‘सिजोफ्रेनिया’ एक मानसिक बीमारी : युवाओं में बढ रहा परिणाम
जिला अस्पताल में हर दिन नए मरीज भर्ती
* मनोचिकित्सक से परामर्श लेने की आवश्यता
अमरावती/दि.13-‘सिजोफ्रेनिया’ यह एक मानसिक बीमारी है. बार-बार महसूस होना कि कोई आपके खिलाफ साजिश रच रहा है, आपको धोखा देने की कोशिश कर रहा है या कोई आपका पीछा कर रहा है और आपको मारने की कोशिश कर रहा है, या अचानक गुस्सा आना, गुस्से में आक्रामक होना, यह सभी मानसिक मानसिक बीमारी के लक्षण हैं. इसे सिजोफ्रेनिया के नाम से भी जाना जाता है. युवाओं में इस बीमारी का प्रमाण बढ रहा है.
सिजोफ्रेनिया एक मानसिक स्थिति है जिसका व्यक्ति के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पडता है. यह व्यक्ति मस्तिष्क के काम करने के तरीके को बाधित करता है, उसके विचारों, स्मृति, इंद्रियों और व्यवहार जैसी चीजों में हस्तक्षेप करता है.
* सिजोफ्रेनिया’ के लक्षण क्या हैं?
सिजोफ्रेनिया एक मस्तिष्क विकार है. हमेशा भ्रम, संदेह या संदेह, निरंतर मतिभ्रम, भाषा और संचार में भ्रम, ध्यान की कमी, किसी की अपनी आंतरिक दुनिया में रहना, नींद न आना, अजीब मतिभ्रम होते हैं.
* सिजोफ्रेनिया एक मस्तिष्क विकार
यह एक प्रकार की मानसिक बीमारी है, जो मस्तिष्क का एक विकार है. सिज़ोफ्रेनिया में कई दोष शामिल हैं. वास्तविकता से व्यक्तियों का संबंध टूट जाते हैं और वे स्वयं एक मायावी और आभासी दुनिया में जीने लगते हैं.
* किस आयु वर्ग को खतरा है?
सिजोफ्रेनिया यह बीमारी युवा उम्र में अधिक दिखाई देती है. यह बीमारी पुरुषों में 15 से 25 वर्ष की आयु में और महिलाओं में 25 से 35 वर्ष की आयु में इस बीमारी का प्रमाण सर्वाधिक होता है. यह बीमारी बुजुर्गों में भी देखी जाती है.
* इलाज से ही ठीक हो जाती है
सिजोफ्रेनिया के प्रभाव को कम करने के लिए मरीजों को उनके लक्षणों के साथ-साथ दवा के आधार पर परामर्श दिया जाता है. कुछ मरीजों को शॉक ट्रीटमेंट भी दिया जाता है.
* जिला अस्पताल में हर दिन नए मरीज
जिला सामान्य अस्पताल में प्रतिदिन रोजाना 10 से 15 सिजोफ्रेनिया मरीज इलाज के लिए भर्ती होते हैं. अस्पताल प्रशासन ने बताया कि इनमें से एक से दो मरीज नये हैं.
मनोचिकित्सक से ले परामर्श
सिजोफ्रेनिया के मरीजों को अजीब मतिभ्रम का अनुभव होता है. इस बीमारी के लक्षण जितनी जल्दी पहचाने जाएं, मरीज का इलाज करना उतना ही आसान होता है. परामर्श और दवा से मरीज को ठीक किया जा सकता है. इसलिए सिजोफ्रेनिया के लक्षणों का पता चलते ही मनोचिकित्सक को दिखाना जरूरी है.
– डॉ. अमोल गुल्हाने, मनोचिकित्सक,
इर्विन