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कोल्हे हत्याकांड में जोडी गई युएपीए एक्ट की धाराएं

धारा 16, 18 व 19 के तहत दर्ज हुई स्वतंत्र एफआईआर

* धारा 16 के तहत है फांसी या उम्रकैद की सजा का प्रावधान
* भादंवि की धाराओं के तहत हत्या का अपराध भी है दर्ज
* सातों आरोपियों की कस्टडी अब एनआईए के पास
* 8 जुलाई को सातों आरोपियों की होगी मुंबई कोर्ट में पेशी
अमरावती/दि.5- विगत 21 जून की रात मेडिकल व्यवसायी उमेश कोल्हे को सुनियोजीत तरीके से षडयंत्र रचते हुए मौत के घाट उतारने के मामले में पकडे गये सातों आरोपियों की कस्टडी अब स्थानीय कोर्ट में राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी एनआईए को सौंप दी है. जिसके चलते एनआईए का दल इन सातों आरोपियों को लेकर मुंंबई रवाना होगा. जहां पर आगामी 8 जुलाई को इन सातों आरोपियों को मुंबई कोर्ट के सामने पेश किया जायेगा. उल्लेखनीय है कि, इन सातों आरोपियों के खिलाफ एनआईए ने मुंबई में एक स्वतंत्र एफआईआर दर्ज की है. जिसमें आरोपियों के खिलाफ भादंवि की धारा 302, 34, 109, 120 (ब), 201, 153 (अ), 153 (ब), 295 (अ) के तहत सुनियोजीत ढंग से षडयंत्र रचते हुए हत्या करने का अपराध दर्ज करने के साथ-साथ युएपीए की धारा 16, 18, 19 के तहत देश विघातक कृत्य में शामिल होकर किसी व्यक्ति को मौत के घाट उतारने का अपराध भी दर्ज किया गया है. बता दें कि युएपीए की धारा 16 के तहत अपराध सिध्द होने पर फांसी यानी मृत्युदंड अथवा आजीवन कारावास जैसी कठोर सजा का प्रावधान है.
बता दें कि, 21 जून की रात उमेश कोल्हे की हत्या किये जाने के बाद आरोपियों ने अपने पीछे कोई सबूत या सुराग नहीं छोडा था. जिस स्थान पर उमेश कोल्हे को मौत के घाट उतारा गया, वहां पर हमेशा ही अंधेरा रहता है और घंटाघरवाली गली के उस हिस्से पर किसी सीसीटीवी कैमरे की नजर भी नहीं रहती. ऐसे में यह मामला किसी अंधे कुएं की तरह था, लेकिन इस ‘ब्लाईंड’ केस की गुत्थी को सुलझाने हेतु घंटाघर गली के आसपास स्थित सीसीटीवी कैमरों के फूटेज खंगालते हुए सबसे पहले तो घटनावाले समय के आसपास इस गली से होकर कौन-कौन गुजरा, इस पर नजर डाली गई. साथ ही साथ रात 9.30 बजे से 11 बजे तक इस परिसर में कौन-कौन से मोबाईल नंबर एक्टिवेट थे, इसकी जानकारी भी हासिल की गई. जिसके आधार पर अगले 24 घंटे के भीतर मुदस्सीर अहमद शेख ईब्राहीम (22, लालखडी) तथा शाहरूख पठान हिदायत खान (23, सुफियान नगर) नामक दो आरोपियों को हिरासत में लिया गया. जिनसे की गई पूछताछ के आधार पर 24 जून को बिस्मिल्ला नगर निवासी अब्दूल तौफिक उर्फ नानू तथा यास्मीन नगर निवासी शोएब खान उर्फ भुर्‍या को गिरफ्तार किया गया था. इन चारों आरोपियों का पुलिस ने अदालत से पीसीआर हासिल करने के साथ ही कडाई के साथ पूछताछ की. जिसके बाद इन चारों आरोपियों से हासिल की गई जानकारी पर कोतवाली पुलिस ने पांचवे आरोपी के तौर पर मौलाना आजाद कालोनी निवासी आतीफ रशीद को अपनी हिरासत में लिया. वहीं 2 जुलाई को कोतवाली पुलिस ने इस हत्याकांड की जमीन तैयार करनेवाले डॉ. युसुफ खान वल्द बहादूर खान (सुफियान नगर) को गिरफ्तार करने के साथ-साथ इस हत्याकांड का मुख्य मास्टर माइंड रहनेवाले शेख इरफान शेख रहीम को गिरफ्तार किया. इसके साथ ही पुलिस ने पहली बार इस हत्याकांड की वजह को लेकर खुलासा करते हुए अधिकारिक तौर पर बताया कि, नुपूर शर्मा का सोशल मीडिया पर समर्थन किये जाने की वजह से इन सभी आरोपियों ने उमेश कोल्हे को गला काटकर मौत के घाट उतारने का षडयंत्र रचा था और इस षडयंत्र को अंजाम देने के लिए करीब दस दिनों तक उमेश कोल्हे की रेकी करते हुए उनकी हर एक गतिविधि पर नजर रखी गई. साथ ही 19 व 20 जून को भी उमेश कोल्हे का पीछा करते हुए उन्हें मौत के घाट उतारने का प्रयास किया गया, लेकिन इन दो प्रयासों में आरोपियों को सफलता नहीं मिली. जिसके चलते 21 जून की रात एक बार फिर उमेश कोल्हे का पीछा किया गया और इस बार आरोपी अपने खतरनाक इरादों में सफल रहे.
