अमरावतीमहाराष्ट्र

कडाके की सर्दी में पशु चारे की खोज

चांदूर रेल्वे के भेडपालक अन्य तहसीलों की ओर

चांदूर रेल्वे/दि.9 – भेड पालने वालों का जीवन देखा जाये, तो उनकी देखरेख में बितता है. अन्य के भागों में जाकर किसानों की जमीन उपजाउ बनाने का प्रयत्न करने वाले भेड पालक कडी ठंड में चारे की खोज करते नजर आ रहे है. चांदूर रेल्वे तहसील छोडकर अन्य तहसीलों की ओर उन्हें जाना पड रहा है. इस बीच भेडपाल पुत्र आर्मी के जिलाध्यक्ष डॉ. अर्जुन महानर ने प्रशासन से वनविभाग अंतर्गत चारा उपलब्ध करवाने का आग्रह किया है.
खेतों में खुले में पडाव डालने वाले भेडपालकों को अपना और परिवार का पेट भरने के लिए यहां-वहां घूमना पडता है. किसानों से चिरौरी करनी पडती है. किसानों की खेती रिक्त होते ही आसपास चारा और पानी का अंदाज लेकर वे ठहरते हैं. अपनी भेडों को यह लोग अपनी संतानों से अधिक देखरेख करते है. चारे के लिए ठंड के इन दिनों में उन्हें भटकते सहज देखा जा सकता है. फिलहाल चांदूर रेल्वे के गांवों में गिनती के धनगर भाईयों के पास भेड-बकरियां है. सैकडों खाली हाथों को उद्योग देने की क्षमताा इस व्यवसाय में है.
उपेक्षा के कारण व्यवसाय की अपेक्षित प्रगती नहीं हो सकी है. हर साल चारा उपलब्ध कराने की समस्या से उन लोगों को 2-4 होना पडता है. काफी कठीन जीवन जगते हुए भेड पालक अपनी दिनचर्या में प्रसन्न दिखाई पडते हैं.

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