सनसनीखेज हत्याकांड से दहला शहर, मेडिकल व्यवसायी उमेश कोल्हे की हत्या
अब तक हत्या को लेकर नहीं मिला कोई सबूत, पुलिस की चार टीमें लगी काम पर
* बीती रात तीन नकाबपोशों ने चाकू से सपासप वार कर उतारा था मौत के घाट
* न्यु हाईस्कूल मेन के सामने घटित हुई थी सनसनीखेज वारदात
अमरावती/दि.22- स्थानीय प्रभात चौक स्थित रचना आर्केड में अमित मेडिकल्स नामक प्रतिष्ठान संचालित करनेवाले उमेश कोल्हे नामक मेडिकल व्यवसायी की बीती रात तीन अज्ञात नकाबपोशों द्वारा योजनाबध्द तरीके से घेरकर चाकू से सपासप वार करते हुए हत्या कर दी गई. यह वारदात उस समय घटित हुई, जब उमेश कोल्हेे बीती रात हमेशा की तरह अपनी दुकान बंद करने के उपरांत अपने घर लौट रहे थे. लेकिन दुकान से निकलकर घंटाघर परिसर होते हुए थोडा ही आगे बढते ही न्यु हाईस्कुल मेन व महिला महाविद्यालय के बीच स्थित संकरे रास्ते पर तीन अज्ञात नकाबपोशों ने उन्हें घेर लिया और उन पर चाकू से सपासप वार किये. जिससे उमेश कोल्हेे लहूलुहान होकर वहीं गिर पडे. जिन्हें पीछे से दूसरी दुपहिया पर सवार होकर आ रहे उनके बेटे व बहु ने तुरंत पास ही स्थित एक्झॉन हॉस्पिटल में भरती कराया, लेकिन तब तक उमेश कोल्हेे की मौत हो चुकी थी. बीती रात घटित हुए इस हत्याकांड की कोतवाली पुलिस द्वारा बडी सघनता के साथ जांच की जा रही है और आरोपियों की सरगर्मी से तलाश की जा रही है, लेकिन अब तक पुलिस के हाथ कोई सूराग नहीं लगे है. ऐसे में पुलिस अब तक यह पता नहीं लगा पायी है कि, आखिर इस हत्याकांड के पीछे मुख्य वजह क्या थी.
इस संदर्भ में मिली जानकारी के मुताबिक स्थानीय ज्ञानमाता हाईस्कुल के पास ही स्थित लोेकमान्य नगर निवासी उमेश कोल्हेे की विगत अनेक वर्षों से प्रभात चौक एवं तहसील कार्यालय परिसर के बीच अमीत मेडिकल्स नामक दुकान है. जहां पर पशु वैद्यकीय दवाईया यानी जानवरों व मवेशियों के लिए लगनेवाली दवाईया मिलती है. यहां पर उमेश कोल्हेे अपने बेटे संकेत कोल्हेे के साथ मिलकर जानवरों की दवाईयों की बिक्री का व्यवसाय करते थे. हमेशा ही उमेश कोल्हेे अपनी दुकान बंद करने के उपरांत दुपहिया पर सवार होकर घंटाघर परिसर को पार करते हुए श्याम चौक परिसर पहुंचते थे और वहां से अपने घर के लिए रवाना होते थे. यह बात शायद पहले से घात लगाये बैठे हमलावरों को पता थी और बीती रात जैसे ही उमेश कोल्हेे अपनी दुकान बंद करने के उपरांत घंटाघर मंदिर की गली में पहुंचे, तो वहां पर पहले से मौजूद तीन नकाबपोश हमलावरों ने चाकू निकालकर उमेश कोल्हेे के गले व सीने पर सपासप वार किये और तुरंत ही पल्सर मोटर साईकिल पर सवार होकर मौके से भाग गये.