हिरासत में लिये गये आरोपियों की निशानदेही पर पुलिस ने हत्या की वारदात में प्रयुक्त दो दुपहिया वाहन बरामद किये है. जिसमें से एक दुपहिया चोरी की बताई गई है. इस दुपहिया वाहन की चोरी को लेकर दिसंबर 2020 में गाडगेनगर पुलिस थाने में शिकायत दर्ज है. जिसका सीधा मतलब है कि, हत्या की वारदात में लिप्त आरोपियों में से कुछ आरोपियों का संबंध वाहन चोरी की वारदातों से भी है. इसके अलावा पुलिस ने आरोपियों के बताये गये ठिकानों से तीन चायना चाकू भी बरामद किये है. जिसमें से एक चायना चाकू का प्रयोग उमेश कोल्हे की हत्या हेतु किया गया था. इसके साथ ही पुलिस ने शोएब उर्फ भुर्‍या के घर से दो हजार रूपये जप्त किये है.
यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, 21 जून की रात यह हत्याकांड घटित होने के बाद इससे पहले राहजनी व लूटपाट से जुडा मामला ही माना जा रहा था. ऐसे में शुरूआती दौर में पुलिस उसी एंगल से मामले की जांच कर रही थी, जिसके तहत पुलिस को प्राथमिक तौर पर यह भी पता चल गया था कि, दुपहिया पर सवार होकर आये तीन नकाबपोश युवकों ने इस हत्याकांड को अंजाम दिया है. पश्चात पुलिस ने जमीनी स्तर पर कोई सुराग नहीं रहने के चलते आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करते हुए 23 जून को दो आरोपियों को अपनी हिरासत में लिया. जिनकी अच्छी ‘खातीरदारी’ करने के बाद और दो आरोपी पकडे गये. सुत्रों के मुताबिक इन चारों आरोपियों के पकड में आने के साथ ही कोतवाली पुलिस को इस बात का पता चल चुका था कि, उमेश कोल्हे को किस वजह के चलते मौत के घाट उतारा गया था. लेकिन इस जानकारी को उजागर करने से पहले पुलिस इसकी पूरी तरह से पुष्टि कर लेना चाहती थी. साथ ही साथ मामले से जुडे हर एक आरोपी को भी अपनी गिरफ्त में ले लेना चाहती थी. ऐसे में पुलिस ने उस समय इस हत्याकांड की वजह को उजागर नहीं किया. यही वजह है कि, पुलिस ने इस मामले में हत्या का अपराध तो दर्ज किया, लेकिन उसमें लूटपाट और राहजनी से संबंधीत धाराएं नहीं जोडी थी.
