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किसानों का 27 लाख 48 हजार 414 रुपए बकाया
अमरावती/दि.4 – पुसद एमआईडीसी के लिए सरकार ने 1989 में जमीन अधिग्रहीत कर हस्तांतरित की थी. इसके लिए अमरावती विभागीय औद्योगिक विकास मंडल को अधिक मुआवजा दिये जाने के निर्देश उच्च न्यायालय ने जारी किये थे. मगर 42 वर्षों में अब तक मुआवजा नहीं दिया गया. जिससे संबंधित किसानों का 27 लाख 48 हजार 414 रुपए मुआवजा बकाया है. यह मामला पुसद की अदालत में पहुंचा. अदालत ने 2017 में जब्ती के आदेश दिये थे. उस समय प्रादेशिक अधिकारी ने वक्त मांगा था. जिससे कार्रवाई कुछ दिन के लिए टल गई. परंतु छह माह में दो बार जब्ती की कार्रवाई की गई. उसके बाद भी किसानों को मुआवजा न मिलने पर कल गुरुवार को पुसद अदालत के बेलिफ के माध्यम से एमआईडीसी प्रादेशिक कार्यालय पर जब्ती के आदेश जारी करने से खलबली मच गई.
जानकारी के अनुसार पुसद के सुदाम भांडू राठोड, बाबुसिंह पवार, बन्सी भानसू, चव्हाण, सुभाष राठोड, सुभाष गनन्वार धोपटे, गणपत राठोड आदि किसान एमआईडीसी कार्यालय में बेलिफ के साथ पहुंचे. इस समय गुणवंत धोपटे, ललित खोब्रागडे उपस्थित थे. एमआईडीसी के प्रादेशिक अधिकारी दिगांबर पारधी से मुलाकात की. उन्हें दस्तावेज दिखाते हुए जब्ती की कार्रवाई की बात कही. तब पारधी ने संबंधित अधिकारी को 30 दिन में मुआवजा देने का आश्वासन दिया, साथ ही लिखित पत्र भी दिया गया, तब जाकर जब्ती की कार्रवाई फिलहाल टली.
किसानों ने किया इंकार
कुछ देर के लिए किसान उनकी बात मानने के लिए तेैयार नहीं थे. उनका कहना था कि, ऐसा आश्वासन हमेशा ही संबंधित अधिकारियों व्दारा दिया जाता है. ऐसे में अदालत के आदेश रहने के बाद भी कार्रवाई के बीच आने की बात उठाई गई. मगर संबंधित अधिकारी को समझाने के बाद आखिर जब्ती की कार्रवाई टल गई.