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उपसरपंच चुनाव में सरपंच को दो वोट का अधिकार

राजनीतिक समीकरण बिगडने का अनुमान

अमरावती/दि.9 – जिले की 19 ग्रामपंचायतों में सरपंच एवं सदस्य पद हेतु हुए आम चुनाव के बाद अब उपसरपंच के चुनाव की ओर सभी की निगाहे लगी हुई है. जिसके लिए सभी ग्रामपंचायतों में आगामी 20 से 24 नवंबर के दौरान पहली विशेष सभा होगी. इस सभा में चलाई जाने वाली मतदान प्रक्रिया में सरपंच को भी शामिल होने की अनुमति रहेगी. साथ ही उपसरपंच के चुनाव में अलग-अलग प्रत्याशियों को समसमान वोट पडने पर सरपंच के पास निर्णायक वोट डालने का अधिकार भी रहेगा. जिसके चलते कई गांवों में राजनीतिक समीकरण बिगड भी सकता है.
बता दें कि, जिले में एक सरपंच निर्विरोध तथा 19 सरपंच सीधे जनता के द्वारा चुने गए है. इन सरपंचों को महाराष्ट्र ग्रामपंचायत अधिनियम के तहत कुछ विशेषाधिकार भी प्राप्त है. इस अधिनियम की धारा 33 में सरपंच व उपसरपंच के चुनाव की कार्यपद्धति विशद की गई है. जिसके अनुसार उपसरपंच का चयन करने हेतु बुलाई जाने वाली सभा में सरपंच ही पदसिद्ध अध्यक्ष होते है और उपसरपंच का चुनाव करवाना यह सरपंच के कर्तव्य का हिस्सा होता है. पहले ग्रांप सदस्यों में से किसी एक सदस्यों को बहुमत के आधार पर सरपंच चुनाव जाता था. परंतु राज्य की पूर्ववर्ती फडणवीस सरकार ने नगराध्यक्षों व सरपंचों का निर्वाचन सीधे जनता के जरिए कराए जाने को मंजूरी दी थी. जिसके चलते हाल ही में संपन्न ग्रापं के आम चुनाव में सरपंचों का चयन सीधे जनता द्वारा किया गया है और उन्हें उपसरपंच के चुनाव में एक वोट डालने के साथ ही दो प्रत्याशियों के बीच वोटों की संख्या समसमान रहने पर दूसरा व निर्णायक वोट डालने का भी अधिकार दिया गया है.

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