इस मामले की जांच-पडताल के दौरान पुलिस ने मृतक उमेश कोल्हे का मोबाईल भी 23 जून को खंगाला था. जिसके दौरान पुलिस की नजर ‘ब्लैक फ्रीडम’ नामक वॉटसऍप ग्रुप पर पडी. यह ग्रुप उमेश कोल्हे द्वारा ही बनाया गया था और इस ग्रुप में उमेश कोल्हे के साथ-साथ डॉ. युसुफ खान भी एडमिन था. पुलिस ने इस बात पर विशेष रूप से ध्यान दिया कि, इस ग्रुप में केवल डॉ. युसुफ खान को छोडकर उमेश कोल्हे सहित ग्रुप का हिस्सा रहनेवाले अन्य 62 लोग दूसरे समाज से वास्ता रखते है. इसी ग्रुप में उमेश कोल्हे ने विगत 14 जून को नुपुर शर्मा के समर्थन में एक पोस्ट फॉरवर्ड की थी. और इस ग्रुप का हिस्सा रहनेवाले डॉ. युसुफ खान ने 15 जून को उमेश कोल्हे की पोस्ट अपने परिचय में रहनेवाले कई लोगों के साथ ‘कलीमभाई ग्रुप’ तथा ‘रहबरिया ग्रुप’ नामक वॉटसऍप समूहों में फॉरवर्ड की. साथ ही इस पोस्ट के साथ डॉ. युसुफ खान ने यह भी लिखा कि, ‘उमेश कोल्हे नामक यह शख्स पशुओं की दवाएं बेचता है और हम लोग ही इसके यहां से सबसे ज्यादा दवाएं खरीदते हैं. लेकिन यह शख्स हम लोगों को लेकर ऐसी पोस्ट डाल रहा है. इसको हमें सबक सीखाना चाहिए.’ यहीं से उमेश कोल्हे हत्याकांड की जमीन तैयार होनी शुरू हुई और इस हत्याकांड को अंजाम देने के लिए एक-एक कर आठ लोग एकसाथ आये. जिनकी रहबर हेल्पलाईन नामक सामाजिक संगठन चलानेवाले शेख इरफान शेख रहीम की अगुआई में बाकायदा मिटींग हुई और उमेश कोल्हे को सबक सीखाने व सजा देने के लिए उसे मौत के घाट उतारने की योजना तैयार की गई और उमेश कोल्हे की हर एक गतिविधि पर नजर रखी जाने लगी. जिसके तहत उमेश कोल्हे को रात में दुकान से घर लौटते समय घेरकर मारने का प्लान बना तथा 19 व 20 जून की रात उमेश कोल्हे को मारने के लिए उनका पीछा भी किया गया. लेकिन दोनों ही बार बात नहीं जमी. परंतू 21 जून की रात उमेश कोल्हे जिस समय अपने घर जाने के लिए दुकान बंद करते हुए निकले, तो उनकी हर एक हरकत पर नजर रखते हुए कुछ लोग पहले से तैयार खडे थे. इसके तहत दो लोग घंटाघरवाली गली में चाकू लेकर उमेश कोल्हे के आने का इंतजार कर रहे थे. जिनमें शोएब उर्फ भुर्‍या तथा आतीफ नामक आरोपियों का समावेश था. वहीं उमेश कोल्हे के अपने दुपहिया वाहन पर सवार होकर आगे बढते ही शेख शमीम ने इसकी सूचना शोएब व आतीफ को दी और खुद भी अपने दुपहिया वाहन पर सवार होकर उमेश कोल्हे का पीछा करना शुरू किया. उमेश कोल्हे जैसे ही घंटाघरवाली गली में न्यु हाईस्कूल मेन के गेट के पास पहुंचे, वैसे ही आतीफ व शोएब ने आडे आकर उनकी दुपहिया को रूकाया और शोएब ने अपने पास का चाकू निकालकर उमेश कोल्हे की गर्दन पर वार किया. जिससे उमेश कोल्हे की अन्न नलिका, श्वास नलिका तथा दिमाग व आंख की नसें कट गई और बडे पैमाने पर खून बह जाने के चलते उमेश कोल्हे की मौत हो गई.
आरोपियों से इस हत्याकांड की जानकारी निकालने के बाद अपनी जांच के दौरान पुलिस ने डॉ. युसुफ खान को कई बार पूछताछ के लिए थाने बुलाया. साथ ही उसके मोबाईल सहित अन्य कुछ लोगों के मोबाईल भी खंगाले. जिनके जरिये धीरे-धीरे पूरे मामले की कडियों को एक-एक कर जोडना शुरू किया गया. हालांकि 21 जून की रात घटित हुए हत्याकांड के बाद 22 व 23 जून के पहले दो दिन इस मामले की गुत्थी को सुलझाने के लिहाज से काफी मुश्किलभरे रहे, क्योेंकि मौका-ए-वारदात पर कोई भी सबूत या सुराग नहीं था, लेकिन आधुनिक तकनीकों का प्रयोग करते हुए एक-एक कर सभी कडियों को जोडा गया और सात आरोपियों को अपनी हिरासत में लिया गया. जिसके चलते पूरे मामले का पर्दाफाश हुआ. हालांकि अब भी एक आरोपी का पकडा जाना बाकी है.
