अमरावती/दि.25-संत गाडगेबाबा अमरावती विद्यापीठ 2023-24 व 2024-25 तक 6 वर्षों के लिए मास्टर प्लान तैयार कर रहा है. हालांकि अधिसभा के सदस्यों ने सोमवार को इस व्यापक योजना में काफी गलतियोें को कमियों का आरोप लगाते हुए विद्यापीठ प्रशासन को कटघरे में खड़ा कर दिया. इस मास्टर प्लांट की अंतिम तारीख 31 जुलाई है. इसलिए प्रस्ताव में गलतियों व त्रुटियों को ठीक करने के बाद ही इसे सरकार को सौंपने का निर्णय किया गया.
कुलगुरु डॉ. प्रमोद येवले की अध्यक्षता में प्र-कुलगुरु डॉ. तुषार वाडेगांवकर, रजिस्ट्रार डॉ. तुषार देशमुख की उपस्थिति में मास्टर प्लान को मंजूरी देने के लिए सीनेट की बैठक हुई. डॉ. सुभाष गवई, डॉ. नीलेश गावंडे, डॉ. संतोष बनसोड, प्रताप अभ्यंकर, डॉ. प्रवीण रघुवंशी, डॉ. रवीन्द्र मुंदे, कैलास चव्हाण, डॉ. आर.डी. सिकची सहित अन्य सीनेट सदस्यों ने मास्टर प्लान में अनेक गलतियां ध्यान में लाकर दी. इस बीच न्यास बोर्ड, विद्या परिषद व प्रबंधन परिषद की मंजूरी के बाद मास्टर प्लान में त्रुटियां रहने पर डॉ. प्रवीण रघुवंशी ने इसे सदन के ध्यान में लाया. डॉ. संतोष बनसोड ने बताया कि 130 पेज की इस व्यापक योजना में 100 से अधिक त्रुटियां है. चर्चा के दौरान सीनेटरों ने प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उपस्थित किए.
प्र-कुलगुरु डॉ. वाडेगावकर ने गलती के लिए खेद व्यक्त किया. इस समय कुलगुरु डॉ. प्रमोद येवले ने निर्णय लिया कि शैक्षणिक और सामाजिक गुणवत्ता बनाए रखने के लिए प्रस्तावित मास्टर प्लान में ेगलतियों को सुधारने के बाद ही शासन को भेजा जाएगा. सोमवार को सीनेट हॉल में इस मास्टर प्लान में गलतियों को दुरुस्त करने के लिए 6 सदस्यीय कमिटी का गठन किया गया. इस सुधार समिति में अध्यक्ष के रुप में डॉ. सुभाष गवई को नियुक्त किया गया. वहीं डॉ. नीलेश गावंडे, डॉ. संतोष बन्सोड, डॉ. रवींद्र मुंद्रे, कैलास चव्हाण, श्रीकांत कालीकर को सदस्य के रुप में शामिल किया गया है.