अमरावती

एमआईडीसी कार्यालय की जब्ती टली

50 लाख रुपए के लिए बेलिफ धमके थे

अमरावती/दि.29 – वर्ष 1999 में एकड जमीन अधिगृहित करने के बाद भी उसका मुआवजा नहीं दिया. इसपर नांदगांव पेठ निवासी विनोद जुगलिकशोर बजाज ने शुक्रवार को एमआईडीसी कार्यालय पर जब्ती लाई. इस जब्ती के दौरान उन्होंने एमआईडीसी कार्यालय की सामग्री जब्त करने की कार्रवाई शुरु की. तब स्थानीय अधिकारियों ने 8 दिन की मोहलत मांगी, जिससे यह जब्ती की कार्रवाई टल गई. अगर 8 दिन के अंदर मुआवजे की रकम जमा नहीं की तो फिर से जब्ती करने की चेतावनी विनोद बजाज ने दी.
जानकारी के अनुसार वर्ष 1999 में नांदगांव पेठ के धामणा अंतर्गत 7 हेक्टेअर 81 आर खेत जमीन एमआईडीसी में प्रोजेक्ट के लिए अपने कब्जे में ली. इसपर विनोद बजाज को 1999 में 20 एकड जमीन के लिए केवल 1 लाख 57 हजार रुपए दिये गए. जिसके कारण उन्हें न्याय मिले इस वजह से न्यायालय में शरण ली. सन 2010 में एड.विवेक बारलिंगे ने इस मामले में गवाह और सबूत प्रस्तुत कर बजाज को न्याय मिले, इस दृष्टि से दलीलें पेश की. 3 दिसंबर 2010 को 9वे सहदीवानी न्यायालय वरिष्ठ स्तर ने 45 लाख 86 हजार 323 रुपए देना मंजूर किया. मगर 12 वर्ष बीत जाने के बाद भी वह रकम नहीं दी गई. इस वजह से ब्याज समेत 50 लाख रुपए एमआईडीसी की ओर से बजाज को दिये जाए, ऐसे आदेश न्यायालय ने दिये.
इस बारे में 12 वर्ष उन्होंने लगातार प्रयास कर पत्र व्यवहार किया. परंतु एमआईडीसी ने उसे गंभीरता ने नहीं लिया. इसके कारण एड.विवेक बारलिंगे, एड.ऋषिकेश उपाध्याय, नितीन मरसकोल्हे ने कल शुक्रवार बडनेरा रोड स्थित एमआईडीसी कार्यालय में जब्ती के लिए बेलिफ को लाया और कार्रवाई के लिए दोपहर 12 बजे टीम जा धमकी. कार्यालय में प्रादेशिक अधिकारी पारधी उपस्थित नहीं होने के कारण इस मामले में रुपए जमा न होने के कारण समय देने की विनंती अधिकारियों की गई. परंतु बजाज ने मना कर दिया. तब वरिष्ठ अधिकारियों से संपर्क साधकर 8 दिन का समय मांगा और वैसा लिखित पत्र भी एमआईडीसीने बजाज को दिया. जिसपर बजाज ने 9 दिन का समय दिया, जिससे जब्ती की कार्रवाई टल गई.

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