अमरावती/ दि. 13– आषाढी एकादशी अर्थात देवशयनी एकादशी से अगले चार माह तक सृष्टि के पालनहार भगवान विष्णु विश्राम करते है. इस चार माह में सृष्टि के कल्याण एवं पालन की जिम्मेदारी भगवान शिव पर सौंपी गई थी. यह पौराणिक कथाओं के मान्यता के अनुसार देवशयनी एकादशी के पश्चात पूर्णिमा से हिन्दी भाषियों का सावन माह आरंभ होता है. इस माह में भगवान भोलेनाथ की पूजा अर्चना की जाती है. इस वर्ष हिन्दी भाषियों का सावन माह गुरूवार 14 जुलाई से आरंभ हो रहा है. साथ ही पहला सोमवार 18 जुलाई को होगा.
भगवान शिव को अत्यंत प्रिय सावन माह में सर्वत्र हरियाली होती ैहै. कहा जाता है कि भगवान विष्णु ने विश्राम से पूर्व भगवान शिव को एक माह तक सृष्टि के पालनहार के रूप में जिम्मेदारी सौपी थी. इस माह में सर्वत्र हरियाली और उत्साह का माहौल होता है. भक्त ईश्वर की आराधना कर उपवास, तप, साधना, नामस्मरण जैसी आराधना करते हुए ईश्वर का विशेष आशीर्वाद प्राप्त करने की मंशा के साथ उनके नाम में तल्लीन हो जाते है. इस वर्ष सावन माह का यह पर्व14 जुलाई से धूमधाम से मनाया जा रहा है. हिन्दी भाषियों का सावन माह पूर्णिमा से पूर्णिमा तक होता है. जिसकी शुरूआत गुरूपूर्णिमा से होती है. गुरूपूर्णिमा के दिन गुरूपूजन के पश्चात अगले दिन से सावन माह की विधियां आरंभ होती है. इस वर्ष आज बुधवार, 13 जुलाई को गुरूपूर्णिमा का पर्व मनाया जा रहा है. जिसके साथ गुरूवार से सावन माह आरंभ होगा. इस बार सावन माह में चार सोमवार ब्रत है. सावन माह में भगवान शिव व माता पार्वती की आराधना की जाती है. इस कारण शहर के सभी शिवालय एवं मदिरों को आकर्षक रोशनी के साथ विभिन्न प्रकार से सजाया जा रहा है. स्थानीय गडगडेश्वर मंदिर में सावन माह में शिवलिंग को विविध प्रकार के फूल एवं पत्तियों से आकर्षक रूप से सजाया जाता है.
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सावन मास के व्रत
15 जुलाई अशून्य शयन ब्रत
16 जुलाई संकटी गणेश चतुर्थी व्रत
18 जुलाई मधुश्रावण का आरंभ
24 जुलाई कामदा एकादशी व्रत
28 जुलाई स्नान दान की अमावस्या
30 जुलाई स्वामी करपात्री जयंती
31 जुलाई मधुश्रावणी और हरियाली तीज
01 अगस्त वैनायकी गणेश चतुर्थी
02 अगस्त नागपंचमी
11 अगस्त व्रत की पूर्णिमा एवं रक्षाबंधन