अमरावती प्रतिनिधि/दि.५ – महिला शिक्षा की प्रणेता और महिलाओं को उज्वल राह दिखाने वाली क्रांतिज्योती सावित्रीबाई का जन्म हर एक महिला के लिए आदर्श है. आज सावित्रीबाई नहीं होती तो महिलाओं को अपने अस्तित्व के बारे में पता नहीं चलता. महिलाएं आज भी चुल्हा चौखा और बच्चों तक ही सीमित रहती, लेकिन सावित्रीबाई फुले ने खूद पढ लिखकर अन्य महिलाओं को भी पढाना शुरु किया. जिसके चलते महिलाएं पढाई करने लगी है. आज महिलाएं हर क्षेत्र में अपनी काबिलियत का लोहा मनवा रही है. इसके आगे भी महिलाओं ने सावित्रीबाई को अपना आदर्श मानकर आगे बढना चाहिए. वहीं सावित्रीबाई फुले के विचारों को जनजन तक पहुंचाना चाहिए. इसलिए सन्डे मिशन व बार्टी समता दूत प्रकल्प के माध्यम से ऑनलाइन कार्यक्रम आयोजित किया है. यह कार्यक्रम सावित्रीबाई फुले की जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित हुआ.
बार्टी व सन्डे मिशन के माध्यम से यह उपक्रम हमेशा से ही चलाए जाते है. कार्यक्रम का आयोजन सुरेंद्र घरडे ने किया. कार्यक्रम में मार्गदर्शन कुमुदीनी मेश्राम ने की है. प्रास्ताविक समता दूत पूजा गौतम ने किया. संचालन रमा घरडे, परिचय वंदना तायडे ने कराया. वहीं आभार समता दूत भावना वासनिक ने किया. कार्यक्रम मेें बडी संख्या में लोग शामिल हुए थे.