अमरावती

कोई चाय-सब्जी बेच रहा, तो कोई ऑटोरिक्षा चला रहा

तीन माह से चल रही हडताल से एसटी कर्मियों की आर्थिक स्थिति डावाडोल

*घर-परिवार का खर्च चलाने छोटे-मोटे व्यवसाय करने पर हुए मजबूर
अमरावती/दि.28– महाराष्ट्र राज्य परिवहन महामंडल को राज्य की सरकारी सेवा में शामिल किये जाने की मांग को लेकर रापनि कर्मचारियों द्वारा तीन माह पूर्व हडकाल शुरू की गई थी, जो अब भी बदस्तुर जारी है. इस हडताल में शामिल कर्मचारियों का वेतन रापनि द्वारा रोक दिया गया है. साथ ही कई कर्मचारियों पर विभिन्न तरह की कार्रवाईयां करते हुए एक तरह से उनकी आर्थिक नाकाबंदी की गई है. ऐसे में विगत तीन माह से हडताल कर रहे कर्मचारियों के समक्ष अपने घर-परिवार का खर्च चलाने और उदरनिर्वाह करने की समस्या आन पडी है. जिसके चलते कई कर्मचारियों ने अब छोटे-मोटे व्यवसाय करने शुरू कर दिये है. जिसके तहत कोई चाय अथवा सब्जी बेच रहा है, वहीं कोई केले व फल का ठेला लगा रहा है और कोई ऑटोरिक्शा चला रहा है. किंतु इन सभी कर्मचारियों ने तय कर रखा है कि, जब तक राज्य परिवहन निगम का सरकारी सेवा में विलीनीकरण नहीं होता, तब तक यह हडताल खत्म नहीं की जायेगी.

2,410 – रापनि के कुल कर्मचारी
475 – काम पर वापिस लौटे कर्मचारी
1,935 – हडताल पर अडे कर्मचारी
789 – कर्मचारियों पर हुई कार्रवाई

* 789 कर्मचारी निलंबीत
बार-बार काम पर लौट आने का मौका देने के बावजूद भी काम पर नहीं लौटनेवाले कर्मचारियों के खिलाफ अब महामंडल ने कार्रवाई करनी शुरू की है. ऐसे ही 789 कर्मचारियों के खिलाफ निलंबन, निष्कासन व सेवा समाप्ती की कार्रवाई रापनि प्रशासन द्वारा की गई है.

हडताल में शामिल कर्मचारियों से बार-बार काम पर लौट आने का आवाहन किया जा रहा है. इसके तहत खुद अधिकारियों सहित जन प्रतिनिधियों व गणमान्य नागरिकों द्वारा रापनि कर्मियों व उनके परिजनों से मुलाकात करते हुए उन्हें समझाया जा रहा है. लेकिन इसके बावजूद भी जो रापनि कर्मी काम पर नहीं लौट रहे, उनके खिलाफ अब रापनि प्रशासन को मजबूरी में कार्रवाई करनी पड रही है.
– श्रीकांत गभने
रापनि विभाग नियंत्रक

* सब्जी बिक्री का व्यवसाय किया शुरू
अमरावती आगार के एक कर्मचारी को हडताल में शामिल रहने की वजह से वेतन नहीं मिला. ऐसे में इस कर्मचारी ने रास्ते के किनारे साग-सब्जी बेचने का व्यवसाय शुरू किया है. जिससे होनेवाली आय के जरिये वह अपने परिवार का खर्च चला रहा है.

* ऑटोरिक्शा चलाकर उदरनिर्वाह
पुराना अनुभव साथ रहने के चलते एक कर्मचारी ने ऑटोरिक्शा चलाने का निर्णय लिया और इससे होनेवाली कमाई से यह रापनि चालक अपने परिवार का खर्च पूरा कर रहा है. विगत तीन माह से वेतन नहीं मिलने की वजह से इस जैसे कई चालकों को काफी समस्याओं व दिक्कतों का सामना करना पड रहा है.

* फल बिक्री का शुरू किया व्यवसाय
तीन माह से विलीनीकरण की मांग को लेकर रापनि कर्मियोें की हडताल जारी है और हडताल में शामिल कर्मचारियों का वेतन रापनि द्वारा रोक दिया गया है. ऐसे में रापनि के बडनेरा आगार में कार्यरत रहनेवाले बस चालक द्वारा इन दिनों केले का ठेला लगाया जा रहा है, ताकि फलों की बिक्री करते हुए अपने परिवार का खर्च चलाया जा सके.

* चाय बेचकर चल रही आजीविका
वेतन नहीं रहने के चलते दो वक्त की रोटी की समस्या पैदा हो गई. ऐसे में एक वाहक कर्मचारी ने चाय की कैन्टीन लगा ली है, ताकि घर-परिवार का खर्च चलाया जा सके. इसी तरह अन्य कई कर्मचारी भी अलग-अलग तरह के छोटे-मोटे व्यवसाय करते हुए विलीनीकरण की मांग को लेकर हडताल पर डटे हुए है.

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