अमरावतीमहाराष्ट्र

कांडली ग्रामपंचायत चुनाव में सरपंच के रुप में सविता आहाके का निर्विरोध चयन

रवि गोडबोले बने उपसरपंच

अचलपुर/दि.31– कांडली ग्रामपंचायत की सरपंच सविता आहाके और उपसरपंच दिलीप दंडारे के भ्रष्टाचार, सदस्यों को दबाव में रखने की शिकायते प्राप्त होने और उनके विरोध में मोर्शी के सहायक गटविकास अधिकारी की जांच रिपोर्ट में दोषी पाए जाने पर सदस्यों ने अविश्वास प्रस्ताव लाकर सरपंच और उपसरपंच दम्पति को हटा दिया. लेकिन अदालती आदेश के बाद प्रशासक की देखरेख में हुए चुनाव में अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित रहे सरपंच पद पर फिर से सविता आहाके और उपसरपंच पद पर रवि गोडबोले का निर्विरोध चयन हुआ है.

तहसील के कांडली ग्रामपंचायत के सरपंच और उपसरपंच दम्पति द्वारा भ्रष्टाचार किए जाने का आरोप है. एसटी के लिए आरक्षित रहे इस ग्रामपंचायत पर एकमात्र सदस्य सविता आहाके ही अनुसूचित जनजाति की रहने से उनका सरपंच पद पर चयन हुआ था. जबकि उपसरपंच की रुप में दिलीप दंडारे निर्वाचित हुए थे. सरपंच और उपसरपंच ने बादमें विवाह कर लिया था और ग्रामपंचायत पर पति-पत्नी का राज हो गया था. पति-पत्नी ने मनमाना कारोबार शुरु करते हुए सदस्यों को धमकाना भी शुरु किया था. जिससे ग्रामपंचायत के सभी सदस्य दहशत में थे, ऐसा कहा जाता है. सदस्यों को विश्वास में न लेते हुए ग्रामपंचायत की मासिक सभा भी नहीं हो रही थी.

ऐसी परिस्थिति में ग्रामपंचायत के 13 सदस्यों ने 20 मार्च को अविश्वास प्रस्ताव लाकर 13 के मुकाबले 1 वोट से पारित कर लिया. एनसीपी की तहसील अध्यक्ष पूर्व सरपंच सुषमा थोरात ने इस भ्रष्टाचार के विरोध में अमरावती के आयुक्त के पास 18 मार्च 2024 को 39 (1) के तहत शिकायत दर्ज की. कांडली का सरपंच और उपसरपंच रिक्त होने से 28 मई को दोनों पद के चुनाव तहसीलदार गरकल के मार्गदर्शन में पोटे व मंडपे द्वारा लिए गए. सरपंच पद पर सविता आहाके और उपसरपंच पद पर रवि गोडबोले का निर्विरोध चयन हुआ. लेकिन नागपुर हाईकोर्ट के निर्णय के मुताबिक सरपंच पर अनियमितता का मामला न्यायप्रविष्ठ रहते सरपंच के पूर्ण अधिकार प्रशासक को रहेगे. जब तक इस प्रकरण का फैसला नहीं आ जाता तब तक सविता आहाके को कोई अधिकार नहीं रहेगे, ऐसा आदेश में कहा गया है. इस कारण सविता आहाके नाममात्र सरपंच रहेगी.

* जिलाधीश के आदेश पर चुनाव
कांडली ग्रामपंचायत में अविश्वास प्रस्ताव आने से सरपंच और उपसरपंच का पद रिक्त था. जिलाधिकारी के आदेश पर 28 मई को चुनाव लिए गए. लेकिन सरपंच के विरोध में अनियमितता का मामला रहने से प्रकरण का फैसला होने तक सरपंच को कोई भी अधिकार नहीं है. सभी अधिकार प्रशासक को रहेगे, ऐसा उच्च न्यायालय के 21 व 24 मई के आदेश में दर्ज है. इस कारण सरपंच सविता आहाके रही तो भी उन्हें कोई भी अधिकार नहीं है.
– विनोद मोरे
सचिव, कांडली ग्रा.पं.

* उपसरपंच के रुप में मेरा काम जारी रहेगा
सरपंच व उपसरपंच के चुनाव में सरपंच पद अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित रहने से और ग्रामपंचायत में एक ही सदस्य सविता आहाके रहने से उनका सरपंच पद पर निर्विरोध चयन हुआ. लेकिन उनके खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायत रहने से और मामला न्यायप्रविष्ठ रहने से उन्हें कोई भी अधिकार नहीं दिए गए है. उपसरपंच के रुप में मेरा कामकाज जारी रहेगा. जनता के हित और गांव के विकास के लिए मेरी प्राथमिकता रहेगी.
– रवि गोडबोले
उपसरपंच, कांडली.

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