* बेटा संकेत अपनी पत्नी के साथ पीछे ही आ रहा था
– आंखों के सामने देखा पिता की मौत का नजारा
इस समय उमेश कोल्हेे के बेटा- बहु भी उनके साथ ही दुकान बंद करते हुए घर जाने के लिए पीछे-पीछे निकले थे, लेकिन वे कुछ समझ पाते, इससे पहले ही तीनों हमलावर अपना काम खत्म करते हुए मौके से भाग निकले थे. पीछे से आ रहे उमेश कोल्हेे के बेटा-बहु ने जब उमेश कोल्हेे पर हो रहे हमले को देखा, तो चीख-पुकार मचानी शुरू की. साथ ही खून से लथपथ उमेश कोल्हेे को तुरंत ही पास ही स्थित एक्झॉन अस्पताल में भरती कराया, लेकिन तब तक उमेश कोल्हेे की मौत हो चुकी थी.
* सीपी आरती सिंह रात में ही मौका-ए-वारदात पर पहुंची
इस समय तक मामले की जानकारी सिटी कोतवाली पुलिस थाने को दी जा चुकी थी और पुलिस तुरंत ही मौके पर पहुंची. मामले की गंभीरता को देखते हुए शहर पुलिस आयुक्त आरती सिंह, पुलिस उपायुक्त विक्रम साली तथा पुलिस निरीक्षक निलीमा आरज जैसे तमाम आला अधिकारी भी मौके पर पहुंच चुके थे.
* न्यू हाईस्कूल मेन के सीसीटीवी कैमरों से नहीं मिली कोई मदद
उल्लेखनीय है कि, जिस स्थान पर यह हत्याकांड घटित हुआ, वहां रात के समय काफी अंधेरा रहता है. ऐसे में न्यू हाईस्कूल मेन की इमारत पर लगे सीसीटीवी कैमरों के फूटेज में भी साफ तौर पर पुलिस को कुछ दिखाई नहीं, ऐसा पता चला है. वहीं यह तथ्य भी सामने आया है कि, जिस स्थान पर यह हत्याकांड घटित हुआ, उस जगह को न्यू हाईस्कूल मेन का कोई भी कैमरा कवर ही नहीं करता. अत: हत्याकांड का पूरा दृश्य इसी कैमरे में कैद होने का सवाल ही नहीं उठता. अलबत्ता न्यु हाईस्कूल मेन की इमारत पर लगे दो कैमरों का एंगल मुख्य सडक की ओर है. ऐसे में मुख्य सडक से घंटाघर की गली में आने-जानेवाले लोगों को देखा जा सकता है, लेकिन पहचाने जाने के लिहाज से यह फूटेज काम में नहीं आ सकते, क्योंकि घटनास्थल की ओर जानेवाला रास्ता इन कैमरों के लिहाज से काफी लाँगशॉट है. ऐसे में न्यू हाईस्कूल मेन की इमारत पर लगे कैमरों से पुलिस को कोई विशेष मदद मिलती नजर नहीं आ रही.
* घुमंतू ने दिया पल्सर गाडी का क्लू
विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इस हत्याकांड की जानकारी मिलते ही घटनास्थल का पंचनामा करने पहुंची पुलिस को इस परिसर के आसपास रहनेवाले घुमंतूओं में से एक व्यक्ति ने बताया कि उसने घंटाघरवाली गली में कुछ देर पहले बडे जोर-जोर से शोर-शराबा सुना था और तीन लडके पल्सर बाईक पर सवार होकर बडी तेजी से भागे है. हालांकि यह व्यक्ति पल्सर बाईक का रंग और नंबर नहीं बता पाया. ऐसे में कोतवाली पुलिस ने मेन रोड को कवर कर रहे सीसीटीवी फुटेज को ध्यान से देखते हुए हत्याकांडवाले समय के पश्चात उस परिसर से गुजरती दिखाई देनेवाली ट्रिपल सीट मोटरबाईक पर अपनी नजर गडानी शुरू की है. हालांकि पुलिस को फिलहाल तक इसमें सफलता नहीं मिली है.
