वरिष्ठ शिक्षाविद् प्रो. नारायण व्यास को भावभीनी श्रद्धांजलि
अद्वितीय अकादमिक प्रतिभा के धनी थे व्यास
* प्रशासन में भी छोडी कार्यों की छाप
अमरावती /दि.13– वरिष्ठ शिक्षाविद् और वाणिज्य संकाय के पूर्व डीन प्रो. नारायण व्यास का 30 दिसंबर 2024 को लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया. प्रो. व्यास अपनी अद्वितीय अकादमिक प्रतिभा और शिक्षण क्षेत्र में दिए गए बहुमूल्य योगदान के लिए जाने जाते थे. उन्होंने विश्वविद्यालय में कई महत्वपूर्ण पदों को सुशोभित किया और वाणिज्य संकाय की सेवा में अपना जीवन समर्पित कर दिया.
वाणिज्य और प्रबंधन अध्ययन मंडल की बैठक के आरंभ में प्रो. नारायण व्यास को श्रद्धांजलि दी गई. उनकी स्मृति में मौन रखकर दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की गई. इस दौरान उनके द्वारा शिक्षा और वाणिज्य संकाय के उत्थान के लिए किए गए कार्यों को याद किया गया. वक्ताओं ने कहा कि प्रो. व्यास ने न केवल शिक्षण के क्षेत्र में बल्कि शैक्षणिक प्रशासन के क्षेत्र में भी अपनी अमिट छाप छोड़ी. उनका मार्गदर्शन और योगदान सदैव स्मरणीय रहेगा. उनकी कमी को पूरा कर पाना असंभव है. शिक्षा जगत के इस महान हस्ती के निधन से शैक्षणिक क्षेत्र में शोक की लहर है. सभी ने एक स्वर में उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की.
सभा में वाणिज्य शाखा के अधिष्ठाता डॉ. दिनेश निचीत, तीन वाणिज्य शाखा के अध्यक्ष डॉ. जयंत गुप्ता, डॉ. संग्राम रघुवंशी तथा डॉ. अरुणा वाडेकर उसी प्रकार अमरावती विश्वविद्यालय के फॅकल्टी सदस्य डॉ. प्रसाद खानझोडे, वाणिज्य तथा व्यवस्थापन बोर्ड ऑफ स्टडीज की सदस्य डॉ. सोनल चांडक, डॉ. वासुदेव गोलाईत, डॉ. उदय काले, डॉ. मनोज पिंपले, डॉ. संगीता शेगोकर, डॉ. भूषण मनगटे, डॉ. राधेश्याम चौधरी, डॉ. अरुणा चुडासमा, डॉ. दीपक निलावार, डॉ. प्रवीण कुलकर्णी, डॉ. तुषार कोटक, डॉ. पंकज विश्वकर्मा, डॉ. दीपक चाचरकर, डॉ. महेश गायकवाड, डॉ. बालकृष्ण इंगले, डॉ. अनूप शर्मा, डॉ. राजकुमार शर्मा, डॉ. लक्ष्मीकांत हुर्णे, डॉ. महेश डाबरे, डॉ. रुपेश कुर्हेकर, डॉ. नंदकिशोर धोंडगे, डॉ. विजय वाकोडे, डॉ. मनोज जंत्रे, डॉ. अजब वानखेडे इत्यादि उपस्थित थे.