अमरावती

मराठी विषय न पढाने वाली शालाओं को होगा 1 लाख का दंड

शिक्षक संचनालय ने दिए शिक्षण अधिकारी को निर्देश

अमरावती/दि.20 – इंग्लिश माध्यम की शालाओं के विद्यार्थी मराठी विषय में पिछडे ना इस उद्देश्य को लेकर सभी माध्यम की शालाओं में मराठी भाषा का विषय अनिवार्य कर दिया गया है. इस पर अमल न किए जाने पर उन शालाओं से 1 लाख रुपए का दंड वसूले जाने का निर्णय राज्य शासन व्दारा लिया गया है. इस संदर्भ में प्राथमिक शिक्षण संचनालय व्दारा शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी किए गए है.
मराठी महाराष्ट्र की राज्यभाषा होने के बावजूद भी राज्य के अनेक मराठी माध्यम की शालाएं विरान पडी है. दूसरी ओर इंग्लिश माध्यम की शालाएं दिनो दिन बढती दिखाई दे रही है. इंग्लिश माध्यम की शालाओं में मराठी विषय पढाया नहीं जाता इतना ही नहीं इंग्लिश माध्यम की शाला परिसर में मराठी भाषा का इस्तेमाल करने पर भी पाबंदी है ऐसा निदर्शन में आने के पश्चात राज्य शासन व्दारा ठोस निर्णय लिया गया है. इस साल शैक्षणिक सत्र से कक्षा 1 से सभी माध्यम की शालाओं को मराठी विषय अनिवार्य कर दिया गया है. जिन शालाओं में मराठी विषय नहीं पढाया जाएगा उन शालाओं से 1 लाख रुपए का दंड वसूला जाएगा.

अंग्रेजी माध्यम के विद्यार्थी मराठी में कमजोर

अंग्रेजी माध्यम की शालाओं में मराठी विषय को लेकर विशेष ध्यान नहीं दिया जाता. जिसकी वजह से अंग्रेजी माध्यम के विद्यार्थियों को मराठी विषय कठिन लगता है और उन्हें मराठी में बोलने में दिक्कतें आती है.
– एक पालक

मराठी विषय पढाने का निर्णय योग्य

अंग्रेजी शालाओं में पढने वाले विद्यार्थी का अंग्रेजी माध्यम में पाया मजबूत होता है वहीं मराठी भाषा में कच्चा. शासन व्दारा सभी माध्यमिक शालाओं में मराठी विषय पढाने का निर्णय लिया गया है वह योग्य है.
– एक पालक

मराठी न पढाने पर शिकायत करें

इस शैक्षणिक सत्र से सभी माध्यम की शालाओं को मराठी पढाना अनिवार्य कर दिया गया है. अगर किसी शाला में मराठी विषय नहीं पढाया जाता है तो उसकी शिकायत गट शिक्षण अधिकारी अथवा प्राथमिक शिक्षण अधिकारी कार्यालय में की जा सकती है.

सभी शालाओं को दी सूचना

सभी माध्यम की शालाओं में मराठी भाषा अनिवार्य कर दी गई है. राज्य शासन व्दारा लिए गए इस निर्णय का संपूर्ण जिलेभर मे प्रभावी रुप से अमल किए जाने की सूचना सभी शालाओं को दी गई है.
– प्रिया देशमुख, शिक्षण अधिकारी प्राथमिक

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