* दुपहिया चला रही मां की बाल-बाल बची जान
मोर्शी/दि.7- गत रोज अमरावती मार्ग पर 25 टन शक्कर लदे 14 पहिए वाले भारी भरकम ट्रक द्बारा मारी गई टक्कर के चलते दुपहिया पर सवार 12 वर्षीय छात्रा श्रावणी आशीष तायवाडे की बुरी तरह घायल होकर मौत हो गई. वहीं दुपहिया चला रही श्रावणी तायवाडे की मां को इस हादसे में छिटपूट चोटें आयी है और वह बाल-बाल बच गई. मोर्शी पुलिस ने हादसे के लिए जिम्मेदार ट्रक को जब्त करने के साथ ही चालक को हिरासत में लिया है. जिसके खिलाफ सदोष मनुष्यवध का अपराध दर्ज किया गया है.
जानकारी के मुताबिक मोर्शी पंचायत समिति कार्यालय के पीछे रहने वाली श्रावणी तायवाडे स्थानीय शांतिनिकेतन इंग्लिश स्कूल में कक्षा 7 वीं की छात्रा थी. बुधवार की सुबह उसे उसकी मां हमेशा की तरह अपने दुपहिया वाहन पर बिठाकर ट्यूशन क्लास पहुंचाने हेतु ले जा रही इसी समय आंबेजोगाई से मोर्शी होते हुए वरुड की ओर जा रहे शक्कर लदे ट्रक ने मां-बेटी की दुपहिया वाहन को पीछे से जोरदार टक्कर मारी. जिसके चलते दुपहिया वाहन की पिछली सीट पर बैठी श्रावणी तायवाडे वाहन से उछलकर रास्ते पर जा गिरी और उसके सिर पर काफी गंभीर चोटें आयी. वहीं श्रावणी की मां भी छिटपूट तौर पर घायल हुई. हादसे की जानकारी मिलते ही मोर्शी के थानेदार श्रीराम लांबाडे दल-बल सहित मौके पर पहुंचे और उन्होंने श्रावणी तायवाडे को तत्काल मोर्शी के उपजिला अस्पताल में भर्ती कराया. जहां पर स्थिति गंभीर रहने के चलते श्रावणी तायवाडे को तुरंत ही अमरावती के जिला सामान्य अस्पताल में रेफर किया गया. लेकिन श्रावणी तायवाडे ने रास्ते में ही दम तोड दिया. पश्चात पोस्टमार्टम की प्रक्रिया निपटाते हुए श्रावणी तायवाडे का शव उसके परिजनों के हवाले किया गया और मोर्शी में श्रावणी तायवाडे के पार्थिव पर अंतिम संस्कार किया गया.
पुलिस ने इस मामले में आरोपी ट्रक चालक शेख मेहनुद्दीन (आंबेजोगाई, बीड) के खिलाफ सदोष मनुष्यवध का अपराध दर्ज करते हुए उसे गिरफ्तार किया है.
* एक दिन पहले ही ‘टीचर’ बनी थी श्रावणी
उल्लेखनीय है कि, विगत 5 सितंबर को समूचे देश भर की शालाओं में शिक्षक दिवस मनाया गया. इस दिन अधिकांश शालाओं में छात्र-छात्राओं द्बारा ही शिक्षकों की भूमिका निभाते हुए अलग-अलग कक्षाओं में जाकर अध्यापन का काम किया जाता है. इसी तर्ज पर विगत 5 सितंबर को मोर्शी की शांतिनिकेतन शाला में ही शिक्षक दिवस का आयोजन किया गया था और 12 वर्षीय श्रावणी तायवाडे ने भी इस अवसर पर आयोजित उपक्रम में शिक्षिका बनकर हिस्सा लिया था. इस दिन 12 वर्षीय श्रावणी तायवाडे बडे उत्साह के साथ किसी शिक्षिका की तरह साडी पहनकर अपनी शाला में पहुंची थी और उसने कुछ कक्षाओं में टीचर की तरह पढाने का काम भी किया था. इसके ठीक अगले दिन श्रावणी तायवाडे एक सडक हादसे का शिकार हो गई. जिसके चलते श्रावणी के शिक्षकों व सहपाठियों को भी अच्छा खासा सदमा लगा है. श्रावणी की सडक हादसे में मौत होने की खबर मिलते ही शांतिनिकेतन इंग्लिश स्कूल में अवकाश घोषित कर दिया गया.