अमरावती/दि.14– संयुक्त राष्ट्र संघ ने वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष घोषित किया गया है. इसका उद्देश्य लोगों को स्वास्थ्य की दृष्टि से मोटा अनाज की अहमियत बतलाना है. इसी लाइन पर कृषि विभाग ने संक्रांति अर्थात भोगी के त्यौहार पर प्रति वर्ष मोटा अनाज दिवस मनाने की घोषणा की है. जिसके तहत मोटे अनाज के लाभ और उसका उत्पादन एवं उत्पादकता बढ़ाने प्रयत्न होंगे.
जिला कृषि अधीक्षक अनिल खर्चान ने बताया कि जिले में मोटा अनाज को बढ़ावा देने उनका विभाग कार्यक्रम आयोजित करेगा. जिसमें प्रगतिशील किसान, आहार तज्ञ, विद्यापीठ के वैज्ञानिक मार्गदर्शन करेंगे. जिला कृषि विकास अधिकारी गोपाल देशमुख ने भी बताया कि पौष्टिक तृण धान्य वर्ष उपलक्ष्य महकमे ने प्रत्येक माह का नियोजन किया है. इस दौरान मोटे अनाज की विविध प्रजाति, उसकी बुआई तकनीक और पैदावार लेने वाले किसानों की यशगाधा एवं साक्षात्कार लिये जाएंगे. ऐसे ही मोटे अनाज से बनाए जाते विविध उप प्रदार्थ की जानकारी भी लोगों को दी जाएगी.
त्यौहारों की दृष्टि से भी नियोजन किया गया है. संक्रांति पर शीत ऋतु को देखते हुए बाजरा का चयन किया गया है. बाजरे का सेवन जाड़े में शरीर के लिए पोषक है. फरवरी में हुर्डा का आस्वाद लिया जाएगा. सावन माह में राजगिरा और अक्तूबर में नवरात्रि को देखते हुए भगर आदि का चयन किया गया है. नवंबर औ़र दिसंबर में नाचनी के पदार्थों पर जोर दिया जाएगा. इसके लिए विविध प्रदर्शनी, स्पर्धा, प्रबोधन फेरी, महिला बचत गट क् स्टॉल लगाए जाएंगे. शाला और महाविद्यालय को भी कृषि महकमा इस बारे में सूचित करेगा.