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मप्र की सीमा पर सर्च ऑपरेशन शुरु, 300 पुलिस कर्मी तैनात, 5 लाख की खराब जब्त व नष्ट

सांप जाने के बाद अब लाठी पीट रही है पुलिस, दो मौतों के बाद आयी हरकत में

* ग्रामीण पुलिस ने अवैध व नकली शराब मध्यप्रदेश से आने की बात कही
* कच्ची शराब से दो मौतों के बावजूद जिले के पालकमंत्री फडणवीस का अब तक कोई बयान नहीं
* एक्साईज विभाग अब भी सोया है गहरी नींद में
* ग्रामीण पुलिस व मप्र पुलिस चला रहे संयुक्त अभियान
* ब्राह्मणवाडा, मोर्शी, वरुड, शेघाट में शुरु किया गया सर्च ऑपरेशन
* दो मौतों के मामले में और दो लोगों की हुई गिरफ्तारी
अमरावती/दि.21 – गत रोज मोर्शी पुलिस थाना क्षेत्र अंतर्गत हाथभट्टी की कच्ची गावरानी शराब पीने की वजह से 7 लोगों को विषबाधा हुई थी. जिसमें से दो लोगों की मौत हो गई थी. वहीं 5 लोगों की तबीयत गंभीर रुप से खराब हुई थी. इस घटना के सामने आते ही मोर्शी से सटे मध्यप्रदेश के सीमावर्ती इलाकों में बडे पैमाने पर हाथ भट्टी की गावरानी शराब बनाए जाने और उसकी धडल्ले के साथ विक्री होने का मामला सामने आया था. ऐसे में अब सांप निकल जाने के बाद लाठी पीटने की तर्ज पर अमरावती जिला ग्रामीण पुलिस द्बारा गावरानी शराब की हाथभट्टियों व विक्रेताओं के खिलाफ मोर्चा खोल दिया गया है. जिसके तहत ग्रामीण पुलिस अधीक्षक अविनाश बारगल ने मध्यप्रदेश पुलिस के साथ मिलकर अवैध गावरानी शराब के खिलाफ अभियान छेड दिया है. इस अभियान में संबंधित पुलिस थानों के साथ ही एलसीबी व आरसीबी के करीब 300 से अधिक पुलिस वालों को काम पर लगाया गया है. जिनके द्बारा चांदूर बाजार, ब्राह्मणवाडा थडी, मोर्शी, वरुड एवं शेंदुरजनाघाट आदि क्षेत्रों की सीमावर्ती इलाकों में सर्च ऑपरेशन शुरु किया गया है. इस ऑपरेशन के तहत एक ही रात में अवैध शराब की कई हाथभट्टियों पर छापा मारकर लगभग 5 लाख रुपए की अवैध शराब व गावरानी शराब की निर्मिति से संबंधित साहित्य को नष्ट किया गया है. वहीं हैरत की बात यह है कि, शराब बंदी को लेकर बडे-बडे दावे करने वाले एक्साईज विभाग द्बारा अब तक इस विषय को लेकर कोई हरकत नहीं की गई है. वहीं राज्य के गृहमंत्री रहने के साथ-साथ अमरावती जिले के पालकमंत्री रहने वाले उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्बारा भी कच्ची शराब से 2 लोगों की मौत होने के मामले में अब तक एक भी शब्द नहीं कहा गया है.
उल्लेखनीय है कि, गत रोज मोर्शी तहसील अंतर्गत तरोडा-धनोडा गांव में कुछ लोगों ने गावरानी शराब का सेवन किया था. जिसके बाद 7 लोगों की तबीयत अचानक बिगडने लगी. ऐसे में उन्हें तुरंत ही मोर्शी के उपजिला अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां पर इलाज शुरु करने से पहले ही 2 लोगों की मौत हो गई थी. वहीं 5 लोगों को स्थिति गंभीर रहने के चलते जिला सामान्य अस्पताल में रेफर किया गया था. विषबाधितों में पुरुषों के साथ ही 2 महिलाओं का भी समावेश था. हाथभट्टी की कच्ची गावरानी शराब पीने की वजह से 2 लोगों की मौत होने और 5 लोगों की स्थिति गंभीर होने से संबंधित यह मामला सामने आते ही जिले के ग्रामीण इलाकों में धडल्ले के साथ होने वाली गावरानी शराब का मामला भी उजागर हुआ था. ऐसे में अब तक अवैध शराब को लेकर छिटपूट कार्रवाई की खानापूर्ति करने वाले पुलिस महकमे में भी अच्छा खासा हडकंप व्याप्त हो गया और ‘सांप निकल जाने के बाद लकीर पर लाठी पीटने’ वाली कहावत के तर्ज पर ग्रामीण पुलिस द्बारा मध्यप्रदेश पुलिस के साथ मिलकर मोर्शी एवं आसपास के क्षेत्रों में मप्र की सीमा से सटे इलाकों में छापमार कार्रवाई की जा रही है.
वहीं दूसरी ओर अमरावती जिला पुलिस द्बारा हमेशा की तरह यह कहकर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाडने का प्रयास किया जा रहा है कि, नकली व कच्ची गावरानी शराब अमरावती जिले की सीमा में नहीं बनती, बल्कि ऐसी शराब की मध्यप्रदेश की सीमा से अमरावती जिले में तस्करी की जाती है. जब कभी भी नकली शराब या गावरानी शराब से संबंधित कोई भी मामला सामने आता है, तो जिला पुलिस द्बारा उपरोक्त वाक्स को किसी तकियाकलाम की तरह दोहराया जाता है. लेकिन सवाल यह उठता है कि, जब पुलिस को मध्यप्रदेश से नकली व गावरानी शराब की तस्करी होने के बारे में पूरी जानकारी है. तो शराब तस्करी करने वाले लोगों और शराब तस्करी होने वाले स्थानों को पहले से चिन्हित क्यों नहीं किया जा सका है. साथ ही पुलिस को सबकुछ पता रहने के बावजूद भी सीमा पार से गावरानी शराब से भरे ट्यूब की तस्करी कैसे हो जाती है. यानि कहीं न कहीं कुछ न कुछ गडबड जरुर है.
गत रोज कच्ची शराब पीने की वजह से दो लोगों की मौत का मामला सामने आने के बाद दैनिक अमरावती मंडल द्बारा तरोडा-धनोडा गांव पहुंचकर ग्राउंड रिपोर्टींग की गई, तो पता चला कि, इस गांव की कुल जनसंख्या 750 के आसपास है तथा इसी गांव से सटे भीवकुंडी गांव की जनसंख्या 1500 के आसपास है. इन दोनों गांवों का समावेश करते हुए तरोडा-धनोडा व भिवकुंडी गट ग्रामपंचायत बनाई गई है. यह पूरा इलाका आदिवासी बहुल मेलघाट के किसी दुर्गम पहाडी गांव की तरह ही है और यहां से पडोसी राज्य मध्यप्रदेश की सीमा बिल्कूल सटी हुई है. ऐसे में गांव में रहने वाले लोगों का मजदूरी सहित अन्य कामकाज के लिए मध्यप्रदेश के सीमावर्ती गांवों की ओर आना-जाना लगा रहता है. जिस पर कोई रोक-टोक नहीं है. ऐसे में गांव के पगडंडी व पहाडी रास्तों के जरिए एक ओर से दूसरी ओर गावरानी और नकली शराब की खेप पहुंचाना बेहद आसान है. यहीं वजह है कि, इस क्षेत्र में स्थित दुर्गम पहाडियों व घने जंगलों में छिपकर गावरानी शराब की अनेकों शराब भट्टीयां चलाई जाती है. जहां से बनने वाली शराब चोरी-छीपे रास्तों से इन सीमावर्ती गांवों में भेजी जाती है.

