्ग के सदस्यों के लिए आरक्षण रहेगा. वहीं शेष 103 सीटें खुले प्रवर्ग के लिए रहेंगी. ऐसे में अब सभी की निगाहें ओबीसी आरक्षण के मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में होनेवाली अगली सुनवाई की ओर लगी हुई है. यदि अगली सुनवाई के दौरान भी सुप्रीम कोर्ट द्वारा ओबीसी आरक्षण के खिलाफ फैसला सुनाया जाता है, तो ओबीसी आरक्षण के बिना ही सभी स्वायत्त संस्थाओं में चुनाव करवाये जायेंगे.