अमरावती

२० से कम विद्यार्थियों की संख्या वाले स्कूल फिर निशाने पर

प्राथमिक शिक्षक समिति का विरोध

  • कई विद्यार्थियों को दो स्कूल जाने के लिए विवश होना पडेगा

अमरावती प्रतिनिधि/दि. २९ – जिस स्कूल में २० कम विद्यार्थियों की संख्या हेै, ऐसे स्कूलों को फिर से बंद करने का शासन ने षडयंत्र रचा है. शिक्षाधिकारियों को इस बारे में सूचनाएं दी गई है. जिससे विद्यार्थियों को लंबी दूरी पर रहने वाले स्कूलों में जाने के लिए विवश होना पडेगा. इस निर्णय का प्राथमिक शिक्षक समिति ने विरोध किया है. फिलहाल कोरोना महामारी के कारण ऑनलाइन स्कूल शुरु है. २० विद्यार्थियों से कम संख्या रहने वाले स्कूलों को बंद करने का विचार शासन ने फिर से शुरु किया है. राज्य के सामान्य तौर पर ८ से १० हजार स्कूलों को इसका झटका लगेगा. विद्यार्थियों की कम संख्या वाले स्कूल का करीबी स्कूल में समायोजन किया जाए, ऐसी सूचना सूचना अधिकारी को दी गई है. इसके कारण फिलहाल स्कूलों की जानकारी इकट्ठा की जा रही है. इसकी रिपोर्ट इस महिने के अंत तक मांगी गई है. नाशिक जिले के ही ३०० से अधिक स्कूल बंद होने की संभावना है, अन्य जिलों के भी सैंकडों स्कूल है. नक्षे पर दूसरे स्कूल भले करीब दिखते है मगर हकीकत में वे काफी दूर होते है. ऐसे स्कूलों में पालक अपने बच्चों को भेजेंगे क्या, ऐसा प्रश्न भी निर्माण हो रहा है. स्कूल बंद होने के बाद अगले वर्ष विद्यार्थियों की संख्या बढने के बाद भी स्कूल शुरु नहीं होते, ऐसा शिक्षकों ने व्यक्त किया है. इसपर महाराष्ट्र राज्य प्राथमिक शिक्षण समिति ने ज्ञापन सौंपकर ऐसे कोई भी स्कूल बंद न करे, ऐसी मांग की है. इस समय समिति के राज्याध्यक्ष उदय शिंदे, महासचिव विजय कोंबे, कालुजी बोरसे, शिवाजी साखरे, राजन कोरगांवकर, राजेंद्र नवल, केदू देशमाने, सयाजी पाटिल, शिवाजी दुशिंग, राजेंद्र खेडकर, आबा शिंपी, राजेश सावरकर, राजेंद्र पाटिल, सुधाकर सावंत, वर्षा केनवडे, नलिनी सोनोने आदि उपस्थित थे.

Related Articles

Back to top button