अमरावतीमहाराष्ट्र

दो परिवारों को बिखरने से बचाया

राष्ट्रीय लोक अदालत के पारिवारिक न्यायालय में 8 मामलों की सफल सुनवाई

अमरावती /दि.24– ‘विवाद से समझौता अच्छा, पारिवारिक एकता में ही आनंद सच्चा…’ का संदेश देते हुए जिला व सत्र न्यायालय के प्रमुख न्यायधीश एस. वी. यार्लगड्डा के मार्गदर्शन में शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया. इस आयोजन में पारिवारिक अदालत में कुल 26 मामले रखे थे. जिनमें से 8 मामलों को सफलतापूर्वक सुनवाई के साथ पूर्ण कर दो परिवारों को टूटने से बचाया है.
शनिवार को पूरे देश में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया. इस अवसर पर पारिवारिक अदालत में कुल 26 मामले पेश किये गये. जिसमें हुई सुनवाई में कुल 8 मामलों का सफलतापूर्वक निपटारा किया गया. 2 परिवारों को टूटने से बचाया गया. यह परिवार विविध सुनवाई के बाद तलाक लेने के अंतिम फैसले पर आये थे. लेकिन इन परिवारों के दम्पति को अदालत ने फिर एक बार संसार चलाने का मौका देते हुए नई शुरुआत करवाई है. शेष 6 मामलों में आपसी मतभेद को दूर कर उन्हें एक साथ रहने के लिए प्रेरित किया गया. लोक अदालत में पारिवारिक अदालत की न्यायाधीश पी. एन. राव ने पैनल जज के रुप में जिम्मेदारी संभाली. एड. एम. वी. ठाकरे सदस्य थे. जिला व सत्र न्यायालय के प्रमुख न्यायाधीश एस. वी. यार्लगड्डा, जिला न्यायाधीश-1 आर. जी. वाघमारे, जिला विधि सेवा प्राधिकरण की सचिव एम. डी. कांबले ने सुनवाई के दौरान अदालत को भेंट दी. इस राष्ट्रीय लोक अदालत को सफल बनाने जिला विधि सेवा प्राधिकरण ने अथक परिश्रम किये. इसके अलावा पारिवारिक अदालत के प्रमुख न्यायाधीश आर. आर. पोंदुकले के मार्गदर्शन में प्रभारी प्रबंधक विकास बोरोकार, लघुलेखक श्रद्धा सूर्यवंशी, कनिष्ठ लिपिक योगेश देशमुख, प्राजक्ता हिरे, सिपाही शुभम मोपारी आदि कर्मचारियों ने विशेष सहयोग दिया.

* 5 साल से प्रलंबित मामला सुलझा
बता दें कि, राष्ट्रीय लोक अदालत के तहत परिवारिक अदालत में हुई. सुनवाई के दरमियान 8 मामलों की सफलतापूर्वक सुनवाई की गई. जिसके तहत 2 परिवारों को तलाक लेने से रोकते हुए उन्हें दोबारा अपना संसार बसाने का मौका दिया गया. इनमें से एक मामला विगत 5 साल से प्रलंबित था. वे केवल ‘तारीख पे तारीख’ से ही आगे बढ़ रहे थे. उन दम्पति को भी अदालत ने फिर एक बार एक दूसरे से साथ नये सिरे से जीवनयापन का मौका देते हुए नई इनिंग की शुरुआत करवाई है.

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