धारगड शिव मंदिर में हर हर महादेव के जयघोष से गूंज उठा सतपुडा पर्वत
श्रावण का तीसरा सोमवार विदर्भ की विख्यात धारगड यात्रा में हजारों भक्तों की भीड
परतवाडा/दि.20 – तहसील के मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प के अतिसंरक्षित क्षेत्र में स्थित विदर्भ के विख्यात धारगड के शिव मंदिर में श्रावण के तीसरे सोमवार की यात्रा में 30 हजार से अधिक भक्त दर्शन के लिए पहुंचे. भक्तों की भीड को देखते हुए अकोला, अमरावती जिले के 150 पुलिस अधिकारी और कर्मचारियों सहित व्याघ्र प्रकल्प के 50 अधिकारी और कर्मचारियों का बंदोबस्त तैनात रखा गया था. हर हर महादेव के जयघोष से सतपुडा परिसर गूंज उठा. अतिसंरक्षित रहे इस क्षेत्र में यात्रा के लिए दो दिनों की अनुमति व्याघ्र प्रकल्प द्वारा दी गई थी.
श्रावण में होनेवाली धारगड यात्रा को इस बार अनुमति दिए जाने से हजारो भक्त यहां दर्शन के लिए पहुंचे. शनिवार और रविवार को आनेवाले भक्त यहां दर्शन करने के बाद रविवार और सोमवार को वापस लौटते है. परिवहन महामंडल की तरफ से अकोला और अकोट के डिपो से 15 बसों की 50 से अधिक फेरियां की गई. सैकडों की संख्या में पैदल जानेवाले भक्तों सहित कावड यात्रा का इसमें समावेश था. अकोट और अकोला जिले के विविध सामाजिक सेवाभावी संस्था की तरफ से महाप्रसाद, चायपानी और अन्य फराल के साहित्य का वितरण भक्तगणों को किया गया. यात्रा के बंदोबस्त के लिए 15 अधिकारी और 115 जवान अमरावती जिले से तैनात किए गए थे. चिखलदरा के थानेदार आनंद पिदुलकर, श्रीकांत खानंदे सहित अधिकारी व कर्मचारियों का दल यहां तैनात था.
* सतपुडा का धारगड
मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प के अतिसंरक्षित क्षेत्र के धारगड में शिवपुर, कासोद, अमोना मार्ग से धारगड पैदल जाना पडता है. 3 हजार फूट उंचाई पर पहाडों की कतार में यह मंदिर बसा है. नरनाला किले के पास स्थित इस शिवालय की शिवलिंग और नंदी स्वयंभू है, ऐसा कहा जाता है.
* व्याघ्र प्रकल्प का स्वतंत्र बंदोबस्त
धारगड के मंदिर और व्याघ्र प्रकल्प गेट के दरवाजे शनिवार को सुबह 10 बजे खोले गए. सोमवार की शाम यह गेट बंद किए गए. बाघ का अधिवास क्षेत्र रहने से इस परिसर में बगैर अनुमति जाना अपराध है. इस कारण केवल यात्रा के लिए दो दिन की अनुमति नियम और शर्तो पर व्याघ्र प्रकल्प द्वारा दी गई थी.