अमरावती

दस में से केवल दो एटीएम पर ही सुरक्षा रक्षक

अलार्म और सीसीटीवी कैमरों का पता नहीं

  • भीतर लगा रहता है मुडी-तुडी स्लीप का कचरा

  • रिजर्व बैंक के नियमों की जमकर हो रही अनदेखी

  • एटीएम की सुरक्षा है भगवान भरोसे

अमरावती/दि.13 – शहर में सभी बैंकोें के एटीएम सेंटर की सुरक्षा को लेकर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने कुछ मानक तय किये है. जिनकी बैंकों द्वारा जमकर अनदेखी की जा रही है. जिसके चलते शहर में 10 में से केवल 2 एटीएम पर ही सुरक्षा रक्षक तैनात है. वहीं अधिकांश एटीएम पर अलार्म व सीसीटीवी कैमरों का कोई अता-पता नहीं है. इसके अलावा एटीएम मशीन से निकलनेवाली बैंक स्लीप को तो ग्राहकों द्वारा मोड-तोड कर एटीएम सेंटर के भीतर इधर-उधर फेंक दिया जाता है. जिसकी वजह से एटीएम सेंटर के भीतर चारों ओर कचरा बिखरा हुआ रहता है. ऐसे में सभी एटीएम सेंटरों की सुरक्षा को रामभरोसे कहा जा सकता है.
यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, इससे पहले विगत सप्ताह शहर में दो एटीएम सेंटर फोडने का प्रयास हुआ. जिसमें से तपोवन परिसर का एटीएम सेंटर फोडने के मामले में 4 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया था. जिसके चलते एटीएम की सुरक्षा पर सवालिया निशान लगते दिखाई दे रहे थे और उम्मीद की जा रही थी अब एटीएम सेंटरों की सुरक्षा को लेकर कुछ गंभीरता दिखाई जायेगी, किंतु हालात में कोई विशेष परिवर्तन नहीं हुआ है.
ज्ञात रहे कि, आरबीआई द्वारा एटीएम सेंटर की सुरक्षा हेतु सुरक्षा रक्षक, सायरन, सीसीटीवी कैमरे व फ्लैश लाईट आदि को लेकर मानक तय किये गये है. किंतु एक भी बैंक द्वारा एटीएम की सुरक्षा के संदर्भ में तय मानकों का पालन नहीं किया जा रहा.
बता दें कि शहर में विविध बैंकों के करीब 152 एटीएम सेंटर है. जिसमें से अब तक दो बार एटीएम फोडने का प्रयास हुआ है. इन दोनों एटीएम पर सुरक्षा रक्षक तैनात नहीं था. साथ ही दोनोें ही एटीएम में सायरन सिस्टीम भी नहीं उपलब्ध थी. हालांकि इसके बावजूद यह सौभाग्यवाली बात रही कि, दोनों ही घटनाओं में कोई बडी चोरी नहीं हो पायी. किंतु बेहद जरूरी है कि, इससे सबक लेते हुए एटीएम सेंटरोें की सुरक्षा व्यवस्था पर जल्द से जल्द ध्यान दिया जाये. जिसके तहत एटीएम सेंटर में सायरन, एटीएम सेंटर के बाहर फ्लैश लाईट, एटीएम सेंटर के भीतरी व बाहरी हिस्से पर नजर रखनेवाले सीसीटीवी कैमेरे तथा एटोमैटिक लॉक होनेवाले दरवाजे सहित सुरक्षा रक्षक की नियुक्ति होना बेहद जरूरी है. कई बार बैंकों के एटीएम सेंटर सडक से कुछ दूरी पर सुनसान स्थान पर होते है. ऐसे में यहां सायरन सिस्टीम का रहना बेहद जरूरी है, ताकि आपातकालीन परिस्थिति में आसपास रहनेवाले लोगबाग सहायता हेतु दौडकर आ सके.

पुलिस व बैंक अधिकारियों की हुई बैठक

शहर में 95 फीसद एटीएम में सुरक्षा रक्षक नहीं है. इस पार्श्वभुमि पर बुधवार को पुलिस उपायुक्त विक्रम साली ने बैंक के अधिकारियों की एक बैठक ली. इस बैठक में बैंक एटीएम की सुरक्षा हेतु क्या किया जा सकता है और सुरक्षा मानकों पर कैसे प्रभावी अमल किया जा सकता है, इसे लेकर चर्चा हुई.

  • एटीएम सेंटर पूरी तरह से बैंकों की संपत्ति होते है और उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी भी बैंकों की ही है. आरबीआई द्वारा इस संदर्भ में कुछ मानक तय किये गये है. किंतु बैंकों द्वारा इन मानकों का पालन नहीं किया जाता. ऐसे में एटीएम सुरक्षा को लेकर बैंक अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए उन्हें कुछ आवश्यक निर्देश दिये गये है.
    – विक्रम साली
    पुलिस उपायुक्त
  • अधिकांश एटीएम सेंटरों पर सुरक्षा के तमाम इंतजाम किये गये है और कुछेक स्थानों पर कुछ समस्याएं है. जिसके बारे में संबंधित बैंक प्रबंधन को आवश्यक दिशानिर्देश दिये गये है, क्योेंकि एटीएम की पूरी जिम्मेदारी बैंकों की ही है.
    – जीतेंद्रकुमार झा
    लीड बैंक मैनेजर

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