चांदूर बाजार/दि.१४ – पिछले १० सितंबर से रिद्धपुर तीर्थक्षेत्र में तीर्थक्षेत्र विकास कृति समिति के संत अनशन कर रहे थे. पिछले कई दिनों से चल रहे इस अन्न त्याग अनशन को लोकनिर्माण विभाग के आश्वासन क पश्चात पीछे ले किया गया है. लाकनिर्माण विभाग के उपअभियंता सोलंके व दलवी ने ग्रामपंचात और संत महात्माओं के बीच मध्यस्थता कर उन्हें लिखित आश्वासन दिया. जिसमें संत महात्माओं ने अपना आंदोलन पीछे लिया. १० सितंबर से चल रहे इस आंदोलन में महंत वाइनदेशकर महाराज द्वारा अन्नत्याग आंदोलन की शुरुआत की गई थी. तथा वार्ड क्रं. २ के ग्रामवासियों व सिद्धार्थ युवक मंडल द्वारा श्रृंखलाबद्ध अनशन किया जा रहा था.
ज्ञात रहे कि रिद्धपुर तीर्थक्षेत्र के विकास के लिए राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री तथा विरोधी पक्ष नेता देवेंद्र फडण्वीस ने तत्कालीन कृषि मंत्री डॉ. अनिल बोंडे तथा गोंविद प्रभु तीर्थस्थान सेवा समिति के सभी पदाधिकारियों के आग्रह पर २०१७-१८ में २२.३५ करोड की निधी मंजूर की थी. किंतु तीर्थक्षेत्र के प्रमुख मार्ग जहां से गोंंविद प्रभु की पालकी गुजरती है उस रास्ते को राजनीतिक दबाव के चलते छोड दिया गया था. इस रास्ते के प्रस्ताव का विरोध ग्रामसभा में भी हुआ था. जिसकों लेकर पहले भी संत महात्माओं द्वारा अनशन किया गया था. तब भी लोकनिर्माण विभाग की मध्यस्थता से संतों ने अनशन वापस लिया था. किंतु मांगे पूरी न होने पर वापस १० सितंबर से अन्नत्याग आंदोलन व श्रृंखलाबद्ध अनशन किया गया था. जिसमें एक बार फिर लोकनिर्माण विभाग के आश्वासन पर आंदोलन समाप्त कर दिया गया. इस समय महंत विश्वनाथ बाबा कारंजेकर, महंत दर्यापुरकर बाबा, महंत पांचराउत बाबा, महंत तलेगांवकर बाबा, महंत भगतराज बाबा, मनीष शेंडे, युवराज वंजारी, गोपाल शेवत्कार, प्रमोद सिमकर, नरेंद्र सिमकर व ग्रामवासी उपस्थित थे.