कुणबी जाती के प्रमाण हेतु पुराने दस्तावेजों की खोजबीन
जिलाधीश की अध्यक्षता में 15 सदस्यीय समिति गठित
* 13 सरकारी महकमे लगे दस्तावेज खंगालने के काम पर
अमरावती/दि.9– मराठा समाज को कुणबी जाती प्रमाणपत्र देने हेतु पुराने सबुत व दस्तावेज आवश्यक है. इन दस्तावेजों की खोजबीन अमरावती जिले में युद्धस्तर पर चल रही है. जिसके मद्देनजर प्रभारी जिलाधीश सुरज वाघमारे ने विगत 6 नवंबर को जिला समिति भी गठित की है और इस समिति के साथ 13 सरकारी महकमें और पुराने दस्तावेजों की खोजबीन के काम में जुट गए है.
उल्लेखनीय है कि, मराठा आरक्षण का मुद्दा इस समय जमकर तपा हुआ है. मराठा समाज को कुणबी मराठा व मराठा कुणबी जाती प्रमाणपत्र देने की प्रक्रिया में पुराने दस्तावेज बेहद आवश्यक है. इसमें निजामकालीन दस्तावेज व साक्ष, वंशावली शैक्षणिक दस्तावेज, राजस्व दस्तावेज, संस्थानिकों द्वारा दी गई सनद एवं राष्ट्रीय दस्तावेज आदि साक्षों को महत्वपूर्ण माना जाता है. इन दस्तावेजों की वैधानिक व प्रशासकीय जांच की जा रही है. साथ ही जांच के अंत में दस्तावेजों को वैध पाये जाने पर देने हेतु जिलाधीश की अध्यक्षता के तहत 15 सदस्यीय समिति गठित की गई है. इस समिति द्वारा विविध साक्षों की जानकारी देने की प्रक्रिया जिले में चलाई जा रही है. इस हेतु समिति को कई प्रोफार्म सरकार द्वारा दिए गए है. साथ ही यह प्रोफार्म इस काम में जुटे 13 सरकारी महकामों को भी दिए गए है. संकलित किए गए सभी दस्तावेजों को स्कैनिंग करते हुए व्यवस्थित तरीके से जतन किया जाएगा. इस बारे में विभागीय आयुक्त ने 3 व 4 नवंबर को वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए आवश्यक निर्देश जारी किए है.
* समिति में इन विभागों की ओर साक्षों की जिम्मेदारी
जिलाधिकारी की अध्यक्षता वाली समिति में निवासी उपजिलाधीश को नोडल अधिकारी व सचिव नियुक्त किया गया है. इसके अलावा इस समिति में सदस्य सचिव, जिला जाती वैधता जांच समिति, राज्य उत्पाद शुल्क अधीक्षक, उपजिलाधिकारी (राजस्व), उपकार्यकारी अधिकारी (पंचायत), पुलिस उपमहानिरीक्षक (गृह), सह जिला उपनिंबधक (पंजीयन व मुद्रांक), भूमि अभिलेख अधीक्षक, प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षाधिकारी, समाज कल्याण सहायक आयुक्त, नगर विकास सहायक आयुक्त, कारागार अधीक्षक व जिला सैनिक कल्याण अधिकारी का समावेश है.
* जिले में इन दस्तावेजों को खोजा जा रहा
निजानकालीन साक्ष, वंशावली शैक्षणिक दस्तावेज, संस्थानिकों द्वारा दी गई सनद, राष्ट्रीय दस्तावेज, खसरा पत्रक, निरीक्षण पत्रक, क पत्रक, नागरिकों के राष्ट्रीय रजिस्ट्रर-सन 1951 में रहने वाली हक्क नोंद वही व हक्क नोंद पत्रक, शेतवार पत्रक, सातबारा एवं जन्म मृत्यु पंजीयन.
– जन्म मृत्यु का कोतवाली रजिस्ट्रर, प्रवेश निर्गम उतारा, जनरल रजिस्ट्रर, अनुज्ञप्ति नोंद वही, मली रजिस्ट्रर, ताडी रजिस्ट्रर, आस्थापना, गांववारी, गोपनीय पंजीयन, क्राइम नोंद, अटक पंचनामा, एफआईआर नोंद, खरीदी खत पंजीयन रजिस्ट्रर, डे बुक करार खत, साठे खत व इसार पावती आदि.
– धावडे पावती ठेके पत्र, बटाई पत्र, दत्तक विधान, मृत्यु पत्र, इच्छा पत्र, तडजोड पत्र, जाती प्रमाणपत्र, पडताल संचिक, पक्का बुक, खेतवार पत्र, वसूली बाकी, उल्ला प्रति बुक, रिविजन प्रति बुक, क्लस्टर रिविजन, हक्क पंजीयन पत्र, पूर्व सैनिक की निवृत्ति पश्चात 1967 से पहले ही सेवा पुस्तिका आदि.
* कुणबी पंजीयन के साक्ष एवं दस्तावेज संकलित करने हेतु जिले में 15 सदस्यीय समिति गठित की गई है तथा समिति ने अपना काम भी शुरु कर दिया है.
* 3 पूर्व न्यायमूर्तियों का सलाहकार मंडल इसके अलावा मराठा समाज को आरक्षण देने के संदर्भ में राज्य सरकार को कानूनी मार्गदर्शन करने हेतु उच्च न्यायालय के तीन पूर्व न्यायमूर्तियों का सलाहकार मंडल भी स्थापित किया गया है. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इस बारे में इससे पहले ही घोषणा की कि, सलाहकार मंडल में न्या. दिलीप भोसले, न्या. मारोती गायकवाड, न्या. संदिप शिंदे का समावेश है. सर्वोच्च न्यायालय में मराठा आरक्षण टिक सके. इस हेतु इस सलाहकार मंडल द्वारा राज्य सरकार को सलाह दी जाएगी.