इस समय उमेश कोल्हे हत्याकांड के सातों आरोपी सिटी कोतवाली पुलिस थाने के लॉकअप् में बंद है. जिन्हेें गत रोज ही स्थानीय जिला व सत्र न्यायालय ने एनआईए की कस्टडी में सौंपे जाने को मंजूरी दी है. ऐसे में अब एनआईए का दल इन सातों आरोपियों को लेकर मुंबई रवाना हो जायेगा. जहां पर 8 जुलाई को उन्हें मुंबई की अदालत के सामने पेश किया जायेगा. उल्लेखनीय है कि, विगत गुरूवार की रात अमरावती पहुंचे एनआईए के दल ने पहले अपने स्तर पर ही इस मामले की जांच करनी शुरू की थी और शनिवार को पहली बार एनआईए के अमरावती में रहने की अधिकारिक रूप से पुष्टि हुई. जब खुद देश के केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने उमेश कोल्हे हत्याकांडवाले मामले की जांच एनआईए को सौंपे जाने की बात कही. जिसके बाद एनआईए पूरी तरह से हरकत में आयी. शनिवार को ही इस हत्याकांड की वजह को शहर पुलिस द्वारा उजागर करते हुए उमेश कोल्हे हत्याकांड के मुख्य सूत्रधार डॉ. युसुफ खान तथा शेख इरफान को गिरफ्तार किया गया. वहीं अब इस मामले की जांच और आरोपियों की कस्टडी राष्ट्रीय जांच एजेंसी के पास है. जिसने इस मामले को लेकर मुंबई में एक स्वतंत्र एफआईआर दर्ज की है. जिसमें भादंवि की धाराओें के साथ-साथ केंद्रीय आतंकवादरोधी अधिनियम 1967 यानी युएपीए एक्ट की धाराओं को भी जोडा है और युएपीए एक्ट की जिन तीन धाराओं को इस मामले में जोडा गया है, उसमें से धारा 16 के तहत दोष सिध्द होने पर सजा-ए-मौत या ताउम्र की कैद जैसी सजाओं का प्रावधान भी है. ऐसे में अब सभी की निगाहेें आगामी 8 जुलाई को मुंबई कोर्ट के सामने आरोपियों की होनेवाली पेशी की ओर लग गई है.

उमेश कोल्हे हत्याकांड में हुआ एक चौंकानेवाला खुलासा
– अब मामले से जुडा नया सीसीटीवी फुटेज आया है सामने
– इस फुटेज को देखकर अनुमान लगाया जा रहा है कि, उमेश कोल्हे को पहले घुटने के बल बिठाया गया, फिर चाकू से उनका गला काटा गया.
– फिलहाल नये सीसीटीवी फुटेज को फॉरेन्सीक जांच के लिए भेजा गया है
वहीं इस दौरान एक बेहद चौंका देनेवाली नई व सनसनीखेज जानकारी सामने आयी है. जिसके मुताबिक कत्ल की वारदात से संबंधित एक नया सीसीटीवी फुटेज पुलिस के हाथ लगा है. जिसे देखकर अनुमान लगाया जा रहा है कि, आरोपियों ने उमेश कोल्हे को घंटाघरवाली गली में घेरकर पकडने के बाद उन्हें जबरन नीचे जमीन पर घुटने के बल बिठाया और फिर तेज धारदार चाकू से उनका गला काटकर उन्हेें मौत के घाट उतार दिया. इस सीसीटीवी फुटेज में मौका-ए-वारदात पर तीन से चार आरोपी दिखाई दे रहे है. हालांकि यह वीडियो फुटेज काफी धुंधला है. ऐसे में पुलिस द्वारा इसे फॉरेन्सीक जांच के लिए भेजा गया है. अब तक यह अनुमान लगाया जा रहा था कि, आरोपियों ने उमेश कोल्हे के गले पर एक झटके के साथ चाकू का गहरा वार किया था और वे मौके से भाग गये थे. लेकिन इस नये सीसीटीवी फुटेज के सामने आने के बाद कयास लगाया जा रहा है कि, आरोपियों ने उमेश कोल्हे को घंटाघरवाली गली में घेरने के बाद उन्हें पहले नीचे जमीन पर घुटने के बल बिठाया और फिर बडे इत्मीनान के साथ उनका गला काटा. यह सीसीटीवी फुटेज करीब 54 सेकंड का है और इस दौरान आरोपी कहीं से भी जल्दबाजी में नहीं दिखाई दिये. उल्लेखनीय यह भी है कि, इस समय घंटाघरवाली गली से सटे श्याम चौक की ओर जानेवाले मुख्य मार्ग पर वाहनों की आवाजाही चल रही थी, लेकिन आरोपी इस बात से पूरी तरह बेखबर थे. वहीं मुख्य मार्ग से गुजरनेवाले किसी भी व्यक्ति का ध्यान गली के भीतर चार कदम की दूरी पर हो रही इस हत्या की ओर नहीं गया.

