वात निर्मिती उद्योग से सावित्री की बेटियां हो रही स्वयंसिद्धा
आदिवासी महिलाओं हेतु रोजगार की नई राह

* मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प का स्वावलंबी उपक्रम
अमरावती /दि. 8– मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प अंतर्गत मेलघाट के विभाग के 5 गांवों तथा अकोट वन्यजीव विभाग के 2 गांवों की स्थानीय आदिवासी महिलाओं को रोजगार मिले इस हेतु मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प द्वारा वात निर्मिती प्रकल्प शुरु किया गया है. जो आदिवासी महिलाओं की आर्थिक उन्नती व उनके सक्षमीकरण के लिहाज से एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रहा है. इस समय 150 से अधिक महिलाएं व युवतियां इस जरिए आर्थिक रुप से स्वावलंबी हो रही है. साथ ही इस प्रकल्प में दिनोंदिन मेलघाट की आदिवासी महिलाओं व युवतियों की संख्या भी बढ रही है. इस उपक्रम के जरिए इस समय प्रत्येक महिला को सामान्य तौर पर 200 से 250 रुपए का रोजगार मिल रहा है और उनके द्वारा तैयार किए जानेवाले माल का विपणन गढचिरोली अगरबत्ती प्रकल्प द्वारा किया जा रहा है.
बता दें कि, वन एवं वन्यजीवों का संरक्षण करना मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प का मुख्य कार्य है. इसके साथ ही मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प के क्षेत्र संचालक द्वारा किए जाते प्रयासो के चलते विगत चार-पांच वर्षों से मेलघाट क्षेत्र के युवक-युवतियों हेतु रोजगार निर्मिती के लिए विविध उपक्रम चलाए जाते है. इसके तहत व्यवसायिक वाहनों का वितरण मेलघाट कौशल्य प्रशिक्षण केंद्र, संगणक प्रशिक्षण केंद्र व शिलाई मशीन केंद्र शुरु किए गए है. इन उपक्रमों के जरिए दो हजार नागरिकों को अब तक रोजगार के अवसर उपलब्ध हुए है. साथ ही दियाबत्ती करने हेतु प्रयुक्त होनेवाली कपास से बनी बात बनाने के काम के जरिए भी आदिवासी महिलाओं को रोजगार दिया जा रहा है.
* प्रकल्प में इनका है सहभाग
वात निर्मिति प्रकल्प की सफलता हेतु मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प के वनसंरक्षक एवं क्षेत्र संचालक एम. आदर्शरेड्डी के मार्गदर्शन में मेलघाट वन्यजीव विभाग, अकोट वन्यजीव विभाग, गुगामल वन्यजीव विभाग, सिपना वन्यजीव विभाग, वन्यजीव व संशोधक तथा उपजिविका विशेषज्ञ, मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प तथा क्षेत्रीय वन अधिकारी व कर्मचारी प्रयास कर रहे है.
* प्रकल्प की वजह से जंगल पर निर्भरता हुई कम
इस प्रकल्प के जरिए आदिवासी महिलाए सक्षम हो रही है. जिसके चलते उनका जीवनस्तर उंचा उठने में सहायता हो रही है. ऐसे में इन महिलाओं व उनके परिवारों की जंगल पर निर्भरता कम होकर वनसंवर्धन के कार्यो हेतु उनका सहयोग मिल रहा है.
* प्रशिक्षण व साहित्य वितरण
मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प तथा गढचिरोली अगरबत्ती प्रकल्प के संयुक्त सहयोग से अकोट वन्यजीव विभाग के शहानूर व मलकापुर तथा मेलघाट वन्यजीव विभाग के वस्तापुर, रामटेक, मलकापुर, गवलीढाना व सोमवारखेडा ऐसे 7 गांवों की 150 से अधिक महिलाओं व युवतियों को स्थायी रोजगार की दृष्टि से प्राथमिक स्तर पर वात निर्मिती का प्रशिक्षण दिया गया. साथ ही इस जरिए रोजगार मिलने हेतु उन्हें आवश्यक कच्चा माल भी वन विभाग द्वारा उपलब्ध कराया गया.
* मेहनत करो, रोजगार लो
वन विभाग द्वारा चलाए जानेवाले इस प्रकल्प के जरिए मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प क्षेत्र की करीब 500 स्थानीय आदिवासी महिलाओं को स्थायी तौर पर रोजगार उपलब्ध कराने का मानस है. इसके लिए ‘मेहनत करो, कमाई व रोजगार पाओ’ की तर्ज पर यह प्रकल्प चलाया जा रहा है. इसके जरिए कई महिलाएं आर्थिक रुप से स्वावलंबी हो रही है, इसका हमें पूरा समाधान है.
– ज्ञानदिप तराले
उपजिविका विशेषज्ञ, मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प