अमरावती/ दि.17– राज्य सरकार ने महानगर पालिकाओं के अनुदान का 14 वां वित्त आयोग बंद कर 15 वां वित्त आयोग शुरु किया है. लेकिन इससे मनपा को मिलने वाले अनुदान निधि पर बडे पैमाने पर कैंची चलाई गई है. मनपा को मिलने वाले अनुदान की राशि अब लगभग आधी ही रह गई है. जिससे करोडो का घाटा होकर कम पैसों में खर्च संभालने के सर्कस की नौबत मनपा प्रशासन पर आई है.
38 करोड से 16 करोड पर
मनपा प्रशासन को 14 वें वित्त आयोग की आखिरी किश्त 31 अक्तूबर 2019 को 41 करोड रुपए मंजूर हुई थी. लेकिन वह मिली नहीं उसके बाद 14 वां वित्त आयोग बंद कर दिया गया व 15 वें वित्त आयोग की शुरुआत हुई. जिसके तहत वर्ष 2020-21 में मनपा को 38 करोड रुपए का अनुदान मिला था. लेकिन उसके बाद फिर एक बार अनुदान की राशि में कटौती हुई व वर्ष 2021-22 के लिए केवल 16 करोड रुपए का अनुदान प्राप्त हुआ.
निधि के उपयोग पर भी बंधन
15 वें वित्त आयोग अंतर्गत मनपा को प्राप्त हुए 16 करोड के निधि के खर्च की नियमावली भी सरकार ने जारी की है. जिसके तहत मनपा को प्राप्त निधि में से 50 प्रतिशत निधि सफाई व जलापूर्ति के कामों पर तथा शेष 50 प्रतिशत निधि रेन वाटर हार्वेस्टिंग व अन्य जरुरी कामों पर ही खर्च करने का बंधन है. लेकिन देखा जाता है कि, मनपा प्रशासन अपनी जरुरत के हिसाब से ही यह निधि खर्च करता है.