अमरावतीमहाराष्ट्र

माइट किडा काटने से स्क्रब टायफस का प्रकोप, व्यक्ति की मौत

झाडियों में जानेवाले लोग पहने पूरे कपडे, विशेषज्ञों की सलाह

* मृतक फूटपाथ पर बैठकर करता था व्यवसाय
अमरावती /दि. 24– काफी छोटे आकार का और न दिखाई देनेवाले सुक्ष्म किडे के कांटने से स्क्रब टायफस बीमारी का प्रकोप मनुष्य में होता है. शहर के गाडगे नगर परिसर में रहनेवाले 46 वर्षीय व्यक्ति की हाल ही में किडा काटने से स्क्रब टायफस होने से मृत्यु हो गई. स्क्रब टायफस के कारण मृत्यु होने की शहर की यह पहली घटना है. मृतक का नाम गाडगे निवासी प्रशांत जगन्नाथ कोल्हे (46) है.
प्रशांत कोल्हे को मृत्यु के 8 दिन पूर्व तेज बुखार था. उसने शुरुआत में अपने फैमिली डॉक्टर के पास उपचार किया. लेकिन दो से तीन तक आराम न होने के कारण उसे एक निजी डॉक्टर के यहां ले जाया गया. निजी डॉक्टर ने उसे 17 जनवरी को डॉ. राजेंद्र गोडे मेडीकल कॉलेज में भर्ती किया. जहां उपचार शुरु रहते उसकी 20 जनवरी को मृत्यु हो गई. शुरुआत में उसे कौनसी बीमारी हुई थी, इस बाबत निदान नहीं हुआ था.

* प्रतिबंध के लिए यह उपाययोजना करें
झाडियों में जानेवाले नागरिक शरीर पर पूरे कपडे पहने. घांस पर बैठना अथवा सोना टाले, खुली जगह पर शौचालय जाना टाले, खेत में काम पर से लौटने पर कपडे गरम पानी में भिगाकर धोए, खुले मवेशियों से दूर रहे. यह किडे झाडियों में दिखाई देते है. इस कारण घर के आसपास स्वच्छता रखे.

* स्क्रब टायफस से अवयव कमजोर होते है
प्रशांत कोल्हे को स्क्रब टायफस हुआ यह बात रक्त जांच में सामने आई. जल्द निदान हुआ तो उचित औषधोपचार से यह बीमारी ठिक होती है. लेकिन निदान देरी से हुआ तो जानलेवा साबित होता है. इस मरीज के शरीर में स्क्रब टायफस के कारण कुछ अवयव खराब हो गए है.
– डॉ. जयंत देशमुख, डीन, डॉ. गोडे मेडीकल कॉलेज.

* हमारे पास जानकारी नहीं
प्रशांत कोल्हे नामक मरीज की मृत्यु स्क्रब टायफस से होने की लिखित जानकारी हमारे पास नहीं है. लेकिन सुना गया है. स्क्रब टायफस से यह मृत्यु हुई होगी तो पिछले 5 से 7 साल में शहर की यह पहली घटना है.
– डॉ. विशाल काले, वैद्यकीय स्वास्थ अधिकारी, मनपा.

* स्क्रब टायफस बीमारी के लक्षण
स्क्रब टायफस बीमारी चिगर, माइट नामक जिवाणू से होती है. संक्रमित किडा काटने से यह बीमारी होती है. स्क्रब टायफस यह बीमारी दुर्लभ और समय पर उचित उपचार न होने पर जानलेवा साबित होती है. बुखार, सिर दर्द, बदन दर्द, उलटी, प्लेटलेटस् कम होना आदि इस बीमारी के लक्षण है.

* जिवाणू कैसे घातक साबित होते है
स्क्रब टायफस यह माइट के काटने से होता है. त्वचा पर यह किडा काटने के बाद उसके जंतु रक्त में प्रवेश करते है. पश्चात रक्त के जरिए वे जंतु शरीर में घुलते है. इस दौरान शरीर में कुछ गाठ रहती है वहां जाकर बढते है. पश्चात फिर से रक्त के जरिए शरीर में आकर शरीर के सेल को बाधा पहुंचाते है. छोटे-छोटे सेल खत्म करते है. इस कारण उस सेल को ऑक्सीजन आपूर्ति नहीं हो पाती. परिणामस्वरुप संबंधित अवयव काम नहीं करते. शरीर के नॉर्मल फंक्शन बंद होते है. बीपी भी कम होता है और मरीज कोमा में जाता है, ऐसी जानकारी अधिष्ठाता डॉ. जयंत देशमुख ने दी है.

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