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सरपंच को दो वोट का अधिकार कायम

हाईकोर्ट ने ठुकराई अर्जी

* उपसरपंच चुनाव
अमरावती/दि.4- उपसरपंच चुनाव में पहली फेरी में और समसमान मत मिलने पर निर्णायक मतदान ऐसे सरपंच को दो वोट के अधिकार देने वाले ग्राम विकास मंत्रालय के गत 30 सितंबर के जीआर को चुनौती देने वाली याचिका बंबई उच्च न्यायालय की औरंगाबाद खंडपीठ न ठुकरा दी. जिससे उपसरपंच पद के 9 से 13 जनवरी दौरान होने वाले चुनाव का रास्ता साफ हो गया है. उसी प्रकार सरपंच के अधिकार पर कोर्ट की मुहर लग गई है. न्या. मंगेश पाटील और न्या. संतोष चपलगांवकर की खंडपीठ ने एड. सिद्धेश्वर ठोंबरे की याचिका को 2018 में दिए गए खंडपीठ के फैसले का ही संदर्भ देते हुए ठुकरा दिया. उस समय न्या. रवींद्र बोरडे ने सरपंच को अतिरिक्त अधिकार रहने का फैसला दिया था.
जालना जिले के नायगांव के ग्रापं सदस्य अविनाश राठोड ने एड. गोविंद इंगोले तथा औरंगाबाद तहसील के कवडगांव के ग्रापं सदस्य ज्ञानदेव रोडे, कविता भोजने, लीला रोडे, मुख्तार शेख ने एड. ठोंबरे के जरिए याचिका दायर की थी.
एड. ठोंबरे ने अदालत में तर्क दिया कि, सरपंच पदसिद्ध सदस्य होता है. उसे उपसरपंच चुनाव में दो बार मतदान करते नहीं आएगा. सदस्य के रुप में सरपंच ने दो बार वोट दिया तो ग्राम पंचायत के कुल सदस्य की संख्या बढ जाएगी. जिससे यह अधिसूचना गैरकानूनी है. अदालत ने एड. ठोंबरे के युक्तिवाद को नामंजूर कर दिया.

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