अमरावतीविदर्भ

विद्यापीठ कर्मचारियों की हडताल खत्म

सेवक संयुक्त कृति समिति का निर्णय

  • ७ अक्तूबर के बाद तय होगी आगे की नीति

  • कल ३ अक्तूबर से शुरु होगा कामकाज

अमरावती/दि.२ – बीते २४ सितंबर से शुरु रहने वाले राज्यभर के अकृषक विद्यापीठ इसी तरह महाविद्यालयीन कर्मचारी के कामबंद आंदोलन आगामी बुधवार ७ अक्तूबर तक फिलहाल रद्द करने का निर्णय राज्यस्तरीय सेवक संयुक्त कृति समिति ने लिया है. उपमुख्यमंत्री अजित पवार के साथ ली गई ऑनलाइन बैठक में ७ अक्तूबर को मंत्रालय में इसपर बैठक लेकर तोड निकालने का आश्वासन देने के बाद ऐसा निर्णय लिया गया. महाराष्ट्र राज्य विद्यापीठ कर्मचारी महासंघ के कार्याध्यक्ष अजय देशमुख ने यह निर्णय विद्यापीठ कर्मचारियों के सामने घोषित किया. इस निर्णय के कारण अब विद्यापीठ परीक्षा की बडी समस्या दूर हुई है.
राज्य के विद्यापीठ कर्मचारियों ने अनिश्चितकालीन कामबंद आंदोलन शुरु किया. विद्यापीठ के प्रवेश व्दार को बंद कर प्रवेश व्दार के बाहर दिनभर ठिय्ये पर बैठे रहे. इसी तरह विद्यापीठ के दिनभर आवागमन रोककर रखे जाने के कारण विद्यापीठ के सभी कामकाज ठप्प थे. वित्त विभाग की ओर से कर्मचारियों से करीबी विषय हमेशा अलग रखे गए. इसी तरह कर्मचारियों के विरोधी निर्णय लिण् जाने से वित्तमंत्री के साथ चर्चा जरुरी थी. आखिर कल राज्य के अर्थमंत्री तथा उपमुख्यमंत्री अजित दादा पवार के साथ कृति समिति की बैठक हुई. इस समय पवार से सकारात्मक प्रतिसाद देते हुए मंत्री सामंत कोरोना मुक्त होने के बाद अगले हफ्ते ७ अक्तूबर को संयुक्त बैठक बुलाकर इसका स्थायी तोड निकाला जाएगा, ऐसा आश्वासन दिया तब तक आंदोलन पीछे लेने की विनंती पवार ने की. उसके बाद संयुक्त कृति समिति ने यह आंदोलन फिलहाल के लिए ७ अक्तूबर तक रद्द करने का निर्णय घोषित किया. राज्य संयुक्त कृति समिति के आदेश पर संत गाडगे बाबा अमरावती विद्यापीठ शिक्षकेत्तर कर्मचारी संघ, विद्यापीठ ऑफिसर्स फोरम इसी तरह पिछडा वर्गीय कर्मचारी संघ की ओर से २४ सितंबर से शुरु किये गए काम बंद आंदोलन अब आखिर स्थगित किए गया है. इसके कारण विद्यापीठ का कामकाज कल ३ अक्तूबर शुरु करने का निर्णय लिया गया. इस समय संत गाडगे बाबा महाराष्ट्र राज्य विद्यापीठ कर्मचारी महासंघ के कार्याध्यक्ष अजय देशमुख, पूर्वाध्यक्ष भैयासाहब बारंबे, बालासाहब यादगिरे, पिछडा वर्गीय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष डॉ.नितीन कोली, ऑफिसर्स संघ के शशिकांत रोडे, विलासभाऊ आदि उपस्थित थे.

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