अमरावती

चयन हुआ लेकिन नियुक्ति नहीं, आखिर ‘उस’ युवक ने फांसी लगाई

कनिष्ठ लिपिक पद का सपना अधुरा रहा

  • राज्य शिक्षा बोर्ड के कारभार पर प्रश्नचिन्ह

अमरावती/दि.7 – महाराष्ट्र राज्य माध्यमिक व उच्च माध्यमिक शिक्षा बोर्ड व्दारा वर्ष 2019 में 266 कनिष्ठ लिपिक पद के लिए भर्ती प्रक्रिया अमल में लायी गई थी. किंतु चयन होकर भी नियुक्ति आदेश न मिलने से एक विवाहित युवक ने फांसी लगाकर आत्महत्या की. यह घटना 4 जून को निदर्शन में आयी. विठ्ठल गोटीराम बिघोल (33, सारोला, औरंगाबाद) यह आत्महत्या करने वाले युवक का नाम है. बोर्ड की लापरवाह कामकाज के विरोध में कनिष्ठ लिपिक पद पर चयन हुए उम्मीदवार अब पुणे में आज 7 जून से आंदोलन करने वाले है. उसके लिए 40 लोगों का दल पुणे की दिशा में रवाना हआ है.
बोर्ड ने 266 सिटों की कनिष्ठ लिपिक पद के लिए अक्तूबर, नवंबर 2019 में परीक्षा ली थी. दिसंबर अंत में 1049 उम्मीदवारों की सूची घोषित की गई. 7 फरवरी 2020 को कागजातों की छानबीन कर मेरीट के अनुसार अंतिम सूची घोषित की गई. इस बीच 23 मार्च 2020 को राज्य के शालेय शिक्षा विभाग में कनिष्ठ लिपिक पद की रिक्त सिटें भरने बाबत राज्य शिक्षा बोर्ड को सूचित किया. किंतु 8 से 10 महिने होकर भी नियुक्ति के शासना आदेश न आते देख मानसिक रुप से परेशान हुए विठ्ठल बिघोत ने घर में पंखे को फांसी लगाकर आत्महत्या की. विठ्ठल का 25 मई 2021 को विवाह हुआ. घर की आर्थिक स्थिति काफी कमजोर थी. पत्नि, माता, पिता इस तरह की जिम्मेदारी उसपर रहने से और मानसिक रुप से टूट जाने से उसने आत्महत्या की होगी, ऐसा कनिष्ठ लिपिक पद पर चयन हुए उनके अन्य सहयोगियों की भावना है.

अमरावती में 22 मार्च को दिया था धरना

266 कनिष्ठ लिपिक पद के लिए पात्र हुए उम्मीदवारों को नियुक्ति आदेश देने चाहिए, इसके लिए 22 मार्च 2021 को अमरावती स्थित विभागीय बोर्ड के कार्यालय के सामने उम्मीदवारों ने धरना दिया था. किंतु यह समय कोरोना का रहने से और संचारबंदी लागू थी. इस कारण आंदोलकों ने बोर्ड के अध्यक्ष शरद गोस्वामी को निवेदन पेश किया था. किंतु अब पुणे की ओर आज होने वाले आंदोलन में शामिल होने अमरावती निवासी भुषण पतींगे, राहुल खंडारे, योगीता वासनकर, विशाल खडसे, नरेंद्र घरड आदि रवाना हुए है.

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