* घंटाघर परिसर बन रहा ‘खतरे की घंटी’
यहां यह उल्लेखनीय है कि, शहर के बीचोंबीच स्थित घंटाघर को ब्रिटीशकालीन ऐतिहासिक वास्तु माना जाता है. साथ ही इसके अगल-बगल में न्यु हाईस्कूल मेन, नूतन कन्या शाला तथा महिला महाविद्यालय जैसी तीन शिक्षा संस्थाए स्थित है. इसके अलावा यहां इसी परिसर में इंडियन बैंक का शाखा कार्यालय व जोशी हॉल भी स्थित है. साथ ही साथ अब घंटाघर के पीछे जोग ट्रस्ट का आयुर्वेदिक दवाखाना और एक्झॉन हॉस्पिटल भी संचालित होता है. ऐसे में श्याम चौक से प्रभात चौक को जोडनेवाली घंटाघर की गली यानी संकरे रास्ते का महत्व बढ जाता है, लेकिन शाम ढलते-ढलते इस परिसर में कई असामाजिक तत्वों का जमावडा लगना शुरू हो जाता है. चूंकि एक छोर से दूसरे छोर तक यह गली सीधी नहीं है, बल्कि इसमें घंटा घर के पास मोड है. ऐसे में रात के समय इस मोड की आड लेकर कई लोगबाग यहां बैठकर शराब पीते है और यहां गांजा-चरस फूंकने के लिए टोलियां भी जमती है. ऐसे में रात के समय इस गली को पार करने किसी भी शरीफ आदमी के लिए खतरे से कम नहीं, क्योंकि इस गली में स्ट्रीट लाईट के जरिये रोशनी की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है. ऐसे में शाम होते ही यह गली पूरी तरह से अंधेरे में भी डूब जाती है. अत: यह जगह असामाजिक तत्वों के लिए उठने-बैठने और शाम बिताने के लिए काफी मुफीद और सुविधाजनक साबित होती है. जिसकी वजह से यहां पर शाम ढलने के बाद कुछ ही अलग ही किस्म के लोगों की रौनक दिखाई देती है. ऐसे में श्याम चौक से प्रभात चौक की ओर जानेवाली इस गली में जगह-जगह पर शराब और पानी की खाली बोतलों के साथ ही डिस्पोजेबल ग्लास एवं चिप्स व कुरकुरे जैसे ‘चकना’ के खाली पैकेट भी कचरे के तौर पर पडे दिखाई देते है. जिन्हें देखकर बडी आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि, इस परिसर में रात के समय क्या कुछ चलता है.
* पहले भी लूटपाट व छेडखानी की कई वारदातें हो चुकी है
याद दिला दें कि, घंटाघर परिसर से होकर गुजरनेवाली इस गली में इससे पहले भी अनेकों बार राहजनी, झपटमारी व लूटपाट सहित महिलाओं व युवतियों के साथ छेडखानी की अनेकों वारदातें घटित हो चुकी है, लेकिन बावजूद इसके इस पूरे परिसर में रात के समय प्रकाश व्यवस्था करने तथा इस गली के चप्पे-चप्पे पर नजर रखने हेतु सीसीटीवी कैमेरे लगाने को लेकर कोई पहल नहीं की गई. जिसके चलते घंटाघर गली का परिसर रात के समय असामाजिक तत्वों का अड्डा बन जाता है.
* हत्या की वजह अब तक नहीं आयी सामने
पता चला है कि, मेडिकल व्यवसायी उमेश कोल्हेे अपने काम से काम रखनेवाले व्यक्ति थे और उनकी शहर में किसी से कोई विशेष अदावत भी नहीं थी. ऐसे में तीन नकाबपोशों द्वारा उन्हें इतनी बेरहमी के साथ योजनाबध्द तरीके से मौत के घाट क्यो उतारा गया तथा इस हत्याकांड के पीछे मुख्य वजह क्या थी, इस सवाल को लेकर पुलिस द्वारा माथापच्ची की जा रही है. साथ ही मामले की जांच करने के लिए सिटी कोतवाली के थानेदार निलीमा आरज ने करीब चार अलग-अलग टीमें बनायी है और इस मामले से जुडे सभी पहलुओं को जांचा-परखा जा रहा है.