अमरावती

शहर के पर्यावरण को सुरक्षित रखेगा ‘सैटेलाइट मैपिंग’

* जीआयएस प्रणाली से तैयार किया जा रहा प्रारूप
अमरावती / दि.२८-महानगरपालिका, प्राधिकरण, नगर परिषदों में जलदगति व नियोजन पूर्ण विकास करने के लिए सरकार ने प्रारूप हाथ में लिया है.भौगोलिक जानकारी प्रणाली से (जीआयएस) यह प्रारूप तैयार किया जा रहा है. इसमें पर्यावरण, वनक्षेत्र, वन्यजीवों का ध्यान रखा जाएगा. इस नई प्रणाली द्वारा शहर के पर्यावरण क्षेत्र की सुरक्षा की जाएगी. राज्य के नगर विकास विभाग ने २९ नवंबर २०२२ को महाराष्ट्र प्रादेशिक नियोजन व नगर रचना अधिनियम, १९६६ की धारा १५४ के तहत मनपा, विशेष नियोजन प्राधिकरण, नगर परिषद, नगर पंचायतों के क्षेत्र के लिए विकास योजना इस जीआयएस प्रणाली के इस्तेमाल में तेज गति से तैयार की जाएगी. महानगरों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. शहर कम पडने से सरकारी जमीन पर अतिक्रमण बढ़ रहे है. स्थानीय स्वराज संस्था का विकास प्रारूप पर्याप्त नहीं रहने से शहर खुली सांस नहीं ले रहा है. शहर सुंदर और स्वच्छ रहे इसके लिए जिलाधिकारी व भूमि अभिलेख के माध्यम से यह जीआयएस सर्वेक्षण किया जा रहा है.

इस तरह से होगा सर्वे
बेस मैप, सैटेलाइट ईमेज, जोनल मास्टर प्लान, सब-जोन मास्टर प्लान, टूरिजम मास्टर प्लान, अधिसूचित वन विभाग, वनसद़ृश क्षेत्र, वृक्ष और वनसंपत्ति, जलस्त्रोत, चारागाह और मानव बस्तियां, पर्यावरण द़ृष्टि से संवेदनशिल क्षेत्र, वन्यजीव, पर्यटन स्थल, घनकचरा व्यवस्थापन, कचरा संकलन स्थल, व्याघ्र प्रकल्प आरक्षित क्षेत्र, बफर जोन, रिंग रोड, खनिकर्म स्थल, बुनियादी सुविधा प्रकल्प, पेयजल की सुविधा, मोबाइल टॉवर्स, गांवनिहाय इंधन इस्तेमाल आदि का सर्वेक्षण में समावेश रहेगा.

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