* क्या कहती हैं युएपीए की ये तीन धाराएं-
– धारा 16 – आतंकवादी कृत्य के लिए सजा
(1) जो कोई आतंकवादी कार्य करेगा, वह,
(ए) – यदि इस तरह के कार्य के परिणामस्वरूप किसी व्यक्ति की मृत्यु हो गई है, तो मृत्यु या आजीवन कारावास से दंडनीय होगा, और जुर्माने के लिए भी उत्तरदायी होगा.
(बी) – किसी भी अन्य मामले में, कारावास से दंडित किया जा सकता है, जिसकी अवधि पांच वर्ष से कम नहीं होगी, लेकिन जिसे आजीवन कारावास तक बढ़ाया जा सकता है, और जुर्माने के लिए भी उत्तरदायी होगा.

– धारा 18 – षडयंत्र आदि के लिए दण्ड
जो कोई भी किसी आतंकवादी कृत्य या किसी आतंकवादी कृत्य को करने की तैयारी करनेवाले किसी कृत्य को करने के लिए षडयंत्र या करने का प्रयास करता है, या वकालत करता है, उकसाता है, सलाह देता है या उकसाता है, या जानबूझकर सुविधा प्रदान करता है, वह दंडनीय होगा. एक अवधि के लिए कारावास, जो पांच वर्ष से कम नहीं होगा, लेकिन जिसे आजीवन कारावास तक बढ़ाया जा सकता है, और जुर्माने के लिए भी उत्तरदायी होगा.

– धारा 19 बंदी, आदि के लिए दंड
जो कोई भी स्वेच्छा से किसी व्यक्ति को यह जानते हुए कि वह आतंकवादी है, किसी व्यक्ति को शरण देने या छिपाने का प्रयास करता है, वह कारावास से, जिसकी अवधि तीन वर्ष से कम नहीं होगी, लेकिन जिसे कारावास तक बढ़ाया जा सकता है, दंडनीय होगा. आजीवन, और जुर्माने के लिए भी उत्तरदायी होगा.

* अब आरोपियों को मुंबई ले जाने की तैयारी
– एनआईए ने शहर पुलिस से मांगा सुरक्षा दस्ता
वही अब एनआईए द्वारा कोल्हे हत्याकांड में पकडे गये सातों आरोपियों को अपने कब्जे में लेकर मुंबई ले जाने की तैयारी शुरू कर दी गई है. जिसके लिए एनआईए ने बाहर से अपने 20 लोगों की टीम को अमरावती बुलाया है. साथ ही साथ सुरक्षा इंतजाम के लिए अमरावती शहर पुलिस से भी करीब 50 लोगों का समावेश रहनेवाला सुरक्षा पथक मांगा है, ताकि कडी सुरक्षा के बीच सातों आरोपियों को मुंंबई शिफ्ट किया जा सके. हालांकि यह अभी तय नहीं है कि, इन सभी आरोपियों को अमरावती से मुंबई पुलिस के वाहनों में बिठाकर सडक मार्ग के जरिये ले जाया जायेगा, या फिर उन्हें ट्रेन के जरिये मुंबई शिफ्ट किया जायेगा. आरोपियों से चल रही पूछताछ और उन्हें मुंबई शिफ्ट किये जाने को लेकर की जा रही तैयारियों के बारे में एनआईए द्वारा गजब की गोपनियता बरती जा रही है और इस समय अमरावती में मौजूद एनआईए के पुलिस उपमहानिरीक्षक प्रवीण इंगोले तथा अपर अधीक्षक बजरंग बनसोड द्वारा पूरे मामले को लेकर चुप्पी साध रखी गई है.

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