अमरावतीमहाराष्ट्र

दूध एवं पोषण आहार आपूर्ति में करोडों का घोटाला

राज्य की सरकार दलाली सरकार

* विधायक रोहित पवार का आरोप
पुणे/दि.22-राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) के विधायक रोहित पवार ने आरोप लगाया है कि राज्य में आदिवासी स्कूलों में दूध की आपूर्ति और सामाजिक न्याय विभाग द्वारा पोषण आहार वितरण में कराडों रुपये का घोटाला किया गया है.
पत्र-परिषद में बोलते हुए उन्होंने कहा, एक गुमनाम व्यक्ति ने मुझे 11 फाइलें भेजी हैं. मैं केवल दो फाइलें लेकर आया हूं, जिनमें से एक आदिवासी आश्रम स्कूल में दूध आपूर्ति के बारे में है. इसमें छात्रों को 200 मिलीलीटर दूध उपलब्ध कराया जाता है और इसके लिए पहला करार 2019 का है. ठेके का रेट 46.49 रुपए था. चितले, महानंद, अमूल का रेट 49 रुपए 75 पैसे था. उसी दर पर दूध की आपूर्ति की जा रही थी. हालांकि, 2023-24 में यह दर बढकर 146 रुपये हो गई है. 164 करोड का टेंडर है. उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि क्या सरकार इतनी महंगी दर पर दूध खरीदकर आदिवासी आश्रम स्कूलों के छात्रों को दूध की आपूर्ति कर रही है? उन्होंने कहा कि यह काम पुणे के आंबेगांव तहसील के एक निजी दूध डेयरी और कोल्हापुर जिले में एक सत्तारूढ नेता के दूध संघ को यह काम दिया गया था.
इस दौरान पवार ने एक और फाइल का भी खुलासा किया. इसमें आरोप लगाया गया कि सामाजिक न्याय विभाग के छात्रावासों और आवासीय विद्यालयों में भोजन आपूर्ति के टेंडर में 25 फीसदी दलाली दी गई. यह 1 हजार 50 करोड रुपये का टेंडर है और इसमें चार कंपनियां हैं. ब्रिक्स इंडिया, बीवीजी, ई-गवर्नेंस अन्य तीन कंपनियां हैं और यह कहते हुए कि इन कंपनियों को पोषण आहार आपूर्ति का कोई अनुभव नहीं है. उन्होंने स्पष्ट किया कि वह इसके खिलाफ पीएमओ, सीएमओ, एंटी-करप्शन में शिकायत दर्ज कराएंगे.
इस बीच, वह ब्रिक्स इंडिया कंपनी के निदेशक हसन मुश्रीफ के दामाद हैं और ब्रिक्स इंडिया कंपनी सफाई का काम करती है. लेकिन इन सफाई के कामों को करते-करते यह कंपनी सरकार की तिजोरी को सफल करने लगी, यह आरोप पवार ने इस समय किया.
* केजरीवाल की गिरफ्तारी तानाशाही की शुरुआत
एक मुख्यमंत्री को बिना किसी सबूत के गिरफ्तार कर लिया जाता है. यह शुरुआत है कि 2024 के बाद क्या होगा. लेकिन हम सब अरविंद केजरीवाल के साथ हैं. इस दौरान उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार सिर्फ दमनकारी है.
* दलाली सरकार
किसानों के लिए पूरक रहने वाले दुग्ध व्यवसाय को पांच रुपए अनुदान देने इस सरकार के पास पैसा नहीं. वहीं निजी दुग्ध कंपनी को 100 करोड रुपए दलाली देने पैसे है. परीक्षा शुल्क 1 हजार रुपए से 100 रुपए किया जाए, यह मांग हमने की थी, सरकार ने कहा पैसा नहीं है. किंतु पोषण आहार उपलब्ध कराने वाली कंपनी को दलाली देने पैसे है. यह सरकार 25 से 50 प्रतिशत दलाली ले रही है. इसलिए यह दलाली सरकार है, ऐसा पवार ने कहा.

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