अमरावती

स्वयंचलित मौसम केंद्र किसानों के लिए या बीमा कंपनी के फायदे के लिए?

किसान कर रहे सवाल, फलफसल बीमा की रकम देने की मांग

मोर्शी/दि. ५-किसानों को मौसम की अचूक जानकारी मिलें तथा मौसम में हो रहे बदलाव के कारण कृषि का संभावित नुकसान टालने के उद्देश्य से सरकार द्वारा स्वयंचलित मौसम केंद्र निर्माण करने का निर्णय लिया गया था. इसके तहत मोर्शी तहसील के हिवरखेड राजस्व मंडल में स्वयंचलित हवामान केंद्र शुरु किया गया.किंतु हिवरखेड सर्कल में स्वयंचलित मौसम केंद्र सर्कल के बीचोबीच दापोरी में न लगकार मोर्शी तहसील के अंतिम छोर पर लगाने से हिवरखेड सर्कल के फलफसल बीमा करवाने वाले हजारों संतरा उत्पादक किसानों को सहायता से वंचित रहने की नौबत आ गई है, यह आरोप राष्ट्रवादी कांग्रेस के तहसील उपाध्यक्ष तथा ग्राम पंचायत सदस्य रूपेश वालके ने किया है. हिवरखेड राजस्व मंडल अंतर्गत आनेवाले हजारों संतरा उत्पादक किसानों ने वर्ष २०२१-२२ में संतरा मृग बहार फलफसल बीमा करवाया था. राजस्व विभाग व कृषि विभाग की अनदेखी के कारण स्वयंचलित मौसम केंद्र राजस्व मंडल के मध्यभाग दापोरी में न लगाकर मोर्शी तहसील की सीमापर उमरखेड में लगाने से ५ जनू से १५ दौरान दापोरी में ८५.५ मिमि बारिश दर्ज नहीं हुई. उमरखेड के स्वयंचलित हवामान केंद्र पर १९५ मिमी बारिश दर्ज होने से हिवरखेड सर्कल में कम बारिश होने के बाद भी यहां के किसानों को बीमा की मदद से वंचित रहना पड़ा. बीमा कंपनी को करोड़ों रुपए का फायदा हुआ है. स्वयंचलित मौसम केंद्र बीमा कंपनी के फायदे के लिए या किसानों के लिए है? यह सवाल किसान कर रहे है. हिवरखेड सर्कल के संतरा उत्पादक किसानों को फलफसल बीमा से वंचित रहने से किसानों का करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है. सभी बीमाधारक संतरा उत्पादक किसानों के खाते में जल्द से जल्द सहायता राशि जमा की जाए, तथा हिवरखेड सर्कल का स्वयंचलित मौसम केंद्र दापोरी में लगाकर न्याय दिलाने की मांग राकांपा तहसील उपाध्यक्ष तथा ग्रापं सदस्य रूपेश वालके ने की है.

मौसम केंद्र का उपयोग नहीं
किसानों को प्राकृतिक आपदा से सुरक्षा मिलें इसके लिए मोर्शी तहसील के राजस्व मंडल में स्वयंचलित मौसम केंद्र स्थापित किया गया. किसानों के होनेवाले नुकसान को टालना संभव होने की द़ृष्टि से स्थापित किया मौसम केंद्र उपयोगी नहीं दिखाई दे रहा. बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि तथा आंधी तूफान के कारण किसानों के मुंह तक आया निवाला प्रकृति छिन लेती हे. ऐसे समय गलत स्थान पर लगाया गए मौसम केंद्र का कोई फायदा होता नहीं दिखाई देता.
रूपेश वालके, ग्रापं सदस्य

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