अमरावती

चरणबध्द ढंग से शुरू होंगी शालाएं

५० फीसदी शिक्षकों की रहेगी उपस्थिति

  • विद्यार्थियों के लिए मास्क व शारीरिक दूरी रहेगी जरूरी

अमरावती/दि.४ – कोरोना प्रादुर्भाव की वजह से शालाओं को प्रत्यक्ष शुरू करना अब तक संभव नहीं रहा, लेकिन अब बदलती परिस्थिति के अनुसार चरणबध्द ढंग से शालाओं को शुरू करने का निर्णय सरकार द्वारा लिया गया है. जिसके संदर्भ में विगत २९ अक्तूबर को उपसचिव के हस्ताक्षर से शालाओं में शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मचारियों की ५० फीसदी उपस्थिति रहने को लेकर एक परिपत्रक जारी किया गया है. जिसमें १८ मार्गदर्शक निर्देश दिये गये है.
जिला परिषद प्राथमिक शिक्षा विभाग ने सरकार के परिपत्रक के अनुसार सभी शालाओें के लिए मार्गदर्शक दिशानिर्देश जारी किये है. जिनमें ऑनलाईन व ऑफलाईन शिक्षा, दूरस्थ शिक्षा देने हेतु काम करते समय केंद्र सरकार के स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय तथा शालेय शिक्षा व साक्षरता विभाग की ओर से १५ जून को जारी परिपत्रक का कडाई से पालन करने की बात कही गयी है. साथ ही कहा गया है कि, जो शिक्षक अपने मुख्यालयवाले स्थान पर अन्य गांवों व शहरों से यात्रा करते हुए आते है, उन्होंने जहां तक संभव हो, सार्वजनिक परिवहन के साधनों का प्रयोग टालना चाहिए और अपने व्यक्तिगत वाहनों का प्रयोग करते हुए शाला में आना चाहिए. स्कूल व कक्षा शुरू होने के बाद पालकों की लिखित सहमति के बाद ही बच्चों को स्कुल व कक्षा में प्रवेश देना चाहिए. फिलहाल कोविड सेंटर के तौर पर प्रयोग में लायी जा रही शालाओं में कर्मचारियों व विद्यार्थियों को प्रवेश देने से पहले कम से कम दो-तीन बार उन शालाओें में निजर्तुंकीकरण किया जाना चाहिए. बायोमेट्रिक हाजरी की बजाय स्पर्शविरहित हाजरी की व्यवस्था की जानी चाहिए. शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मचारियों की शाला के सभी प्रवेश द्वारों पर कोरोना संबंधी जांच की जानी चाहिए. शाला में आते समय और रहते समय सभी के लिए मास्क का प्रयोग करना अनिवार्य किया जाये. अध्यापन साहित्य, कंप्यूटर, लैपटॉप तथा प्रिंटर जैसे उपकरणों का सतत निजर्तुंकीकरण किया जाये. शाला परिसर में रहते समय एक-दूसरे के साथ कम से कम ६ फीट का अंतर रखते हुए आंतरक्रिया की जाये और उस हिसाब से ही सभी उपक्रमों के टाईमटेबल व बैठक व्यवस्था का नियोजन किया जाये. शालाओं में बार-बार हाथ धोने के लिए साबुण, हैण्डवॉश व स्वच्छ पानी की व्यवस्था की जाये तथा शाला के स्वच्छता गृहों का बार-बार निजर्तुंकीकरण किया जाये. इसके अलावा शाला परिसर को दिन में कम से कम एक बार पूरी तरह से निजर्तुंकीकरण किया जाये. इसके अलावा केंद्रीय स्वास्थ्य व कुटूंब कल्याण मंत्रालय के निर्देशानुसार जो कर्मचारी कोविड-१९ के लिहाज से खतरे के उच्च स्तर पर है, उन्होंने विद्यार्थियों के संपर्क में बिल्कूल भी नहीं आना चाहिए.
शाला व्यवस्थापन द्वारा अपने शाला परिसर में किन-किन बातों को सुनिश्चित करना है, इसके मार्गदर्शक निर्देश इस परिपत्रक में दिये गये है. ऐसी जानकारी प्राथमिक शिक्षाधिकारी ई. झेड. द्वारा दी गई है.

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