* क्या वाकई शराब से ही हुई विषबाधा
इसी ग्राउंड रिपोर्टींग के दौरान पता चला कि, पुलिस के हत्थे चढे राजकुमार साबले नामक व्यक्ति द्बारा रोजाना मध्यप्रदेश से इन सीमावर्ती गांवों में गावरानी शराब के 2 से 3 ट्यूब की खेप लाई जाती है. हर ट्यूब में 52 से 53 लीटर गावरानी शराब भरी होती है. यानि साबले द्बारा रोजाना मोटे तौर पर 150 लीटर गावरानी शराब सीमा पार से इन सीमावर्ती गांवों में पहुंचाई जाती है. जिसकी ऐवज में प्रतिलीटर 2 से 3 रुपए की मजदूरी के तौर पर राजकुमार साबले को रोजाना करीब 300 से 400 रुपए की कमाई होती है. ऐसे में सबसे बडा सवाल यह है कि, अगर गावरानी शराब पीने की वजह से ही विषबाधा हुई है, तो साबले द्बारा उस दिन लाई गई शराब पीने वाले सभी लोगों को विषबाधा होनी चाहिए थी, लेकिन यह विषबाधा केवल टेकाम व धुर्वे परिवार के 3 लोगों सहित उनसे ही संबंधित अन्य 4 लोगों को हुई. इसके अलावा तरोडा-धनोडा व भिवकुंडी गांव में रहने वाले और साबले द्बारा लाई गई शराब को पीने वाले किसी भी अन्य व्यक्ति को विषबाधा नहीं हुई. जिसे लेकर भी काफी हद तक सवालिया निशान लगाया जा सकता है. पता चला है कि, पुलिस इस बात को भी ध्यान में रखकर मामले की जांच कर रही है. जिसके तहत मृतकों के शवों का पोस्टमार्टम करते समय विसरा को सुरक्षित कर लिया गया है. जिसे केमिकल एनेलेसिस के लिए फारेंसिक लैब भेजा गया है.

* आखिर चुप क्यों हैं फडणवीस?
सर्वाधिक आश्चर्य इस बात को लेकर जताया जा सकता है कि, अमरावती के जिला पालकमंत्री रहने वाले तथा राज्य के गृहमंत्रालय का जिम्मा संभालने वाले राज्य के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अब तक इस मामले को लेकर एक शब्द भी नहीं बोला है, जबकि इस मामले पर बयान देना उनकी जिम्मेदारी बनती है. वहीं इस समय मध्यप्रदेश में भी भाजपा के ही नेतृत्ववाली सरकार है और महाराष्ट्र में भी शिंदे गुट के साथ भाजपा सरकार में शामिल है. साथ ही अमरावती पुलिस द्बारा दावा किया जा रहा है कि, अमरावती जिले में मध्य प्रदेश की सीमा से अवैध शराब की तस्करी हो रही है. ऐसे में दोनों राज्यों के भाजपा नेताओं एवं दोनों राज्यों की सरकारों को चाहिए कि, वे आपस में बैठकर इस समस्या का समाधान खोजे, ताकि दोनों राज्यों की सीमा पर चलने वाली गावरानी शराब की हाथभट्टियों को बंद कराया जा सके और कच्ची शराब पीने की वजह से होने वाली मौतों को रोका जा सके.

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