अमरावती

2 व 3 दिसंबर को ओझर में द्वितीय महाराष्ट्र मंदिर न्यास परिषद

हिंदू जनजागृति समिति ने पत्रवार्ता में दी जानकारी

* मंदिरों व संस्कृति की रक्षा हेतु किया जाएगा विचार-विमर्श
अमरावती /दि.29– मंदिरों को हिंदू धर्म की आधारशीला कहा जाता है. जहां से मिलने वाले ईश्वरीय चैतन्य की वजह से ही आधुनिक दौर में भी समाज इन मंदिरों की ओर आकर्षित होता है. ऐसे में मंदिरों की प्रवित्रता की रक्षा करना हिंदू समाज का दायित्व है. ऐसे मेें मंदिरों में वस्त्र संहिता लागू करने के साथ ही मंदिरों पर होने वाले आघात एवं मंदिरों के सरकारीकरण को रोकने जैसे विभिन्न विषयों पर चर्चा करने हेतु आगामी 2 व 3 दिंसबर को पुणे जिले के ओझर में द्वितीय महाराष्ट्र मंदिर न्यास परिषद का आयोजन किया जा रहा है. जिसमेें अमरावती जिले के 44 से अधिक मंदिरों के विश्वस्त उपस्थित रहेंगे. साथ ही इस परिषद में समूचे महाराष्ट्र से 550 से अधिक प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे. इस आशय की जानकारी यहां बुलाई गई पत्रकार परिषद में हिंदू जनजागृति समिति के नीलेश टवलारे द्वारा दी गई.
इस पत्रकार परिषद में बताया गया कि, श्री विघ्नहर गणपति मंदिर देवस्थान, लेण्याद्री गणपति मंदिर देवस्थान, श्री क्षेत्र भीमाशंकर देवस्थान, महाराष्ट्र मंदिर महासंघ तथा हिंदू जनजागृति समिति के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित होने जा रही इस परिषद में समूचे राज्य के मंदिरों के विश्वस्तों, प्रतिनिधियों, पुरोहितों, मंदिरों की रक्षा हेतु संघर्ष करने वाले अधिवक्ताओं व अभ्यासकों का समावेश रहेगा. इससे पहले जलगांव में आयोजित प्रथम महाराष्ट्र मंदिर न्यास परिषद में महाराष्ट्र मंदिर महासंघ की स्थापना की गई थी. जिसका काम लगातार बढता जा रहा है और केवल 4 माह में महासंघ की व्याप्ति राज्यव्यापी हो गई. साथ ही महासंघ के जरिए केवल 9 माह के भीतर राज्य के 230 मंदिरों में वस्त्र संहिता लागू कर दी गई. साथ ही अब हिंदू धर्म को कमजोर करने हेतु मंदिरों पर किए जाने वाले आघात एवं मंदिरों के सरकारीकरण को रोकने हेतु किए जा रहे प्रयासों से निपटने के लिए कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर आगामी 2 व 3 दिसंबर को आयोजित होने जा रही द्वितीय महाराष्ट्र मंदिर न्यास परिषद में विचार-विमर्श किया जाएगा.
इस पत्रकार परिषद में शक्तिपीठाधीश्वर श्री शक्तिजी महाराज, मंदिर महासंघ के प्रतिनिधि अनुप जयस्वाल व विनित पाखोडे तथा पिंगलादेवी संस्थान के आशिष मारुडकर उपस्थित थे

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