अमरावती

निराधार बच्चों के लिए सावित्रीबाई फुले बालसंगोपन योजना

प्रतिमाह मिलती है आर्थिक सहायता

* जिले के 4,426 बच्चों को प्रतिमाह मिलते है 2,250 रुपए
अमरावती/दि.13 – अनाथ निराधार व बेघर बच्चों सहित कैदियों एवं गंभीर रुप से बीमार अभिभावकों के बच्चों को आर्थिक सहायता देने हेतु क्रांतिज्योति सावित्रीबाई फुले बालसंगोपन योजना चलाई जाती है. जिसके तहत इस तरह के निराधार बच्चों को मूलभूत जरुरतों सहित वैद्यकीय सुविधा एवं शिक्षा हेतु प्रतिमाह 2250 रुपए की आर्थिक सहायता दी जाती है. अमरावती जिले में 6307 लाभार्थी बच्चे है. जिसमें से अब तक 4426 लाभार्थियों को इस योजना का लाभ मिला है.
बता दें कि, अनाथ, निराश्रीत, निराधार व बेघर सहित संरक्षण व संगोपन की जरुरत रहने वाले 0 से 18 वर्ष आयु गुट वाले लडके-लडकियों को किसी संस्था में दाखिल करने की बजाय पर्यायी परिवार में संगोपन हेतु रखने के लिए बालसंगोपन योजना चलाई जाती है. जिले में विगत 1 वर्ष के दौरान क्रांतिज्योति सावित्रीबाई फुले बाल संगोपन योजना का लाभ लेने वाले बच्चों की संख्या बढी है. जिले में 4 हजार 426 बच्चों को इस योजना के अंतर्गत 2 हजार 250 रुपए का प्रतिमाह अनुदान दिया जाता है. इस अनुदान के जरिए संबंधित परिवारों द्बारा अपने आश्रय में रहने वाले बच्चों को अन्न, वस्त्र, निवास, शिक्षा व वैद्यकीय सुविधा उपलब्ध कराई जाती है.

* इन बच्चों को प्रतिमाह मिलता है अनुदान
– जो बच्चे अनाथ है और जिनके अभिभावकों का कोई अता-पता नहीं है. साथ ही जिन बच्चों को दत्तक देना संभव नहीं है.
– माता या पिता में से किसी एक को खो चुके बच्चे, रास्ते पर रहने वाले, स्कूल नहीं जाने वाले व बाल कामगार के तौर पर काम करने वाले बच्चे.
– पारिवारिक तनाव, वाद-विवाद व न्यायालयीन विवाद जैसी पारिपारिक दिक्कतों से प्रभावित बच्चे.
– कुष्ठरोगियों, कैदियों, एचआईवी ग्रस्तों व कैंसर बाधितों के बच्चे.
– तीव्र मतिमंद, दिव्यांग, रास्ते पर भीख मांगने वाले तथा पोक्सो अधिनियम अंतर्गत पीडित बच्चे.

* कौन से दस्तावेज है जरुरी
माता-पिता का मृत्यु प्रमाणपत्र, पालकों का वार्षिक आय प्रमाणपत्र, शाला का बोनाफाइड प्रमाणपत्र, बच्चे के दो फोटो, बच्चे का अभिभावक के साथ अपने रहते घर के सामने खडे रहकर निकाला गया फोटो, बैंक पासबुक की झेरॉक्स, आवेदक का आधार कार्ड, बच्चे का आधार कार्ड, बच्चे के लिए किसी अन्य सरकारी योजना का लाभ नहीं लेने से संबंधित स्वयं घोषणापत्र.

* माता-पिता दिव्यांग रहने पर भी मिलता है योजना का लाभ
जिन बच्चों के दोनों अभिभावक दिव्यांग रहते है, ऐसे बच्चों की पढाई-लिखाई से मूलभूत जरुरतों के पूरा करने में दिक्कत जाती है. कई मामलों में तो बच्चों के उपर ही अपने माता-पिता के पालन-पोषण की जिम्मेदारी रहती है. ऐसे में दोनों अभिभावक दिव्यांग रहने वाले बच्चों को ही सावित्रीबाई फुले बालसंगोपन योजना अंतर्गत प्रतिमाह अनुदान दिया जाता है.
– रामेश्वर वसु,
तहसील संरक्षण अधिकारी,
महिला व बालविकास विभाग.

* जिले में 4 हजार 426 बच्चों को प्रतिमाह संगोपन हेतु अनुदान दिया जाता है. जिसके चलते कई निराधारों को जीवन जीने का सहारा मिला है. इस योजना का लाभ लेने हेतु तहसील संरक्षण अधिकारी के पास आवेदन किया जा सकता है.
– डॉ. उमेश टेकाडे,
जिला महिला बालविकास अधिकारी

* तहसीलनिहाय लाभार्थी
अमरावती 1004
वरुड 580
मोर्शी 402
तिवसा 281
चांदूर बाजार 787
चांदूर रेल्वे 357
धामणगांव रेल्वे 177
धारणी 110
चिखलदरा 94
नांदगांव खंडे. 268
अचलपुर 796
भातकुली 211
दर्यापुर 634
अंजनगांव सुर्जी 605
कुल 4426

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