अमरावती/ दि.8 – राष्ट्र व भारतीय संस्कृति के संरक्षक व संवर्धन हेतू संत आसाराम को सिघ्र से सिघ्र ससम्मान रिहा करने की उचित कार्रवाई की जाए, ताकि लोकतंत्र के स्तंभों के प्रति जनता का विश्वास ओैर अधिक सुदृढ हो सके, ऐसी मांग को लेकर महिला उत्थान मंडल ने जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भिजवाया.
उन्होंने सौंपे ज्ञापन में कहा है कि, यह बडी विडंबना है कि, जिन संतों ने समाज के प्रति सभी वर्गों में प्रेम, शांति, सद्भाव एवं अध्यात्म का संचार किया है तथा भारत की राष्ट्रीय एकता और अखंडा के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित किया. उन्हें राष्ट्रविरोधी ताकतों व्दारा षडयंत्र का शिकार बनाया जा रहा है. निर्दोष संतों पर झूठे आरोप लगाकर उन्हें बदनाम करने का जघन्य अपराध किया जा रहा हेै. प्रचार माध्यमों का दुरुपयोग कर उनकी छबी धुमिल करने का प्रयास हो रहा है. ऐसे संतों को ससम्मान रिहा करने के लिए उचित कार्रवाई करने की मांग की गई. इस समय महिला उत्थान मंडल की राधा चौधरी, योगिता लुल्ला, सुषमा मालधुरे, संगीता राठोड, विजया सुने, सरिता पल्हाडे, चित्रा बत्रा, अंजना बत्रा, शालिनी असवार, संजीवनी मोरे, शोभा आहुजा, कविता पिंजानी, रिमा बसंतवानी, जानकी वाधवा, महेक पिंजानी, प्रिया पिंजानी आदि उपस्थित थे.